Nation- 26 जनवरी को मिला था शौर्य चक्र, एक दिन बाद शहीद हो गए थे कर्नल एम.एन राय; जानें उनकी बहादुरी के किस्से- #NA
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के लाल कर्नल एमएन राय को 26 जनवरी 2015 शौर्य चक्र एवं युद्ध सेवा पदक मिला था, जिसे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सौपा था. लेकिन कर्नल एमएन राय अगले ही दिन 27 जनवरी 2015 को जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए थे. उस वीर सपूत का बलिदान दिवस उनके पैतृक गांव डेढ़गावा में मनाया गया. जिसमें 39 जीटीसी वाराणसी के सेंटर कमांडर ब्रिगेडियर अनिरबन दत्ता ने उनकी प्रतिमा पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया.
रेवतीपुर ब्लॉक के डेढगावां गांव में सोमवार को शौर्य चक्र एवं युद्ध सेवा पदक प्राप्त शहीद कर्नल एमएन राय का दसवां शहादत दिवस मनाया गया,इस दौरान मुख्य अतिथि 39 जीटीसी वाराणसी के सेंटर कमांडर ब्रिगेडियर अनिरबन दत्ता ने शहीद के प्रतिमा पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इस दौरान सेना के जवानों ने मातमी धुन के बीच शहीद को सशस्त्र सलामी दी. इसके उपरांत सेना, पुलिस, गणमान्य, सेना के पूर्व जवानों, परिजनों आदि ने शहीद कर्नल एमएन राय की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि देकर नमन किया. शहीद कर्नल एमएन राय के दसवें शहादत दिवस पर बोलते हुए मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर अनिरबन दत्ता ने कहा कि जिले की मिट्टी में ऐसा क्या है कि यहां वीर अब्दुल हमीद और कर्नल एमएन राय जैसे बहादुर जवान पैदा हुए.
कर्नल एमएन राय का बलिदान दिवस
ब्रिगेडियर अनिरबन दत्ता ने कहा कि मैं इस धरती को प्रणाम करता हूं. उन्होंने कहा कि एमएन राय शुरु से ही बहादुर एवं निर्भिक रहे. मैं उनके साथ रहकर उनके साहस एवं शौर्य को नजदीक से देख चुका हूं. उन्होंने कहा कि सेना किसी भी परिस्थितियों से निपटने में सक्षम हैं. हमारी सेना विश्व की सबसे बहादुर सेनाओं में से एक है. कर्नल एमएन राय के शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता है.
ब्रिगेडियर अनिरबन दत्ता ने कही ये बात
ब्रिगेडियर अनिरबन दत्ता ने कहा कि सैनिक जिस काम की जिम्मेदारी लेता है उसे अंजाम तक पहुंचाता है. यह जिला सैनिकों का है, जिसने कई बहादुर सैनिक दिए. जिन्होंने हंसते हुए मातृभूमि के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया. मालूम हो कि कर्नल एमएन राय के पराक्रम को देखते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति एवं तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर प्रणब मुखर्जी ने 26 जनवरी 2015 को उन्हें शौर्य चक्र एवं युद्ध सेवा पदक देने की घोषणा की थी. लेकिन एक दिन बाद 27 जनवरी 2015 को त्राल (J&K)में आतंकवादियों के मुठभेड़ के दौरान वह शहीद हो गए. इस अवसर पर शहीद के भाई रिटायर्ड कर्नल धीरेंद्र नाथ राय और सीआरपी में डीआईजी वाईएन राय, पत्नी प्रियंका राय, सीआरपी के सहायक कमांडेंट रत्नेश, सूबेदार मेजर संजय खत्री, राजेश कुमार राय, सच्चिदानंद, राधेश्याम, हरिपाल राय, केदार उपाध्याय, पूर्व कैप्टन बब्बन राम आदि मौजूद रहे.
लोगों नहीं हो रहा था विश्वास
जानकारी के मुताबिक, 26 जनवरी 2015 को जब कर्नल एमएन राय को सम्मान मिला. तब उनके गांव और उनके जानने वालों में खुशी की लहर थी. खासकर उनके माता-पिता को लेकिन अगले दिन ही उनके शहीद होने की जब खबर आई तो लोग विश्वास नहीं कर पा रहे थे. एक दिन पहले जहां सम्मान की खुशी में लोग झूम रहे थे. वहीं अगले दिन सभी लोग निराश करने वाली खबर से सहम गए.
26 जनवरी को मिला था शौर्य चक्र, एक दिन बाद शहीद हो गए थे कर्नल एम.एन राय; जानें उनकी बहादुरी के किस्से
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