Nation- Naga Sadhu in Mahakumbh: कितने प्रकार का श्रृंगार करते हैं नागा साधु? भभूत से लेकर रोली तक है शामिल- #NA

प्रयागराज महाकुंभ में जुटे संत समाज का मानना है कि देश में अधिक से अधिक नागा सन्यासी की संख्या होनी चाहिए. अमृत (शाही) स्नान के समय संतों ने कहा कि न केवल संख्या, बल्कि पढ़े लिखे लोग भी नागा साधु बनें तो समाज के लिए बेहतर है. योनस अमेरिका से आए हैं. योनस भारत की सांस्कृतिक विरासत को समझने की कोशिश कर रहे हैं. टीवी9 भारतवर्ष से खास बातचीत में योनस बताते हैं कि उन्हें नागा साधुओं ने काफी प्रभावित किया है. पिछले चार वर्षों से नागा साधुओं को काफी करीब से देखते वाले योनस नागा से इतने प्रभावित हो चुके हैं कि वह खुद भी नागा सन्यासी बनना चाहते हैं.

सुदामा गिरी जी महाराज महाकुंभ में धुनी रमाए बैठे हैं. टीवी9 भारतवर्ष से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि आसान नहीं है नागा साधु बनना. उन्होंने कहा कि इसके लिए काफी तप और तपस्या करनी होती है. नए साधु को मठ का महंत ही शिक्षित करता है. शुरू के तीन साल वह ‘बानगीदार’ कहा जाता है. उसका काम अखाड़े में होने वाली पूजा-पाठ में मदद करना होता है. सुदामा गिरी जी ने बताया कि खाना बनाने से लेकर हर तरह की शिक्षा उन्हें दी जाती है, जिसमें शस्त्र भी शामिल हैं. पूरे 12 साल की प्रक्रिया से गुजरने के बाद वह नागा बनते हैं.

नागा साधुओं का श्रृंगार

महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान में मकर संक्रांति पर अनोखा नजारा देखने को मिला. घोड़े पर सवार होकर नागा साधु संगम तट की ओर निकल पड़े. पूरे शरीर पर भस्म लगाए अलग-अलग रूपों में नागा साधु दिखाई दिए. नागा साधुओं का श्रृंगार काफी विशेष होता है. नागा सन्यासियों का श्रृंगार 17 तरह का होता है.

  • भभूत- नागा साधु अपने शरीर पर भभूत लगाते हैं.
  • चंदन- नागा साधु हाथ, माथे और गले में चंदन का लेप लगाते हैं.
  • रुद्राक्ष- नागा साधु सिर, गले और बाजुओं में रुद्राक्ष की माला पहनते हैं.
  • तिलक- माथे पर तिलक लगाते हैं.
  • सूरमा- आंखों में सूरमा लगाते हैं.
  • कड़ा- हाथ, पैर और बाजू में कड़ा पहनते हैं.
  • चिमटा- नागा हाथ में चिमटा रखते हैं, जो उनका अस्त्र माना जाता है.
  • डमरू- कुछ साधु हाथ में डमरू रखते हैं.
  • कमंडल- नागा साधु अपने साथ कमंडल रखते हैं.
  • जटा- नागा साधुओं की जटाएं भी एकदम अनोखी होती हैं. जटाओं को पांच बार लपेटकर पंचकेश शृंगार किया जाता है.
  • लंगोट- भगवा लंगोट पहनते हैं.
  • अंगूठी- अंगुलियों में अंगूठी पहनते हैं.
  • रोली- माथे पर रोली का लेप लगाते हैं.
  • कुंडल- चांदी या सोने के बड़े-बड़े कुंडल पहनते हैं.
  • माला- कमर में माला पहनते हैं.
  • विश्वमंगल की जो कामना करते हैं, उसे भी नागा का श्रृंगार माना जाता है.
  • नागा साधु की वाणी को भी उनका एक श्रृंगार माना जाता है.

कितनी है इनकी संख्या?

भारत में नागा साधुओं की संख्या लगभग पांच लाख के आसपास है. वैसे इसकी कोई सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है. नागा साधु मुख्य रूप से अखाड़ों के सदस्य होते हैं. नागा साधुओं में कई वस्त्रधारी और कई दिगंबर (निर्वस्त्र) होते हैं. महिलाएं भी जब संन्यास में दीक्षा लेती हैं तो उन्हें भी नागा बनाया जाता है. कुछ नागा साधु मांसाहारी होते हैं, लेकिन कई शाकाहारी भी होते हैं. नागा साधु बनने के लिए अखाड़ों के पास आवेदन आते हैं, लेकिन सभी को अनुमति नहीं मिलती.

Naga Sadhu in Mahakumbh: कितने प्रकार का श्रृंगार करते हैं नागा साधु? भभूत से लेकर रोली तक है शामिल


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