Nation: ISRO GSLV-F15 Launching: इसरो ने फिर रचा इतिहास, अंतरिक्ष में लॉन्च किया 100वां मिशन, GSLV-F15 रॉकेट से की नेविगेशन सैटेलाइट की लॉन्चिंग #INA
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ISRO GSLV-F15 Launching: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक के बाद एक नए रिकॉर्ड बना रहा है. इसरो ने बुधवार को अपना 100वां मिशन लॉन्च कर इतिहास रच दिया. दरअसल, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने बुधवार सुबह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी- एफ 15 (GSLV-F15) रॉकेट से नेविगेशन सैटेलाइट (NVS-02) की सफल लॉन्चिंग की. इस मिशन में नाविक के तहत दूसरी पीढ़ी के पांच उपग्रहों को शामिल किया गया है. बता दें कि इससे पहले इसरो ने 29 मई 2023 को जीएसएलवी-एफ12 रॉकेट से एनवीएस-01 की लॉन्चिंग की थी.
क्या है इसरो के इस सैटेलाइट का काम?
बुधवार को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से GSLV-F15 रॉकेट के लॉन्च किए गए नेविगेशन सैटेलाइट (NVS-02) का काम परिवहन में उचित ट्रैकिंग और मार्गदर्शन करना है. जिससे हवाई और समुद्री यातायात को कुशलतापूर्वक ट्रैक किया जा सकेगा. इसके साथ ही इस उपग्रह से सैन्य अभियानों को अंजाम देने के लिए सुरक्षित, स्थानीय नेविगेशन होने से रक्षा क्षमताओं को भी बढ़ावा मिलेगा.
🚀 LIFTOFF! The GSLV-F15 has successfully taken flight, carrying NVS-02 into its planned orbit.
Stay tuned for more mission updates! 🌌 #GSLV #NAVIC #ISRO
— ISRO (@isro) January 29, 2025
इसके साथ ही इस उपग्रह के द्वारा भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ भारतीय भूभाग से करीब 1,500 किमी आगे के क्षेत्रों में यूजर्स को सटीक स्थिति, गति और समय की जानकारी भी मिल सकेगी. एनवीएस-02 सैटेलाइट को नेविगेशन सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए विकसित किया गया है.
✅ Mission Success!
The GSLV-F15/NVS-02 mission has been successfully accomplished.
India reaches new heights in space navigation! 🌟 #GSLV #NAVIC #ISRO
— ISRO (@isro) January 29, 2025
परिवहन, रक्षा और रसद में मिलेगी मदद
इसरो के इस मिशन के तहत नाविक के दूसरी पीढ़ी के पांच उपग्रहों को लॉन्च किया गया है. इस मिशन के पहले चरण की लॉन्चिंग 29 मई 2023 को की गई थी. तब जीएसएलवी-एफ12 के जरिये एनवीएस-01 को लांच किया गया था. इस सैटेलाइट को यूआर सैटेलाइट सेंटर द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है.
इस उपग्रह का वजन करीब 2,250 किलोग्राम है. इसमें एनवीएस-01 की तरह ही सी-बैंड में रेंजिंग पेलोड के साथ एल1, एल5 और एस बैंड में नेविगेशन पेलोड लगाए हैं. एनवीएस-02 उपग्रह परिवहन, रक्षा और रसद में भारत की मदद करेगा. इससे कृषि, उपग्रहों के लिए कक्षा निर्धारण, मोबाइल उपकरणों में लोकेशन आधारित सेवाएं, आपातकालीन सेवाओं में भी मदद मिलेगी.
ISRO GSLV-F15 Launching: इसरो ने फिर रचा इतिहास, अंतरिक्ष में लॉन्च किया 100वां मिशन, GSLV-F15 रॉकेट से की नेविगेशन सैटेलाइट की लॉन्चिंग
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