Nation- जम्मू-कश्मीर में पहले केबल ब्रिज का सफल टेस्ट, रेल मंत्री ने शेयर किया .- #NA

भारतीय रेलवे ने दुनिया की पहली केबल ब्रिज का सफल टेस्ट किया, जिसके साथ भारतीय रेलवे ने एक अनोखा रिकॉर्ड भी कायम किया है. जम्मू कश्मीर के अंजी खंड पर बने पहले केबल स्टे ब्रिज का लो़ टेस्ट किया गया. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर ट्रायल रन का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें इस महत्वपूर्ण परियोजना की प्रगति पर प्रकाश डाला गया है.
यह उपलब्धि जम्मू-कश्मीर में रेलवे कनेक्टिविटी को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसके जनवरी 2025 में शुरू होने की उम्मीद है. रेल मंत्रालय के मुताबिक ‘उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना के एक प्रमुख घटक अंजी खाद पुल पर ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है.’कश्मीर के रेलवे पुलों की मजबूती का परीक्षण एक अद्भुत इंजीनियरिंग करतब है.
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57 डंपरों को पुल पर चढ़ाया गया
इस पुल के ऊपर एक बार में 32 रैक वाली मालगाड़ी और 57 डंपरों को पुल पर चढ़ाकर इसकी मजबूती जांची गई. इस पुल की लंबाई 473.25 मीटर और चौड़ाई 15 मीटर है. पुल बीच में 193 मीटर ऊंचा एकल तोरण बना है. कटरा-बनिहाल रेल खंड पर कटरा से रियासी स्टेशन के बीच अंजी खड्ड पर बने देश के पहले केवल स्टे ब्रिज का आज सफल लोड टेस्ट किया गया.
रेलवे ने बताया है कि संगलदान से रियासी स्टेशन तक इंजन और मालगाड़ी चलाने के पहले ही कई सफल ट्रायल हो चुके हैं, जबकि कटरा-रियासी रेलखंड पर 25 दिसंबर को पहली बार इंजन और फिर लोडेड मालगाड़ी चलाने का ट्रायल किया गया था. जिसमें पहले तो कटरा से इंजन 20 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से रियासी स्टेशन पहुंचा और फिर 30 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से वापस कटरा लौटा.
Load test with freight train and trucks on Anji Khad cable-stayed bridge.
For USBRL, J&K pic.twitter.com/Eqk1zmRLD9
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) December 28, 2024
32 रैक वाली मालगाड़ी कटरा से रियासी स्टेशन पहुंची
उसके बाद आज इस रेलखंड के ट्रैक की दबाव क्षमता की जांच के लिए लोडेड 32 रैक वाली मालगाड़ी कटरा से रियासी स्टेशन पहुंची जिसमें कंकर-बजरी लदी हुई है.जिसका कुल वजन 3300 टन बताया गया है. मालगाड़ी के साथ दो इंजन और ब्रेक के दो विशेष कोच भी जुड़े हैं. दूसरे दिन भी मालगाड़ी रियासी स्टेशन पर ही खड़ी रखी गई.
हर डंपर का वजन 9 टन था
तीसरे दिन शुक्रवार को अंजी खड्ड पर बने देश के पहले केवल स्टे ब्रिज का लोड टेस्ट करने के लिए मालगाड़ी रियासी स्टेशन से चली और उसको केबल स्टे ब्रिज पर जाकर खड़ा कर दिया गया. रेलवे लाइन के साइड में बने 15 फीट चौड़ी जगह पर डंपरों की कतार पहुंचने लगी. एक-एक कर 57 डंपरों को भी पुल पर खड़ा कर दिया गया. हर डंपर का वजन 9 टन था. वहीं सभी डंपरों का वजन एक समान करने के लिए कुछ डंपरों में कुछ माल लादा गया था. इस दौरान इंजीनियरों और विशेषज्ञों की नजरें पुल और केबल की जांच पर टिकी रही. लोड टेस्ट के पहले चरण को पूरा कर मालगाड़ी वापस रियासी लौट गई. रेलवे ने बताया है कि शनिवार को दूसरे चरण में फिर से इसी तरह का लोड टेस्ट किया जाएगा.
2008 में शुरू हुआ निर्माण कार्य
अंजी पुल का निर्माण कार्य साल 2008 में शुरू हुआ था, तब इसका निर्माण आर्च पर होना था. निर्माण में आ रही दिक्कतों को देखते हुए साल 2012 में निर्माण कर रही कंपनी काम को बीच में छोड़कर लौट गई थी. जटिल भौगोलिक संरचना को देखते हुए आर्च के डिजाइन को रद्द कर जहां केबल स्टे ब्रिज बनाने का विचार किया गया. विदेशी निर्माण कंपनी एमएस इटालफेर के डिजाइनर ने अंजी खड्ड पर केवल स्टे ब्रिज बनाने का सुझाव दिया था.
साल 2015 में श्रीधरन कमेटी ने इस साइट का दौरा कर जायजा लिया और फिर उनके सुझाव के बाद ही नए सिरे से केबल स्टे ब्रिज के निर्माण का निर्णय लिया गया गया. 2017 में अंजी खड्ड पर केबल स्टे ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू हुआ जिसका जिम्मा हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनीकोसौंपागया. चिनाब ब्रिज के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊंचा रेलवे पुल है.
जम्मू-कश्मीर में पहले केबल ब्रिज का सफल टेस्ट, रेल मंत्री ने शेयर किया .
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