Nation- शिवराज के गढ़ में सेंधमारी की तैयारी, विदिशा से कांग्रेस शुरू करेगी संगठन मजबूती का पायलट प्रोजेक्ट- #NA

जीतू पटवारी
गुजरात के बाद बीजेपी का सबसे मजबूत दुर्ग मध्य प्रदेश है. बीजेपी लंबे समय से दोनों ही राज्यों की सत्ता पर काबिज है. कांग्रेस दोबारा से खड़े होने के लिए बीजेपी के सबसे मजबूत दुर्ग को खुद को दुरुस्त करने की कवायद में है. गुजरात की तर्ज पर कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में अपने संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए ‘पायलट प्रोजेक्ट’ शुरू करने जा रही है, जिसका ‘सियासी प्रयोग’ केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के गढ़ और बीजेपी के मजबूत दुर्ग विदिशा में करने की स्ट्रैटेजी बनाई है.
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अभी तीन साल का समय बाकी है, लेकिन कांग्रेस को लगता है कि सूबे की सत्ता में वापसी करना है तो पहले अपने कैडर को खड़ा करना और मजबूत करना होगा. इस मद्देनजर मध्य प्रदेश में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत गुरुवार से करने जा रही है. कांग्रेस के करीब आठ दर्जन यानी 100 नेता जमीन पर उतरकर संगठन को धार देने की कवायद करेंगे.
विदिशा बनेगा कांग्रेस की प्रयोगशाला
बीजेपी के सबसे कद्दावर नेता और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के गढ़ विदिशा से कांग्रेस संगठन सृजन का काम शुरू करने जा रही है. कांग्रेस के 100 से ज्यादा अनुभवी नेता विदिशा जिले की सभी ग्राम पंचायत और शहर-कस्बों के वार्डों में पार्टी संगठन को बनाने का काम शुरू कर रहे हैं. यह पायलट प्रोजेक्ट करीब 20 दिन तक चलेगा.
कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता पायलट प्रोजेक्ट के तहत अगले 20 दिन तक विदिशा जिले की हर ग्राम पंचायत और वार्डों में जाकर संगठन की स्कैनिंग करेंगे. इस दौरान किस गांव, वार्ड में कांग्रेस मजबूत है और कहां कमजोर का आकलन करने के साथ, ये भी प्लान बनाने की कोशिश करेंगे कि पार्टी जहां कमजोर है उसके क्या-क्या कारण रहें हैं. कांग्रेस बूथ समितियों में काम करने वाले कुछ सक्रिय नेताओं और कार्यकर्ता भी फीडबैक जुटाने का काम करेंगे. इसी रिपोर्ट के आकलन पर ही आगे की रणनीति बनाएगी और संगठन की नियुक्तियों की रूपरेखा बनाएगी.
जातीय समीकरण साधने की कवायद
कांग्रेस के एक्सपर्ट की टीम विदिशा जिले की सभी विधानसभाओं में गांव और वार्ड वार जातीय और स्थानीय समीकरणों की भी रिपोर्ट बनाएंगे. इसमें यह देखा जाएगा कि जिस जाति-वर्ग की गांव-वार्ड में बहुलता है. कांग्रेस के स्थानीय संगठन में उस समाज वर्ग के लोगों ही सहभागिता है या नहीं. इसी आधार पर कांग्रेस अपने संगठन में नियुक्ति करेगी और बूथ संगठन की रूपरेखा बनाएगी. इस तरह जाति समीकरण को साधने की रणनीति है. कांग्रेस संगठन में ऊपर से नीचे तक हर जाति के लोगों को शामिल करने की है, जिसमें खासकर फोकस दलित, ओबीसी समुदाय को तवज्जे देने की है.
20 दिनों तक कांग्रेस नेता करेंगे मंथन
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के तमाम बड़े नेता अगले 20 दिनों तक विदिशा जिले की सभी ग्राम पंचायतों और वार्डों में अभियान चलाएंगे और लोगों तक मैसेज पहुंचाएंगे. कांग्रेस के पदाधिकारी अलग-अलग वार्ड और पंचायतों में बैठकों के दौरान पंचायत समिति, वार्ड समिति के संगठन में शामिल किए जाने वाले मजबूत कार्यकर्ताओं के नाम खोजेंगे. इसके बाद आगामी समय में समितियों के गठन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. कांग्रेस साल भर में पंचायत और वार्ड स्तर तक समितियों के गठन का काम प्रदेश भर में पूरा करेगी.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी संगठन सृजन अभियान की खुद जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. कांग्रेस के 100 एक्सपर्ट्स पायलट प्रोजेक्ट के तहत ग्राउंड जीरों पर काम करेंगे और कमजोरियों को दूर करने पर फोकस किया जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट में दो विधानसभाओं की रिपोर्ट डिजिटल तैयार करेगी. इसके अलावा तीन सीटों की रिपोर्ट फिजिकल यानी पेपर पर दर्ज होगी. इस प्रोजेक्ट के दौरान यह देखा जाएगा कि जिन कार्यकर्ताओं को काम दिया गया है, वे डिजिटल रिपोर्टिंग सही कर रहे हैं या कागज पर सही जानकारी दर्ज हो रही है.
विदिशा को ही कांग्रेस ने क्यों चुना?
विदिशा जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस अपने खाता ही नहीं खोल सकी थी. विदिशा जिला मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का गढ़ है. इसे बीजेपी का दुर्ग कहा जाता ऐसे में पार्टी यहीं से मजबूती की शुरुआत करने जा रही है. इस तरह से कांग्रेस यहीं से बीजेपी को टारगेट करने की प्लानिंग बना रही है.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से भी विदिशा नजदीक है. ऐसे में कांग्रेस नेताओं की पहुंच यहां जल्दी होगी, जिससे संगठन का संचालन करने में दिक्कत नहीं होगी. इसके अलावा यहां कांग्रेस की हालत कमजोर है, ऐसे में पार्टी उत्साह भरना चाहती है. लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को यहां बड़ी हार मिली थी, जिससे कांग्रेस यहां फिर से मजबूती से खड़ा होना चाहती है. इस तरह से कांग्रेस आगामी 2028 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत कर लेना चाहती है?
शिवराज के गढ़ में सेंधमारी की तैयारी, विदिशा से कांग्रेस शुरू करेगी संगठन मजबूती का पायलट प्रोजेक्ट
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