Nation- श्री सोनल मां की 101वीं जयंती पर हुई नोटों की बारिश, भजन के दौरान उड़ाए पैसे- #NA
सोनल बीज के कार्यक्रम में हुई नोटों की बारिश.
श्री सोनल मां का जन्मोत्सव (सोनल बीज) बीते बुधवार को पूरे गुजरात में मनाया गया. इस अवसर पर देवभूमि द्वारका के खंभालिया में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सोनल मां की 101वीं जयंती समारोह के अवसर पर संतवाणी कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें कलाकारों ने भजन गाए और बड़ी संख्या में लोगों ने भजन गाए. इतना ही नहीं इस दौरान रुपयों की बारिश भी की गई. ऐसे माहौल बनाया गया मानो एक्टर्स पर रुपयों की बारिश हो रही हो. इसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.
गढ़वी चरोना की माताजी प्रथम श्री सोनल संवत् 1980 की पौष सूद बीज तिथि को जूनागढ़ के माढ़ा में अवतरित हुईं. गुजरात में पौष सूद बीजा को ‘सोनल बीज’ के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यह बीज की तिथि लोकप्रिय है. श्री सोनल मां ने अपने जीवन में जनजागरण के अनेक कार्य किए. उन्होंने नशा मुक्ति के लिए अभियान चलाया और लोगों को ब्रह्मचारी जीवन जीने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने लोगों से अंधविश्वास और भ्रम में नहीं पड़ने की अपील की. उन्होंने समाज में फैली कई कुरीतियों को खत्म करने का काम किया.
लड़कियों को बेचने जैसी कुरीतियों को दूर किया
श्री सोनल मां ने चारण समाज को एकजुट करने का अभियान चलाया. उन्होंने गांव-गांव घूमकर लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया. चारण विद्यार्थियों के लिए छात्रावास प्रारंभ किए गए. श्री सोनल मां की लोक कल्याण की यात्रा 18 पीढ़ियों तक फैली हुई है. 100 साल पहले जन्मी और महज 51 साल के जीवन में समाज को बालिका शिक्षा की ओर ले जाने वाली और समाज को शिक्षित करने वाली मां सोनल मरधा गांव में विराजमान हैं. जूनागढ़ के मरधा गांव स्थित में मां सोनल श्री का मंदिर लोगों की आस्था और अटूट विश्वास का केंद्र है.
मरधा गांव में है सोनल मां का मंदिर
गुजरात के सौराष्ट्र को संतों की भूमि कहा जाता रहा है. सौराष्ट्र में जलाराम बापा, नरसिंह मेहता, सेठ शगलशाह, बापा सीताराम, आपागिगा नागबाई जैसे कई संत हुए हैं. इन सभी संतों को इनके जीवनकाल में ही जीवित देवों की तरह पूजा जाता है. यही नहीं, उनके शरीर छोड़ने के बाद आज तक उन्हें समाज का हर तबका पूरा सम्मान देता है. ऐसे ही संतों में श्री सोनल मां भी शामिल हैं. वह सौराष्ट्र के जूनागढ़ से 30 किलोमीटर दूर मरधा गांव में हैं. इस जगह को कैरों का शक्तिपीठ कहा जाता है. स्थानीय लोग दावा करते हैं कि उन्होंने अपने जीवनकाल में कई चमत्कार किए थे.
श्री सोनल मां की 101वीं जयंती पर हुई नोटों की बारिश, भजन के दौरान उड़ाए पैसे
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on https://www.tv9hindi.com/, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,