Nation- ‘भीड़ रौंदती गई, हम 50 लोग…’, भगदड़ की कहानी सुनाते फूट-फूट कर रोया बिहार का शख्स- #NA
![Nation- ‘भीड़ रौंदती गई, हम 50 लोग…’, भगदड़ की कहानी सुनाते फूट-फूट कर रोया बिहार का शख्स- #NA Nation- ‘भीड़ रौंदती गई, हम 50 लोग…’, भगदड़ की कहानी सुनाते फूट-फूट कर रोया बिहार का शख्स- #NA](http://images.tv9hindi.com/wp-content/uploads/2025/01/bihar-4.jpg)
भगदड़ के बाद का मंजर.
भीड़ रौंदती जा रही थी, हम 50 लोग बिछड़ते चले गए… ये शब्द हैं बिहार (Bihar) के नालंदा से महाकुंभ (Mahakumbh Stampede) के लिए आए एक श्रद्धालु के. भगदड़ की कहानी सुनाते-सुनाने उनकी आंखें भर आईं. बोले- मैं अपनों से बिछड़ गया हूं. मेरे साथ आए 49 लोग न जाने कहां हैं. मैं बस उन्हें ढूंढ रहा हूं. अभी तक मुझे मेरा कोई भी अपना नहीं मिला है. मेरा मोबाइल भी गुम हो गया है. सामान मेरे पास कुछ भी नहीं है.
नालंदा ने आए श्रद्धालु ने बताया- हम सभी भक्ति में लीन होकर मेले की तरफ बढ़ रहे थे. लेकिन नहीं जानते थे कि आगे क्या होने वाला है. भीड़ तो थी ही. लेकिन 1 से 1:30 बजे के करीब अचानक से ज्यादा भीड़ होने लगी. हमें लगा कि भीड़ हट जाएगी. धीरे-धीरे मेरा सांस घुटने लगा. कुछ महिलाएं चीखने-चिल्लाने लगीं. कहने लगीं कि सांस आने दो. हमें सांस लेने में दिक्कत हो रही हैं. लेकिन सांस आए भी तो कैसे, भीड़ की इतनी ज्यादा थी.
उन्होंने आगे बताया- हम आधा कदम भी आगे नहीं बढ़ा पा रहे थे. धीरे-धीरे शोर ज्यादा बढ़ने लगा. कुछ लोग धक्का-मुक्की करने लगे. भीड़ के साथ-साथ हम लोग भी कोई दांए तो कोई बाईं ओर खिसकता चला गया. कुछ ही पलों में मेरे अपने कहां गए मुझे कुछ नहीं पता. मैं भी भीड़ से निकलने की जद्दोजहद कर रहा था.अपनों को आवाज भी लगा रहा था, ताकि मैं उनसे दूर न हो पाऊं. लेकिन एक ही पल में हम सभी बिछड़ गए. मेरा परिवार कहां है मुझे नहीं पता.
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भीड़ जरूरत से ज्यादा थी
श्रद्धालु ने बताया- प्रशासन ने व्यावस्था तो ठीक की थी. लेकिन भीड़ बेहिसाब आ गई थी. इतनी, जितने की उम्मीद किसी ने भी नहीं की होगी. मैंने देखा कि कुछ लोग तो भगदड़ में नीचे भी गिर गए थे. कोई उन्हें बचाने की कोशिश कर रहा था तो कोई अपनी जान बचाने में लगा था. मैंने भी एक दो लोगों को बचाने की कोशिश की जो नीचे गिर गए थे. मुझे उस वक्त सिर्फ अपने परिवार की चिंता हो रही थी. मैं तो किसी तरह उस भीड़ से बचकर निकल आया. लेकिन पता नहीं मेरा परिवार और साथ आए बाकी लोग कहां हैं.
परिवार से कॉन्टेक्ट करने की कोशिश
रुआंसे स्वर में वो बोले- मैं हर कहीं उन्हें तलाश रहा हूं. अन्य लोगों ने तो स्नान भी कर लिया. लेकिन मुझे इस वक्त सिर्फ अपनों की चिंता हो रही है. भगवान से बस यही प्रार्थना कर रहा हूं कि मेरे अपने जहां भी हों बस सही सलामत हों. अभी कोशिश कर रहा हूं कि किसी तरह परिवार से कॉन्टेक्ट कर सकूं. हादसे के बाद हर तरफ बस बिखरा सामान, चप्पलें, जूते और कपड़े पड़े हुए थे. खाने के बर्तन और पूजा का सामान भी यहां वहां बिखरा पड़ा दिखा.
‘भीड़ रौंदती गई, हम 50 लोग…’, भगदड़ की कहानी सुनाते फूट-फूट कर रोया बिहार का शख्स
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