Nation- ऑपरेशन ढाका: कौन है बांग्लादेशी घुसपैठियों का मददगार? दिल्ली से महाराष्ट्र तक सिंडिकेट का पर्दाफाश- #NA
बांग्लादेशी घुसपैठियों का आका कौन?
महाराष्ट्र में अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ बड़ा एक्शन हुआ है. घुसपैठियों के खिलाफ दो शहरों में एसआईटी की जांच की गई है. कइयों के पास से फर्जी आधार, पैनकार्ड, पासपोर्ट बरामद किए गए हैं. जांच के दायरे में कई सरकारी अफसर और नेता हैं. बताया जा रहा है कि वोट बैंक बढ़ाने के लिए फर्जी दस्तावेज बनवाए जाते थे. इन दस्तावेज को बनाने के पीछे एक बड़ा सिंडिकेट है जो बांग्लादेशी घुसपैठियों को महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में बसाने की साजिश कर रहा है.
कई बांग्लादेशी तो ऐसे हैं जो पिछले कई वर्षो से भारत में अपनी पहचान बदलकर रह रहे थे. मगर जब पुलिस के हत्थे चढ़े तो सारे राज उगल दिए. पुलिस को इन घुसपैठियों से जो जानकारी मिली वो हैरान करने वाली है. ऐसे में सवाल यही है कि आखिर इन घुसपैठियों का मददगार कौन है? पिछले दिनों दिल्ली में भी बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ एक्शन हुआ था. दिल्ली के कालिंदी कुंज, वसंत कुंज, रंगपुरी, रुचि बिहार में अभियान चलाया गया था. दिल्ली पुलिस ने कई घुसपैठियों को वापस बांग्लादेश भेज दिया.
दरअसल, महाराष्ट्र में जिन लोगों की पहचान की गई है, ये सब लोग मुंबई में लंबे वक्त से रह रहे थे और इनके पास वो सारे दस्तावेज थे जो इन्हें भारत का नागरिक बताते हैं. मगर सच्चाई ये है कि ये सब लोग बांग्लादेशी घुसपैठिये हैं. अपनी पहचान को साबित करने के लिए इन लोगों ने जो डॉक्यूमेंट पुलिस को दिखाए वो सब फर्जी निकले. बर्थ सर्टिफिकेट से लेकर आधार कार्ड, राशन कार्ड यहां तक कि पासपोर्ट भी फर्जी थे. फेक डॉक्यूमेंट बनाने वाला एक सिडिंकेट इस पूरे मामले से जुड़ा हुआ है. इस सिंडिकेट में हर फेक डॉक्यूमेंट का रेट फिक्स है. आइए बांग्लादेशी घुसपैठियों के फेक डॉक्यूमेंट की रेट लिस्ट बताते हैं.
- फर्जी आधार कार्ड बनवाने का रेट 5 हजार से 10 हजार रुपये
- फर्जी राशन कार्ड बनावाने का रेट 5000 से 10000 रुपये
- फर्जी डोमिसाइल बनवाने का रेट 10 हजार से 15 हजार रुपये
- फर्जी पेन कार्ड बनवाने का रेट भी 5 हजार से 10 हजार रुपये
- और अगर किसी घुसपैठिये को विदेशी यात्रा के लिए पासपोर्ट बनवाना हो तो वो 50 हजार से 1 लाख रुपये देकर तैयार किया जाता है.
- मुंबई पुलिस के जांच अधिकारी रविसिद्ध ठेंगले ने कहा कि फेक डॉक्यूमेंट बनाने वाला सिंडिकेट इन घुसपैठियों से पैसे वसूलता है और इन्हें गैरकानूनी तरीके से भारत का नागरिक बनाने की गारंटी देता है.
इन घुसपैठियों के एक-एक दस्तावेज को स्कैन किया गया. हर डॉक्यूमेंट की बारीकी से पड़ताल की गई मगर सब फर्जी निकले. फर्जीवाड़ा करके मुंबई में रहे रहे ये बांग्लादेशी घुसपैठिये इस बार पुलिस को चकमा देने में नाकाम रहे. इनके पास से पुलिस को जो मोबाइल फोन मिले. उन्होंने इनके ढाका कनेक्शन की पोल खोलकर रख दी. फोन रिकॉर्ड की जांच की गई तो पता चला कि ये लोग वॉट्सऐप कॉलिंग, फेसबुक कॉलिंग और अलग-अलग सोशल मीडिया ऐप्स के जरिए लगातार बांग्लादेश में अपने सगे संबंधियों के सम्पर्क में थे.
