National-Budget 2025 Expectations: नियमों को आसान करें सरकार, जानिए रेस्टोरेंट इंडस्ट्री की और क्या है वित्त मंत्री से मांगे – #INA
बजट 2025 से जायके की दुनिया की उम्मीदें जुड़ी है । रेस्टोरेंट और पब मालिक परमिट और लाइसेंसिंग के नियमों को आसान करने की मांग कर रहे हैं । किसी अच्छे रेस्टोरेंट में खाना जितना आसान लगता है उस रेस्टोरेंट को चलाना आज भी एक पेचीदा काम है । पिछले कई साल से रेस्टोरेंट चला रहीं परमजीत कौर अब इन लाइसेंस और परमिट के जाल से इतनी परेशान हो चुकी हैं कि कई बार वे इस बिजनेस को बंद करने की सोचती हैं । लेकिन सालों की मेहनत से बनाए अपने ब्रांड को भी बचाए रखना चाहती है।
यह दर्द देश के अधिकतर रेस्टोरेंट और पब मालिकों का है , खास तौर पर तब अगर आपको बार का लाइसेंस भी लेना पडे। जानकारों के अनुसार पब और रेंस्टोरेंट के लिए सिर्फ परमिट और लाइसेंस की फीस साल भर में 22 लाख के करीब है । लेकिन इससे भी ज्यादा तकलीफ लंबी कागजी कार्रवाई की वजह से होती है ।
नेशनल रेंस्टोरेंट एसोसिशन ऑफ इंडिया की बजट विशलिस्ट में आसान परमिट के अलावा कई और मांगे हैं। इतनी बड़ी इंडस्ट्री होने के बावजूद, रेस्तरां सेक्टर को अभी तक इंडस्ट्री का दर्जा नहीं मिला है। इससे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता।
रेस्तरां मालिक चाहते हैं कि सेवा निर्यात योजना (SEIS) को फिर से शुरू किया जाए और इससे विदेशी मुद्रा में जो मुनाफा होता है, उस पर 5% ड्यूटी क्रेडिट दिया जाए।
सरकार उन्हें सस्ती बिजली, कचरा प्रबंधन, और सस्ते कर्ज की सुविधा दे।कर्मचारियों के वेलफेयर और सोशल सिक्योरिटी के लिए भी रेस्तरां मालिक सरकार की तरफ देख रहें हैं। कुछ मांगे GST को लेकर हैं लेकिन ये GST इसे मानना GST काउंसिल के हाथ में है।
बदलती अर्थव्यवस्था को देखते हुए रेस्तरां चाहते हैं कि उन्हें 24 घंटे काम करने की इजाजत मिलें। लेकिन सबसे बड़ी मांग नियमों का आसान करना ही है ।
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