Nation- राजस्थान: रद्द हुए 9 जिलों में 24 विधानसभा, इनमें 13 बीजेपी के पास…फिर भजनलाल ने क्यों लिया रिस्क- #NA
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा.
देश की सियासत में आमतौर पर सियासी लड़ाई को कुंद करने के लिए जिले का गठन किया जाता है, लेकिन राजस्थान में पहली बार बड़े पैमाने में 9 जिलों के गठन को रद्द किया गया है. शनिवार को कैबिनेट की बैठक में भजनलाल की सरकार ने अशोक गहलोत के फैसले को पलटते हुए दूदू, सांचौर, अनूपगढ़, जयपुर ग्रामीण, शाहपुरा, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, नीमकथाना और गंगापुर सिटी जिले को रद्द करने का फैसला किया है. इन जिलों को रद्द करने के लिए जून 2024 में भजनलाल की सरकार मंत्रियों की एक कमेटी का गठन किया गया था.
भजनलाल के इस फैसले के बाद दो सवाल उठ रहे हैं. पहला, आखिर यह फैसला क्यों लिया गया? दूसरा सवाल जिले की सियासत को लेकर है. देश में आमतौर पर सियासी फायदे के लिए जिले का गठन किया जाता है. जिले के नाम पर पार्टियां मतदाताओं को साधने का काम करती है. ऐसे में भजनलाल ने 9 जिलों को रद्द कर कितना बड़ा रिस्क लिया है?
राजस्थान में क्यों रद्द किए गए 9 जिले?
बीजेपी का कहना है कि राजस्थान में चुनाव से ठीक पहले नियमों को ताक पर रखकर छोटे-छोटे जिले बनाए गए, जो गलत है. कहा जा रहा है कि नए जिले के गठन से सरकार को प्रशासनिक कामों में रिवेन्यू भी ज्यादा खर्च करने पड़ रहे थे.
समीक्षा के लिए गठित 5 मंत्रियों के समूह का मानना है कि जिले के गठन में जनसंख्या और क्षेत्रफल का ध्यान नहीं रखा गया, जिससे प्रशासनिक ढांचे में बहुत ही ज्यादा असमानताएं आ गई थी.
वहीं नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का कहना है कि मध्य प्रदेश में छोटे जिले बनाए गए. वहां बीजेपी की सरकार है, इसलिए रद्द नहीं किया गया.
9 जिले में 24 असेंबली, 13 बीजेपी के पास
भजनलाल की सरकार ने जिन 9 जिलों को रद्द करने का फैसला किया है. वे 9 जिले विधानसभा की करीब 24 सीटों को प्रभावित कर रही थी. मसलन, दूदू में फुलेरा और दूदू, केकड़ी में मसौदा और केकड़ी, शाहपुरा में जहाजपुरा और शाहपुरा, नीमकथाना में श्रीमाधोपुर, खेतरी और उदयपुरवाटी और नीमक थाना गंगापुर सिटी में बामनवास और गंगापुर, जयपुर ग्रामीण में चाकसू, चोमू, आमेर और सांगनेर, जोधपुर ग्रामीण में ओसियां, लूनी और जोधपुर शामिल हैं.
इसी तरह अनूपगढ़ में खजुलवाला, विजयनगर और अनूपगढ़, सांचौर में रानीवाड़ा और सांचौर का नाम शामिल हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में इन 24 में से 13 सीटों पर बीजेपी, 10 पर कांग्रेस और 1 पर निर्दलीय ने जीत दर्ज की.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सांगनेर और डिप्टी सीएम प्रेमचंद्र बैरवा की दूदू सीट भी इनमें शामिल हैं. 2018 में इन 24 में से 12 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. 4 पर निर्दलीय को जीत मिली थी, जबकि 8 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी.
भजनलाल शर्मा ने क्यों लिया रिस्क?
31 दिसंबर 2024 तक ही सीमांकन का अधिकार राज्यों के पास है. जनगणना को लेकर यह डेडलाइन केंद्र की तरफ से जारी की गई है. राज्य सरकार अगर इसे अभी रद्द नहीं करती तो आने वाले वक्त में रद्द को लेकर फैसला लेना आसान नहीं था.
रिस्क लेने की वजह स्थानीय सियासत ही है. जिले का गठन कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित नहीं हुआ. 2023 से पहले इन 9 जिलों में कांग्रेस और उसके निर्दलीय सहयोगियों के पास 16 सीटें थी, लेकिन चुनाव बाद यह संख्या 10 पर पहुंच गई.
वहीं बीजेपी चुनाव से पहले 8 सीटों पर थी, जो जिले गठन के बाद हुए चुनाव में 13 पर पहुंच गई. वो भी तब, जब बीजेपी ने जिले के गठन का विरोध किया था.
राजस्थान: रद्द हुए 9 जिलों में 24 विधानसभा, इनमें 13 बीजेपी के पास…फिर भजनलाल ने क्यों लिया रिस्क
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on https://www.tv9hindi.com/, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,