Nation: भारत की 'आर्थिक प्रगति' को आकार देने में मनमोहन सिंह की थी 'महत्वपूर्ण भूमिका' : गुटेरेस #INA
संयुक्त राष्ट्र, 28 दिसंबर (.)। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन से दुखी हैं, सिंह ने देश की आर्थिक प्रगति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
यह बात उनकी सहयोगी प्रवक्ता स्टेफनी ट्रेम्बले ने कही।
उन्होंने शुक्रवार को एक बयान में कहा, महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ।
बयान में कहा गया कि उन्होंने भारत के इतिहास में विशेषकर इसकी आर्थिक प्रगति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह ने भारत में महत्वपूर्ण आर्थिक वृद्धि और विकास की अवधि का पर्यवेक्षण किया।
इसमें कहा गया है, उनके नेतृत्व में भारत ने संयुक्त राष्ट्र के साथ अपने सहयोग को भी मजबूत किया तथा वैश्विक पहलों और साझेदारियों में सक्रिय योगदान दिया।
मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने 10 वर्षों के दौरान गुटेरेस के दो पूर्ववर्तियों कोफी अन्नान और बान की मून के साथ सहयोग किया तथा न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के साथ-साथ अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उनसे मुलाकात की।
मनमोहन सिंह ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को पांच बार संबोधित किया। गरीबी उन्मूलन के लिए सतत विकास के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन से लड़ना भी संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे में शीर्ष स्थान पर रहा है।
इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मनमोहन सिंह ने भारत की प्रतिबद्धता दोहराई, लेकिन साथ ही विश्व नेताओं को लगातार याद दिलाया कि विकासशील देशों के ऐतिहासिक संदर्भ को ध्यान में रखा जाना चाहिए और विकसित देशों की उन्हें प्राप्त करने में विशेष जिम्मेदारी है।
2009 में डेनमार्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में उन्होंने घोषणा की थी कि, भारत औद्योगीकरण में देरी से आया है और इसलिए हमने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के संचय में बहुत कम योगदान दिया है, जिसके कारण वैश्विक तापमान में वृद्धि हुई है, लेकिन हम समाधान का हिस्सा बनने के लिए दृढ़ संकल्प हैं।
जब वे प्रधानमंत्री थे और 2015 में ऐतिहासिक पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते के लिए वार्ता शुरू हुई थी, तो उन्होंने यह शर्त रखी थी कि यह समझौता समान होना चाहिए, क्योंकि इसमें ग्रीनहाउस गैस संकट पैदा करने में विकसित देशों की भूमिका असंगत है और विकासशील देशों को इसके दुष्परिणामों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने 2012 में रियो डी जेनेरियो में सतत विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन रियो+ में भी भाग लिया था।
दुनिया भर में विकास के लिए धन मुहैया कराने में कंजूसी के लिए विकसित देशों की आलोचना करते हुए उन्होंने यह भी कहा, सतत विकास के लिए उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का कुशल उपयोग अनिवार्य है। हमें प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग में और अधिक मितव्ययिता बरतनी होगी।
2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने अंतिम संबोधन में उन्होंने कहा, दुनिया भर में घोर गरीबी में जी रहे एक अरब से अधिक लोगों की समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है। गरीबी एक बड़ी राजनीतिक और आर्थिक चुनौती बनी हुई है और इसके उन्मूलन के लिए विशेष ध्यान और नए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि संयुक्त राष्ट्र अपने सतत विकास एजेंडे के लिए स्पष्ट और संक्षिप्त लक्ष्य निर्धारित करे तथा विकासशील देशों के विचारों को पूरी तरह ध्यान में रखते हुए संसाधनों के पर्याप्त प्रवाह और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सहित कार्यान्वयन के व्यावहारिक और सुपरिभाषित साधन उपलब्ध कराए।
–.
एकेएस/केआर
डिस्क्लेमरः यह . न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ हमारा चैनल टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
भारत की 'आर्थिक प्रगति' को आकार देने में मनमोहन सिंह की थी 'महत्वपूर्ण भूमिका' : गुटेरेस
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :->/b>Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on newsnationtv.com, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,