National-हमास वाले तरीके से हुआ पहलगाम में हमला, क्या भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय आतंकियों ने रची साजिश? – #INA
Kashmir Pahalgam Attack: इस साल फरवरी की शुरुआत में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में एक हाई-प्रोफाइल रैली हुई। इसमें हमास और लश्कर-ए-तैयबा जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन मौजूद थे। उस आतंकी सम्मेलन के ठीक 75 दिन बाद जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में घातक आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में अब तक दो दर्जन से अधिक नागरिकों की मौत हो चुकी है। इसमें दो विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं, एक इजरायल और दूसरा इटली का।
हमला किसने किया और कैसे हुआ?
आतंकियों ने पहलगाम के एक लोकप्रिय टूरिस्ट स्पॉट पर हमला कर लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग की। शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि हमलावरों ने लोगों की धार्मिक पहचान की पुष्टि करने के बाद उन्हें निशाना बनाया। सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने पुंछ के रास्ते से घाटी में एंट्री की। यह उस जगह के नजदीक है, जहां फरवरी में आतंकी रैली थी।
क्या है PoK सम्मेलन की पृष्ठभूमि?
सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने News18 को बताया कि 5 फरवरी 2025 को रावलकोट (PoK) में ‘कश्मीर सॉलिडेरिटी एंड हमास ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड’ सम्मेलन हुआ था। इसमें 90 से 100 आतंकी शामिल थे, जिसमें से ज्यादातर विदेशी थे। इसमें हमास के नेताओं के साथ-साथ लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM), और लश्कर-ए-मुस्तफा (LeM) जैसे संगठनों के शीर्ष आतंकी शामिल हुए थे।
सम्मेलन में भारत के सबसे वांछित आतंकवादी मसूद अजहर का भाई तल्हा सैफ (Talha Saif) भी जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के प्रमुख सदस्यों के साथ मौजूद था। हमास के प्रतिनिधि- डॉ. खालिद कदूमी, डॉ. नाजी जहीर और अन्य ने मंच से भारत और इजरायल के खिलाफ साझा एजेंडा साझा किया था। सम्मेलन के दौरान आतंकी वक्ताओं ने पाकिस्तान, फिलिस्तीन और अपने-अपने संगठनों के झंडों वाले शॉल ओढ़ रखे थे।
भारतीय एजेंसियों की क्या आशंका थी?
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को पहले से आशंका थी कि इस सम्मेलन के जरिए आतंकी संगठनों के बीच संसाधन और रणनीति का आदान-प्रदान हुआ है। एजेंसियों को हमले की साजिश की खुफिया जानकारी भी थी, लेकिन समय और जगह स्पष्ट नहीं थी। हमले के बाद शुरुआती जांच से पता चलता है कि हमास की आतंक रणनीति से इसकी कार्यप्रणाली काफी मेल खाती है। हालांकि, अभी तक भारतीय जांच एजेंसियों को दोनों के बीच सीधी संलिप्तता के सबूत नहीं मिले हैं।
क्या हमले में दिखता है अंतरराष्ट्रीय पैटर्न?
पहलगाम हमले की योजना, समय और तरीका 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हुए हमास हमले से काफी मेल खाता है। उस हमले में भी हमास ने पहले रॉकेट दागे, फिर घरों में घुसकर नागरिकों पर हमले किए, मकानों में आग लगाई और सामूहिक नरसंहार को अंजाम दिया था। आतंकियों ने एक म्यूजिक फेस्टिवल में 260 लोगों की हत्या की थी। उस हमले में सेना के जवान और पुलिस वालों समेत कुल करीब 1200 लोग मारे गए थे।
जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने उसी तरह से भीषण हमले को अंजाम दिया। उन्होंने एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल पर नागरिकों को निशाना बनाया। हमलावरों ने कथित तौर पर उनकी धार्मिक पहचान जानने के बाद गोलियां चलाईं। इस हमले में दो दर्जन से अधिक लोग मारे गए, जो 2002 के बाद से क्षेत्र में सबसे घातक आतंकी हमला माना जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह हमला पूरी तरह से योजनाबद्ध था और इसकी पूर्व तैयारी की गई थी।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और इजरायल की चिंता
इजरायल सरकार के एक अधिकारी ने बताया है कि हमास के नेता पहले में भी PoK का दौरा कर चुके हैं। इजरायल भारत से आग्रह कर रहा है कि वह हमास को आधिकारिक रूप से आतंकी संगठन घोषित करे। इजरायल को आशंका है कि हमास अब दक्षिण एशिया में भी अपने नेटवर्क को सक्रिय कर रहा है।
आतंकी हमले के बाद का अपडेट
भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर में उच्चस्तरीय सुरक्षा अलर्ट घोषित कर दिया है। गृह मंत्रालय ने केंद्रीय एजेंसियों को हमले की पूरी तहकीकात करने का आदेश दिया है। खुद गृह मंत्री अमित शाह भी श्रीनगर पहुंच गए हैं। यह घटना क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बड़े खतरे की घंटी मानी जा रही है। खासकर, जब आतंकी संगठन दक्षिण एशिया और मध्य-पूर्व में एक साझा फ्रंट बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
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