Nation- सरकारी नौकरी छोड़ी, फिर बने गांव के प्रधान… अब दिल्ली से पहुंचा गणतंत्र दिवस की परेड का न्योता- #NA
ग्राम प्रधान कौशल किशोर राय और उनकी पत्नी
असली भारत गांवों में बसता है. इसी सोच के साथ उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के कौशल किशोर राय ने अपनी जमी जमाई सरकारी नौकरी छोड़ दी. गांव आए और ग्रामीणों का जीवन स्तर ऊपर उठाने के लिए खूब प्रयास किया. फिर वह ग्राम बने तो अपने गांव में विकास की नई ईबारत रखी. उनका यह काम पंचायती राज विभाग के लिए नजीर बन गया है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी देश भर के ग्राम प्रधानों के लिए इससे प्रेरणा लेने की सीख दी है. इसी के साथ कौशल किशोर राय और उनकी पत्नी को 26 जनवरी को दिल्ली में लालकिले के सामने होने वाले गणतंत्र दिवस परेड के लिए आमंत्रण भेजा है.
जी हां, हम बात कर रहे हैं गाजीपुर में कासिमाबाद ब्लाक के पाली गांव के प्रधान कौशल किशोर राय की. कौशल किशोर राय का कहना है कि उनके द्वारा गांव में कराए गए विकास कार्यों को गणतंत्र दिवस के दिन दिखाया जाएगा. प्रधानमंत्री कार्यालय से आए आमंत्रण पत्र के बाद से ही पाली गांव में उत्सव का माहौल है. गांव के लोगों का कहना है कि इस बार का गणतंत्र दिवस उनके लिए बेहद खास है. पहली बार उनके गांव की चर्चा देश भर में हो रही है. बता दें कि उत्तर प्रदेश से गणतंत्र दिवस के परेड में कुल 106 लोगों को आमंत्रण भेजा गया है. इसमें पाली के ग्राम प्रधान कौशल किशोर राय और उनकी पत्नी निर्मला राय भी शामिल हैं.
सरकारी नौकरी में थे कौशल किशोर राय
जानकारी के मुताबिक बलिया जिले की सीमा से सटे पाली गांव में रहने वाले कौशल किशोर राय पहले सरकारी नौकरी में थे. यह गांव जिला मुख्यालय से 42 किमी की दूरी पर है. गांव में समुचित विकास ना होने से दुखी कौशल किशोर राय ने ठान लिया कि उन्हें अपने गांव के लिए कुछ करना है. इसी सोच के साथ वह नौकरी छोड़ कर गांव में आ गए. करीब 5000 की आबादी वाले इस गांव के ही रहने वाले डॉ. आलोक राय भी हैं, जो इस समय लखनऊ विश्वविद्यालय में कुलपति हैं.
जल संरक्षण के लिए काम का सम्मान
कौशल किशोर राय भी उन्हीं के परिवार से हैं. जिला पंचायत राज अधिकारी अंशुल मौर्य के अनुसार प्रधान बनने के बाद कौशल किशोर राय ने जल संरक्षण की दिशा में बेहतर काम किया है. इसके लिए सती मां धाम के पोखरा का रिन्यूएशन कराया और उसका बाउंड्री वॉल बनवाया. इसके बाद 80 लाख रुपए की लागत से अमृत सरोवर का भी निर्माण कराया है. उन्होंने गांव के प्राथमिक विद्यालय का नया भवन और पंचायत भवन का भी निर्माण बेहद खूबसूरत तरीके से कराया है. उनके प्रयासों से ही उनके गांव के लिए रोडवेज बस की सेवा शुरू हुई है.
सरकारी नौकरी छोड़ी, फिर बने गांव के प्रधान… अब दिल्ली से पहुंचा गणतंत्र दिवस की परेड का न्योता
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