National-बांग्लादेशी के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान अब नहीं रहे 'स्वतंत्रता सेनानी', यूनुस सरकार ने रद्द किया दर्जा – #INA

Bangladesh News: बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने एक हैरान करने वाला फैसला लिया है। बांग्लादेश सरकार ने मंगलवार (3 जून) रात को एक अध्यादेश जारी किया, जिसमें फ्रीडम फाइटर यानी “स्वतंत्रता सेनानी” शब्द को फिर से परिभाषित किया गया है। इसके तहत पूर्व पीएम शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान को मिले ‘फ्रीडम फाइटर’ का दर्जा रद्द कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश सरकार ने शेख मुजीबुर्रहमान के अलावा 400 अन्य लोगों के लिए भी ‘फ्रीडम फाइटर’ का दर्जा रद्द कर दिया है।
इससे पहले बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद युनुस ने पड़ोसी देश के नोटों से शेख मुजीबुर्रहमान की तस्वीर हटा दी थी। अब बांग्लादेश के कानून मंत्रालय के विधायी और संसदीय मामलों के प्रभाग द्वारा जारी अध्यादेश के अनुसार, इन नेताओं को अब स्वतंत्रता सेनानियों (freedom fighters) के बजाय “मुक्ति युद्ध के सहयोगी” के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के प्रमुख नेताओं जैसे सैयद नजरूल इस्लाम, ताजुद्दीन अहमद, एम. मंसूर अली और एएचएम कमरुज्जमां समेत 400 से अधिक राजनीतिक नेताओं की फ्रीडम फाइटर मान्यता वापस ले ली गई है।
शेख मुजीबुर्रहमान समेत इन नेताओं को अब ‘मुक्तिजुद्धेर शोहोजोगी’ (मुक्ति संग्राम के सहयोगी) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इस फैसले ने बांग्लादेश की राजनीति में नए विवाद को जन्म दिया है। इन नेताओं ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता को प्राप्त करने के लिए पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के खिलाफ युद्ध में भाग लिया था। बांग्लादेश के कानून मंत्रालय की तरफ से जारी अध्यादेश के अनुसार बीर मुक्तिजोद्धा अब केवल वही व्यक्ति होगा, जिसने 26 मार्च से 16 दिसंबर 1971 के बीच बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया हो।
इसमें यह भी कहा गया है कि मान्यता प्राप्त स्वतंत्रता सेनानियों को ऐसे नागरिक होने चाहिए जो युद्ध के समय सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम आयु के थे। इसके अलावा, कहा गया है कि सशस्त्र बलों के सदस्यों को स्वतंत्रता सेनानियों के रूप में जाना जाना चाहिए। जिन महिलाओं को पाकिस्तानी बलों और उनके सहयोगियों, साथ ही सभी डॉक्टरों, नर्सों और मेडिकल सहायकों ने युद्ध के दौरान क्षेत्र के अस्पतालों में घायल सेनानियों को इलाज प्रदान किया था, उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों के रूप में माना जाएगा।
इस बीच, बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक ने 1000, 50 और 20 टका के नए नोट जारी किए हैं। इन नोटों से शेख मुजीबुर्रहमान की तस्वीरों को हटा दिया गया है। इसके अलावा, 500, 200, 100 और 10 टका के नए नोट जल्द जारी होंगे। इसे लेकर बांग्लादेश सेंट्रल बैंक के प्रवक्ता आरिफ हुसैन खान ने कहा कि नई डिजाइन में किसी व्यक्ति की तस्वीर नहीं होगी। नए नोटों पर देश के पारंपरिक स्थलों को जगह मिली है।
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रिपोर्ट के मुताबिक खान ने आगे कहा कि नए नोट सेंट्रल बैंक के हेडक्वार्टर से और बाद में देश भर के बाकी ऑफिस से जारी किए जाएंगे। हालांकि पुराने नोट और सिक्के भी चलन में बने रहेंगे। बताया जा रहा है कि नए नोटों पर हिंदू और बौद्ध मंदिरों की तस्वीरें भी छापी जाएंगी। इन फैसलों को लेकर बांग्लादेश में एक बार फिर से तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
बांग्लादेशी के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान अब नहीं रहे 'स्वतंत्रता सेनानी', यूनुस सरकार ने रद्द किया दर्जा
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