बसेरा मुंबई में और सम्पर्क ढाका में
मुंबई पुलिस इन घुसपैठियों के इस ढाका प्रेम वाली कहानी की परतों को खोलने में भी जुटी है. साथ ही मुंबई समेत महाराष्ट्र के जिन जिन इलाकों में बांग्लादेशी घुसपैठियों ठिकानों की खबर मिल रही है. वहां लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इन्वेस्टिगेशन में ये भी पता चला कि अभी महाराष्ट्र में कई ऐसे इलाके हैं, जहां इस तरह के घुसपैठियों के होने की आशंका जताई जा रही है.
बांग्लादेशी घुसपैठियों की जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार ने नासिक और अमरावती जिले में दो SIT बना दी हैं.अंदेशा है कि इन दो जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों की तादाद पिछले कुछ वक्त में बढ़ी है. इसके अलावा ATS से जुड़े सूत्रों का कहना है कि उत्तर मुंबई में पिछले कुछ वक्त में इनकी तादाद तेजी से बढ़ी है. उत्तर मुंबई के बोरीवली, एमएचबी कॉलोनी का गणपत पाटिल नगर, मालवणी का अंबुज वाडी और दहिसर इलाकों के स्लम्स में अवैध रूप से बांग्लादेशी नागरिक रहने लगे हैं. नवी मुंबई में पनवेल, नेरूल और उरण इलाकों में 12 से 15 हजार बांग्लादेशी घुसपैठियों के रहने की बात कही जा रही हैं.
BJP नेता किरीट सोमैया का बड़ा दावा
बीजेपी नेता किरीट सोमैया का आरोप है कि महाराष्ट्र के अमरावती में प्रशासन के अधिकारी बिना किसी जांच पड़ताल के बांग्लादेशी नागरिकों का जन्म प्रमाणपत्र बना रहे हैं. आरोप हैं कि अमरावती और मालेगांव में 2500 से ज्यादा फर्जी बर्थ सर्टिफिके बनाए जा चुके हैं. यानी जो लोग कभी इस देश के नागरिक थे ही नहीं उनके यहां पैदा होने का सबूत तैयार कर दिया गया है. किरीट सोमैया ने इसके पीछे वोट जिहाद को मकसद बताया.
अमरावती में घुसपैठियों का मददगार कौन ?
- विदर्भ के अमरावती में भी फर्जी दस्तावेज बनाए जा रहे
- बांग्लादेशी-रोहिंग्या नागरिकों के प्रमाण पत्र बनाए जा रहे
- अंजनगाव सुर्जी तहसील में फर्जी दस्तावेज का बड़ा रैकेट
- 2011 में अंजनगाव की कुल आबादी 1 लाख 60 हजार
- 2011 में अंजनगाव की मुस्लिम आबादी 28 हजार 180
- पिछले 6 महीने में बर्थ सर्टिफिकेट के लिए 1450 अप्लीकेशन आए
- 1400 अप्लीकेशन सिर्फ मुस्लिम नागरिकों के आए
- महाराष्ट्र सरकार ने जांच के लिए SIT गठित की
भले ही बॉर्डर पार करके आए बांग्लादेशी नागरिक गुपचुप तरीके से महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाकों में छिपे हों. मगर महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस इस तरह के घुसपैठियों के खिलाफ लगातार अभियान छेड़े हुए हैं. पिछले 3 वर्षों में मुंबई पुलिस ने बांग्लादेशी घुसपैठियों बहुत तगड़ा एक्शन लिया. अलग अलग इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाकर कई बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया गया.
- 2022 में मुंबई पुलिस ने 147 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया जिनमें से 21 को डिपोर्ट किया गया
- 2023 में 368 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार किए गए जिनमें से 68 को वापस भेजा गया
- वहीं पिछले साल 2024 में 413 बांग्लादेशी नागरिक गिफ्तार हुए जिनमें से 133 को वापस उनके देश भेजा गया
- पिछले तीन वर्षों में मुंबई पुलिस ने कुल मिलाकर अवैध रूप से रह रहे 928 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया
बांग्लादेशी घुसपैठियों का ये नेटवर्क सिर्फ फर्जी दस्तावेजों और महाराष्ट्र के कुछ जिलों तक ही सीमित नहीं है. ये हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा भी हो सकते हैं. हालांकि महाराष्ट्र सरकार अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान और घुसपैठियों को गिरफ्तार करने के लिए दो अलग-अलग SIT का गठन कर चुकी है और वो दोनों टीमें इस गैरकानूनी खेल से जुड़े हर मोहरे और हर बड़े खिलाड़ी को दबोचने की पुरजोर कोशिश में लगी है.
ऑपरेशन ढाका: कौन है बांग्लादेशी घुसपैठियों का मददगार? दिल्ली से महाराष्ट्र तक सिंडिकेट का पर्दाफाश
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on https://www.tv9hindi.com/, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,