Nation- West Bengal: कोर्ट ने नाबालिग से रेप और मर्डर मामले में दोषी को सुनाई फांसी की सजा…बताया रेयरेस्ट केस- #NA

नाबालिग बच्ची के साथ रेप और मर्डर

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में एक स्पेशल पोक्सो (POCSO) कोर्ट ने दिल दहला देने वाले मामले में बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने 11 साल की नाबालिग (Minor Girl) लड़की से रेप और मर्डर के दोषी हरीपद रॉय को फांसी की सजा सुनाई. यह जानकारी अभियोजन पक्ष (Prosecutor) के वकील देवाशीष दत्ता ने दी.

यह घटना 29 सितंबर 2023 की है, जब आरोपी हरीपद रॉय ने बच्ची को उसके घर के सामने से अगवा किया था. इसके बाद उसने बच्ची के साथ रेप किया और उसका गला घोंटकर मौत के घाट उतार दिया. कुछ दिनों बाद बच्ची का शव एक बोरे में स्थानीय नदी के पास मिला. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म और गला घोंटकर हत्या की पुष्टि हुई थी.

दुर्लभ में दुर्लभतम केस

स्पेशल पोक्सो कोर्ट के जस्टिस रिंटू सूर ने अपने फैसले में कहा कि यह मामला ‘दुर्लभ में दुर्लभतम’ (Rare of the Rarest) अपराध की श्रेणी में आता है. उन्होंने बताया कि दोषी की अपनी बेटी की उम्र भी पीड़िता के बराबर ही थी. लेकिन इसके बावजूद उसने यह दिल दहला देने वाला जघन्य अपराध किया. कोर्ट ने हरीपद रॉय को दुष्कर्म और हत्या का दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई. इसके साथ ही सबूत नष्ट करने के लिए 7 साल की सश्रम कारावास और 5,000 रुपये जुर्माने की सजा भी दी गई.

कोर्ट ने पांच लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए कहा

न्यायाधीश ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया. अभियोजन पक्ष के वकील ने बताया कि आरोपी पीड़िता का पड़ोसी था और स्थानीय लोगों की गवाही के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया था. यह फैसला न केवल पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की दिशा में एक कदम है, बल्कि समाज में ऐसे जघन्य अपराधों के खिलाफ सख्त संदेश भी देता है.

क्या है पॉक्सो एक्ट?

पॉक्सो एक्ट का निर्माण महिला एंव बाल विकास मंत्रालय द्वारा साल 2012 में ‘Pocso Act -2012’ (Protection of Children From Sexual Offences Act) के नाम से किया गया था. 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के साथ किसी भी प्रकार से सैक्सुअल शोषण करने वाले व्यक्ति पर इस एक्ट के तहत कार्यवाही की जाती है. इस कानून का निर्माण नाबालिग बच्चों के साथ हो रहे यौन उत्पीड़न, यौन शोषण, पोर्नोग्राफी और छेड़छाड़ के मामलों को रोकने के लिए किया गया था. इस कानून के द्वारा अलग-अलग अपराधों के लिए अलग सजा का प्रावधान है.

पॉक्सो एक्ट कब लागू होता है?

18 वर्ष से कम उम्र के नाबालिग बच्चों के शरीर के किसी भी अंग में लिंग या कोई अन्य वस्तु डालना या अन्य किसी प्रकार से गलत बर्ताव करना यौन शोषण कहलाता है. यदि कोई व्यक्ति किसी नाबालिग बच्चे (Minor Child) का यौन शोषण करता है तो उस व्यक्ति पर POCSO ACT के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाती है.

West Bengal: कोर्ट ने नाबालिग से रेप और मर्डर मामले में दोषी को सुनाई फांसी की सजा…बताया रेयरेस्ट केस


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