Nation: 'मैच फिक्सिंग – द नेशन एट स्टेक': काले सच को उजागर करती मनोरंजक राजनीतिक थ्रिलर #INA
निर्देशक: केदार गायकवाड़, निर्माता: पल्लवी गुर्जर, कलाकार: विनीत कुमार सिंह, अनुजा साठे, मनोज जोशी, राज अर्जुन, शतफ फिगर, ललित परिमू और किशोर कदम, अवधि: 2 घंटे 26 मिनट, रेटिंग: 4 स्टार।
मैच फिक्सिंग – द नेशन एट स्टेक की कहानी एक पूर्व सैन्य अधिकारी कर्नल कंवर खटाना की किताब द गेम बिहाइंड सैफरन टेरर पर आधारित है। यह मनोरंजक लेकिन विवादास्पद राजनीतिक थ्रिलर भारत-पाक राजनीति के उलझे हुए जाल को उजागर करती है।
यह फिल्म 2004 और 2008 के बीच भारत को हिला देने वाले आतंकी हमलों की एक श्रृंखला को मनोरंजक तरीके से पेश करती है। इन हमलों में 26/11 का मुंबई हमला भी शामिल है।
फिल्म के शुरुआती दृश्य, दर्शकों को साजिशों के एक जटिल जाल की ओर खींचते हैं। फिल्म की कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ती है भारतीय और पाकिस्तानी राजनेताओं और नेताओं के बीच बंद कमरे में हुई बैठकों से एक चौंकाने वाला एजेंडा सामने आता है, जिसमें वोट बैंक की राजनीति के लिए ‘भगवा आतंक’ शब्द गढ़कर हिंदुओं की प्रतिष्ठा को धूमिल करना भी शामिल है।
फिल्म के पहले भाग में भारत और पाकिस्तान की कई साइड स्टोरी को एक साथ बुनते हुए शानदार ढंग से माहौल तैयार किया गया है। फिल्म में खुफिया विभाग का अंडरकवर ऑफिसर बना नायक उन लोगों के लिए कांटा बन जाता है, जो भगवा आतंक की झूठी कहानी को फैलाने में लगे हैं। समझौता एक्सप्रेस और मालेगांव विस्फोट भी इस कहानी को सेकंड हाफ में बेहतरीन टच देते हैं।
जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, दूसरा भाग और भी दिलचस्प होता जाता है, जिसमें विरोधी खतरनाक हमले की योजना बनाते हैं। नायक इस परिस्थिति से देश को कुशलता के साथ निकाल लेता है। कहानी का यह भाग एक विचारोत्तेजक और प्रभावशाली निष्कर्ष की ओर ले जाता है जो क्रेडिट रोल के बाद भी लंबे समय तक बना रहता है, जिसे देखने के बाद दर्शक विचार करने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
निर्माता पल्लवी गुर्जर ने न केवल एक बेहद शक्तिशाली विषय को चुना है, बल्कि फिल्म के लिए हाई प्रोडक्ट तत्वों को भी सुविधाजनक बनाने के साथ ही महत्वपूर्ण विषय को गंभीरता से पर्दे पर उतारा है।
फिल्म की रचनात्मक प्रतिभा का श्रेय काफी हद तक निर्देशक और डीओपी केदार गायकवाड़ को जाता है, जिनकी कहानी कहने की शैली राजनीतिक साजिश, जटिल चरित्र और वास्तविक जीवन की घटनाओं को एक साथ लाती है। उनकी सिनेमैटोग्राफी एक विजुअल ट्रीट है, जो दर्शकों के लिए फिल्म को एक शानदार अनुभव बनाती है।
कर्नल अविनाश पटवर्धन की भूमिका में अभिनेता विनीत कुमार सिंह खूब जंचे हैं और उन्होंने अपने अभिनय को ईमानदारी के साथ निभाया है।
‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ जैसी फिल्मों के बाद, विनीत ने अपने करियर का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन दिया है। विनीत ने एक अंडरकवर एजेंट, सेना अधिकारी और समर्पित पारिवारिक व्यक्ति के रूप में भूमिकाओं के बीच सहजता से बदलाव करते हुए, एक अभिनेता के रूप में अपनी प्रभावशाली रेंज और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है।
विनीत की पत्नी के रूप में अनुजा साठे ने अपने मजबूत और शानदार प्रदर्शन के साथ सही संतुलन बनाया है।
अनुभवी अभिनेता मनोज जोशी और किशोर कदम ने बेहतरीन अभिनय किया है, जो जटिल और अपरंपरागत किरदारों को प्रामाणिकता और गहराई के साथ जीवंत करते हैं।
शताफ फिगर का विशाल व्यक्तित्व, एलेना टुटेजा की अनोखी समानता, रमनजीत कौर की इंटेंसिटी और ललित परिमू की सहजता शानदार है।
फिल्म का सरप्राइज पैकेज राज अर्जुन है। पाकिस्तानी कर्नल का उनका बेहतरीन चित्रण बहुआयामी है। वह अपने किरदार के कार्यों का औचित्य बताने में कामयाब रहे और ये किरदार प्रेरक हैं। इसे निभाते हुए वो उल्लेखनीय सूक्ष्मता के साथ रूढ़िवादिता से बचते हैं।
फिल्म का लोकेशन और प्रोडक्शन डिजाइन शानदार है। टीम ने सटीक तरह से उस समय को सावधानीपूर्वक तैयार किया है। निर्माताओं ने प्रामाणिकता सुनिश्चित की है, हर फ्रेम में विस्तार से ध्यान देते हुए सेना के प्रोटोकॉल को सटीक रूप से दोहराया है।
अनुज एस मेहता की शानदार पटकथा एक दिलचस्प कहानी बुनती है, जो किरदारों को बड़ी कुशलता से जोड़ती जाती है। समीर गरुड़ के धारदार डायलॉग और अभिनेताओं का काम भी शानदार है। लेखन टीम ने एक ऐसा प्रभाव छोड़ा है जो दर्शकों के दिमाग में क्रेडिट रोल के बाद भी लंबे समय तक बना रहता है।
आशीष म्हात्रे ने अपने शानदार संपादन के साथ एक रोमांचक कहानी गढ़ी है, जिसमें उन्होंने इस जटिल विषय पर तनाव और समझ को कुशलता से संतुलित किया है। फिल्म की सबसे खास बात यह है कि यह अनावश्यक रूप से भटकती नहीं है और मुख्य रूप से केंद्रीय कहानी पर ही टिकी रहती है।
रिमी धर ने फिल्म के लिए दो गाने बनाए हैं। पहला दलेर मेहंदी का गाया गया एक शानदार गीत है, जबकि दूसरा मधुर गाना, ये फ्लैशबैक में कहानी को आगे ले जाता है।
ऋषि गिरधर का बैकग्राउंड स्कोर बेहतरीन है, जो हर दृश्य को बेहतर बनाता है।
मैच फिक्सिंग – द नेशन उन लोगों के लिए जरूर देखना चाहिए जो आतंकवाद और षड्यंत्र के सिद्धांतों में उलझी हुई गहन राजनीतिक थ्रिलर पसंद करते हैं।
–.
एमटी/केआर
डिस्क्लेमरः यह . न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ हमारा चैनल टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
'मैच फिक्सिंग – द नेशन एट स्टेक': काले सच को उजागर करती मनोरंजक राजनीतिक थ्रिलर
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :->/b>Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on newsnationtv.com, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,