Nation- आखिर महाराष्ट्र को क्यों अपना ठिकाना बना रहे हैं बांग्लादेशी घुसपैठिए? जानें वजह- #NA
महाराष्ट्र में बांग्लादेशी घुसपैठिए.
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ राज्य पुलिस, एंटी टेरोरिस्ट स्क्वाड ऐक्शन मोड में है. इस कड़ी में पिछले 1 महीने में 200 से ज्यादा ऐसे बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया है, जो मुम्बई,महारष्ट्र में फर्जी कागजात के आधार पर वर्षों से रह रहे थे. इनके पास फर्जी आधार, राशन कार्ड, इंडियन पासपोर्ट, बैंक अकाउंट,फोटोपास, पैन कार्ड, मैरिज सर्टिफिकेट और डोमिसाइल सर्टिफिकेट भी बरामद हुए हैं.
अब सवाल ये है कि वो कौन सा सिंडिकेट है, जो इन बंगलादेशियों को फेक डॉक्यूमेंट बनाकर भारत का नागरिक बना रहा है और ये बांग्लादेसी से भारतीय बनने के बाद यहां किन गतिविधियों में इन्वॉल्व हैं.
सवाल ये भी है कि वो कौन से राजनीतिक दल और संगठन हैं, जो इन बंगलादेशियो को भारत में रहने के लिए मदद करते हैं. इन सबकी जांच करने के लिए अब राज्य सरकार ने दो अलग-अलग जिलों में एसआईटी बना दी है, जिसमें एक नासिक के मालेगांव में और दूसरी अमरावती जिले में है.
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सिर्फ इन दो जिलों में 3 हजार से ज्यादा फेक डॉक्यूमेंट जांच एजेंसियों को मिले हैं. टीवी9 को वो तमाम फेक डॉक्यूमेंट्स की कॉपी हाथ लगी है, जिसके जरिये ये बांग्लादेशी नागरिक मुम्बई-महारष्ट्र में रह रहे थे. टीवी9 ने उन इन्वेस्टिगेशन टीम के साथ इन फेक कागजात का रियलिटी चेक भी किया है, जो टीम इन बंगलादेशियो के सर्च ऑपरेशन में जुटी हुई है.
बंगाल होते हुए घुसपैठिए पहुंचे मुंबई
घाटकोपर पुलिस ने 4 जनवरी को कुल 13 बांग्लादेशियों को नालासोपारा के अचोले गांव से गिरफ्तार किया. दरअसल ये सभी आरोपी एक आरोपी के रिश्तेदार हैं, जो एक साल पहले 24 परगना पश्चिम बंगाल से होते हुए भारत में आए और मुंबई में रहने लगे थे. घाटकोपर के पुलिस इंस्पेक्टर रवि ठेंगले को इस बांग्लादेशी के होने की जानकारी मिली और उन्होंने डीसीपी विजय कांत सागर के नेतृत्व में इस घुसपैठिए को पकड़ लिया.
इससे हुई पूछताछ के बाद पुलिस ने इसके 13 अन्य रिश्तेदारों की जानकारी पताकर उसे नालासोपारा से अरेस्ट किया. इनके पास बांग्लादेश के पासपोर्ट, बांग्लादेश के आधार कार्ड, पहचान पत्र के साथ-साथ भारतीय आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक, मैरिज सर्टिफिकेट और 7 मोबाइल भी पुलिस ने बरामद किया है. साथ ही इनके CD-R की जानकारी लेने के बाद पता चला है कि ये बांग्लादेश कब पिन कोड 0088 पर IMO App, WhatsApp calling, Facebook calling और सोशल मीडिया के अलग अलग एप कालिंग सिस्टम के जरिये जुड़े हुए थे.
मुम्बई के कुर्ला, मानखुर्द, गोवंडी, शिवाजीनगर, मुम्ब्रा, जोगेध्वरी, बांद्रा, मोहम्मद अली रोड, भायखला सहित महाराष्ट्र के मालेगांव, अमरावती, मराठवाड़ा, उत्तर महारष्ट्र में बांग्लादेशी नागरिक बड़े पैमाने पर रहते आये हैं. हालांकि पुलिस और एटीएस की कार्रवाई के बाद से कई बांग्लादेशी परिवार इन इलाकों से गायब हो चुके हैं.
महाराष्ट्र पुलिस ने बांग्लादेशियों को दबोचा
एटीएस ने दिसंबर 2024 से 5 जनवरी 2025 तक विभिन्न पुलिस स्टेशनों में 19 मामले दर्ज किये, जिनमें 44 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया, जो अवैध रूप से रह रहे थे. आलम यह है कि ये अवैध बांग्लादेशी मुंबई और आसपास के जिलों में रहते हुए स्थाई दिहाड़ी मजदूर से लेकर मतदाता तक बन चुके हैं.
ज्वाइंट सीपी लॉ एंड ऑर्डर मुंबई सत्यनारायण चौधरी ने बताया कि हमने पिछले साल 250 से ज्यादा बांग्लादेशियों पकड़ा था और पिछले 1 महीने में हम 100 से ज्यादा बंगलादेशियों को अरेस्ट कर चुके हैं. इनके आका कौन हैं? कौन कागजात बना कर दे रहा है हम उनके पीछे भी लगे हैं.
अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ मुहिम शुरू
मुंबई में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों का मुंबई में रहने का ठिकाना पहले एंटॉप हिल का बंगालीपुरा, डोंगरी, नागपाड़ा, शिवडी, आरएके मार्ग, भायखला, दादर, मदनपुरा और मोहम्मद अली रोड हुआ करता था, लेकिन, अब इनकी तादाद उत्तर मुंबई की ओर भी बढ़ते जा रही हैं.
एटीएस सूत्रों ने बताया कि उत्तर मुंबई के बोरीवली, एमएचबी कॉलोनी का गणपत पाटिल नगर, मालवणी का अंबुज वाडी और दहिसर इलाकों के स्लम्स में अवैध रूप से बांग्लादेशी नागरिक रहने लगे हैं. वहीं नवी मुंबई में पनवेल, नेरूल और उरण आदि क्षेत्रों में 12 से 15 हजार बांग्लादेशी घुसपैठियों के रहने की बात कही जा रही हैं. 2 जनवरी को नवी मुम्बई के पनवेल और 3 जनवरी को शिवाजी नगर में 7 बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए.
वहीं, पुलिस के साथ अब आम नागरिक और सामाजिक संगठन भी अपने अपने इलाको में अवैध बंगलादेशियों की जानकारी बटोर कर पुलिस को दे रहे हैं. भाजपा के कुछ संगठनों ने बांग्लादेशी सर्च संगठन बना लिया है और मुम्बई भर में पोस्टर लगा दिए है कि बांग्लादेशी भागो, इंडिया छोड़ो.
आखिर महाराष्ट्र को क्यों अपना ठिकाना बना रहे हैं बांग्लादेशी घुसपैठिए? जानें वजह
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