Nation- मुरादाबाद मेयर को VIP कल्चर की लत! गाड़ी में लगाई लाल-नीती बत्ती और निकल पड़े- #NA

मुरादाबाद मेयर विनोद अग्रवाल.
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में महापौर विनोद अग्रवाल की गाड़ी का वीडियो एक सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिस पर दावा किया गया था महापौर VIP कल्चर का इस्तेमाल कर रहे हैं. जब वायरल वीडियो को लेकर महापौर विनोद अग्रवाल से जानकारी की गई तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मैं कभी भी वीआईपी कल्चर का इस्तेमाल नहीं करता. मैं चौथी बार महापौर बना हूं. यहां की जनता जानती है कि मैं हर बार इसीलिए जीत कर आता हूं कि मैं कभी भी VIP प्रोटोकॉल का इस्तेमाल नहीं करता हूं. जनता के बीच में रहा करता हूं. पता नहीं क्यों कुछ लोगों के द्वारा इस तरीके का वीडियो वायरल करते हुए इस तरीके के दावे किए जा रहे हैं.
मुरादाबाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को लेकर महापौर विनोद अग्रवाल के द्वारा बताया गया कि यह बहुत पुराना वीडियो है. मैं जनपद का प्रथम नागरिक हूं. 15 लाख लोगों के बीच से चुनकर चौथी बार आया हूं और महापौर बना हूं. मुरादाबाद की जनता यह बात बखूबी जानती है कि मैं कभी भी वीआईपी कल्चर का इस्तेमाल नहीं करता हूं. मैं कभी भी VIP प्रोटोकॉल का इस्तेमाल नहीं करता हूं. मैंने कभी भी अपनी गाड़ी पर लाल-नीली बत्ती नहीं लगाई है.
जब तक जनप्रतिनिधियों को बत्ती अलाउड थी, जब तक मेरी गाड़ी पर बत्ती लगी हुई थी. हम हमेशा नॉर्मल गाड़ी से चलते हैं. यह जो गाड़ी का वीडियो वायरल हुआ है, वह म्युनिसिपल कमीशन की गाड़ी है. सरकार के द्वारा यह गाड़ी दी हुई है. मेरे द्वारा कभी भी अपनी पर्सनल गाड़ी पर कोई भी बत्ती नहीं लगाई गई है. ओल्ड वीडियो लोगों के द्वारा वायरल की गई है.
लाल बत्ती का यूज कौन कर सकता है?
लाल बत्ती का उपयोग अब केवल उच्च सरकारी पदों पर बैठे अधिकारियों की गाड़ियों पर ही किया जा सकता है, जिसमें मुख्य तौर पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा अध्यक्ष जैसे अधिकारियों की गाड़ियों पर लाल बत्ती लग सकती है.
लाल बत्ती (लाल फ्लैशर)
इस प्रकार की बत्ती का उपयोग केवल आपातकालीन सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, और पुलिस वाहनों द्वारा किया जा सकता है. इसके साथ ही कलेक्टर और आर्मी के अफसर कर सकते हैं.
नीली बत्ती का यूज कौन कर सकता है?
नीली बत्ती का उपयोग उन वाहनों पर किया जा सकता है जो पुलिस, आपातकालीन सेवाओं या अन्य सरकारी कार्यों से संबंधित होते हैं. यह विशेष रूप से पुलिस अधिकारियों, आपातकालीन सेवाओं और सरकारी एजेंसियों के लिए आरक्षित है.
इन नियमों का मुख्य उद्देश्य ट्रैफिक को नियमित करना और आपातकालीन सेवाओं को बिना बाधा के काम करने देना है. इन बत्तियों का दुरुपयोग रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाए हैं. यह नियम पूरे भारत में लागू हैं और सभी नागरिकों और अधिकारियों को इनका पालन करना अनिवार्य है.
मुरादाबाद मेयर को VIP कल्चर की लत! गाड़ी में लगाई लाल-नीती बत्ती और निकल पड़े
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