National-Diabetes: बाजार में नकली दवाओं की भरमार, डायबिटीज के मरीज रहें अलर्ट, घरेलू इलाज से ब्लड शुगर करें कंट्रोल – #INA
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देश में डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में बहुत से लोग इस कंट्रोल करने के लिए कई तरह उपाय कर रहे हैं। कुछ लोग दवाइयों के सहारे हैं। वहीं कुछ आयुर्वेदिक दवाओं का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन जरा सोचिए कि अगर आपकी दवा ही नकली हो तो क्या होगा? हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से ओजेम्पिक (सेमाग्लूटाइड) ड्रग्स को लेकर एक चेतावनी जारी की गई है। WHO के मुताबिक शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए खाई जाने वाली यह दवा कई जगह नकली मिली है। यह लोगों की सेहत के लिए सही नहीं है।
ऐसे में लोगों को डायबिटीज की नकली दवा खाने से बचना चाहिए। अब सवाल है कि अगर दवा ही नकली आने लगे तो ब्लड शुगर कंट्रोल कैसे होगा? घबराइए नहीं। आज हम यहां आपको कुछ ऐसे घरेलू टिप्स दे रहे हैं। जिसके जरिए आप लाइफ टाइम अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रख सकते हैं।
डायबिटीज के मरीज नकली दवाओं से रहें सावधान
WHO की रिपोर्ट में कहा गया है कि डायबिटीज और वेट लॉस के लिए सेमाग्लूटाइड ड्रग वाली दवा इस्तेमाल की जाती हैं। हालांकि कई देशों में नकली सेमाग्लूटाइड्स की दवाएं मिली हैं। जिससे लोगों की सेहत के लिए खतरा बढ़ गया है। पिछले साल अक्टूबर में ब्राजील, यूनाइटेड किंगडम और आयरलैंड में नकली दवाएं मिली थीं। इसके बाद दिसंबर 2023 में यूएस में नकली दवाओं का पता चला था। डब्ल्यूएचओ ने हेल्थ प्रोफेशनल्स, अथॉरिटीज और लोगों को इन नकली दवाओं के बारे में सचेत रहने की सलाह दी है। इन नकली दवाओं में जरूरी ड्रग्स नहीं है, तो ये दवाएं ब्लड शुगर को अनकंट्रोल कर सकती हैं। इससे शुगर के मरीजों को कॉम्प्लिकेशंस का सामना करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, वेट लॉस के लिए नकली दवाएं लेने से भी गंभीर खतरे पैदा हो सकते हैं। इससे लोगों की मौत भी हो सकती है।
रामकरेला से डायबिटीज की होगी छुट्टी
हेल्थ से जुड़े जानकारों का कहना है कि राम करेला का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम होता है। ऐसे में ये डायबिटीज में ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसे नियमित रूप से सेवन करने से इंसुलिन का लेवल भी सही बना रहता है। ऐसे में ये सब्जी खासकर उन लोगों के लिए ज्यादा फायदा करेगी। जिनका ब्लड शुगर बाउंड्री लाइन पर है। इन सब के अलावा राम करेला में पॉलीपेप्टाइड गुण और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। उत्तराखंड के पहाड़ी राज्यों में राम करेले का उत्पादन सितंबर और अक्टूबर के महीने में होता है। इसकी खासियत यह है कि कम मेहनत के बावजूद भी इसका ज्यादा उत्पादन हो जाता है। इस पहाड़ी करेले में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है। जिससे इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद मिलती है।
पलाश के फूल डायबिटीज के काल
पलाश के फूलों में ग्लूकोसाइड, ब्यूट्रिन, आइसोब्यूट्रिन जैसे रासायनिक तत्व शामिल होते हैं। पलाश में एंटीहाइपरग्लिसेमिक गुण सबसे ज्यादा पाया जाता है, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल को और ज्यादा बेहतर करने में मदद करता है। NCBI (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नॉलोजी इंफॉर्मेशन) के एक रिसर्च के मुताबिक, जब लैब में दो हफ्ते तक 200 मिलीग्राम पलाश का उपयोग चूहों पर किया गया, तो उनका उनका शुगर लेवल और सीरम कोलेस्ट्रोल कंट्रोल हो गया। इसके अलावा पलाश के पत्तों का उपयोग एंटीसेप्टिक के रूप में भी किया जाता है।
कद्दू के बीज
पंपकिन सीड्स या कद्दू के बीज सुपर फूड है। इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो इम्यूनिटी को बूस्ट कर कई बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। एक कप कद्दू के बीज में कार्बोहाइड्रेट न के बराबर होता है। इसलिए यह ब्लड शुगर को बढ़ने नहीं देता है। वहीं पंपकिन सीड्स में हेल्दी फैट्स ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है। जिसकी तासीर गर्म होती है। यह सर्दी में शरीर को गर्म रखने के साथ ही हार्ट के मसल्स को भी मजबूत और लचीला बनाने में मदद करता है।
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Diabetes: बाजार में नकली दवाओं की भरमार, डायबिटीज के मरीज रहें अलर्ट, घरेलू इलाज से ब्लड शुगर करें कंट्रोल
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