National-13 दिनों में चार बार डोली पाकिस्तान की धरती, भूकंप आया या किसी हथियार का टेस्ट? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट – #INA

पाकिस्तान के उत्तरी और पश्चिमी इलाकों में पिछले कुछ दिनों में चार भूकंप आए हैं। भूंकप से पाकिस्तान के जमीन में हलचल तो हुई ही, इसके साथ ही इन भूकंपों की सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा रही। सोशल मीडिया पर कुछ लोग इन भूकंपों को पाकिस्तान के संभावित परमाणु परीक्षण से जोड़ रहे हैं, हालांकि ऐसी किसी गतिविधि की पुष्टि भारत ने भी नहीं की है। ये भूकंप ऐसे वक्त में आए हैं जब हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारत की सैन्य कार्रवाई के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है।

पाकिस्तान सबसे ताज़ा भूकंप सोमवार को आया, जिसकी तीव्रता 4.6 मापी गई। इससे पहले 10 मई को एक ही दिन में दो बार ज़मीन हिली—पहला भूकंप सुबह 4.7 तीव्रता का था और दूसरा 4.0 तीव्रता का। इन भूकंपों ने लोगों के मन में डर तो पैदा किया ही है, साथ ही यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या इन प्राकृतिक घटनाओं का मौजूदा राजनीतिक हालात से कोई संबंध है, या यह महज एक संयोग है।

भूकंप का कारण प्राकृतिक या कुछ और?

भूवैज्ञानिकों और मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हाल के भूकंप हिमालयी क्षेत्र की टेक्टोनिक प्लेट्स में हलचल की वजह से आए हैं। यह इलाका वैसे भी भूकंपीय रूप से सक्रिय माना जाता है, इसलिए यहां भूकंप आना कोई नई बात नहीं है। लेकिन जिस तरह हाल के दिनों में भूकंप बार-बार आ रहे हैं और साथ ही भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव भी बढ़ा है, उसने सोशल मीडिया पर कई तरह की अटकलों को जन्म दे दिया है।

सोशल मीडिया पर कई दावे

12 मई को एक सोशल मीडिया यूजर ने दावा किया, “जियोलोकेशन के आधार पर, किराना हिल्स में पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के भंडारण स्थल है। यहां एर विस्फोट से 4.0 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया।” हालांकि ऐसे दावों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सोशल मीडिया पर इस तरह की थ्योरीज काफी चर्चा में हैं।

पाकिस्तान में पिछले 13 दिनों के भीतर चार भूकंप आ चुके हैं—30 अप्रैल, 5 मई, 10 मई और 12 मई को ज़मीन हिली। इस सिलसिले पर सोशल मीडिया पर कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि ये झटके सिर्फ़ प्राकृतिक हैं या इसके पीछे कोई और वजह छिपी है, जैसे कि भूमिगत परमाणु परीक्षण या कोई सैन्य गतिविधि? एक यूजर ने लिखा, “13 दिनों में 4 भूकंप। सभी झटके लगभग एक जैसे स्थान पर आए हैं। क्या ये सिर्फ प्राकृतिक झटके हैं या फिर किसी बड़े सैन्य ऑपरेशन या परीक्षण का संकेत? सिर्फ ज़मीन नहीं हिल रही, कुछ और भी चल रहा है।” एक और यूजर ने एक्स पर लिखा, “ये प्राकृतिक भूकंप नहीं लगते। ऐसा लगता है जैसे पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों पर कोई बड़ी घटना हुई हो। “

क्या भूकंप के पीछे ये कारण भी हो सकते हैं

कुछ जानकारों ने यह आशंका जताई है कि हाल के भूकंप गुप्त परमाणु परीक्षणों का नतीजा भी हो सकते हैं। उनका कहना है कि यह शक पूरी तरह बेबुनियाद नहीं है। पाकिस्तान पहले भी भूमिगत परमाणु परीक्षण कर चुका है—सबसे मशहूर परीक्षण 1998 में चगाई हिल्स में हुआ था। ऐसे परीक्षणों से ज़मीन में हलचल होती है, जिसे भूकंप मापने वाले यंत्र (सेंसर) पकड़ सकते हैं। इसलिए कुछ लोगों का मानना है कि हाल के झटकों की वजह सिर्फ़ प्राकृतिक नहीं, बल्कि कुछ छिपी हुई गतिविधि भी हो सकती है।

एक्सपर्ट ने कही ये बात

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के निदेशक ओ. पी. मिश्रा ने पाकिस्तान में संभावित परमाणु परीक्षण को लेकर किए जा रहे दावों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, “परमाणु विस्फोट और प्राकृतिक भूकंप के संकेत एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होते हैं। जहां प्राकृतिक भूकंप के दो चरण होते हैं, वहीं परमाणु विस्फोट में एक खास तीसरा चरण होता है, जो सतह से टकराकर लौटने वाली तरंगों की वजह से होता है।” उन्होंने ने बताया कि सीस्मोग्राफ (भूकंप मापने वाला यंत्र) इन दोनों को साफ़ तौर पर पहचान सकता है।

13 दिनों में चार बार डोली पाकिस्तान की धरती, भूकंप आया या किसी हथियार का टेस्ट? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट


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