National-Income Tax: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने या रिवाइज करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर, जानिए नहीं फाइल करने पर क्या होगा – #INA

अगर आपने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 का इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल नहीं किया है या आपको फाइल किए गए रिटर्न में किसी गलती का पता चलता है तो रिटर्न फाइल करने या इसे रिवाइज की अंतिम तारीख 31 दिसंबर, 2024 है। तय तारीख (31 जुलाई, 2024) के बाद फाइल किए गए रिटर्न को बिलेटेड रिटर्न कहा जाता है। इसे संबंधित एसेसमेंट ईयर के 31 दिसंबर तक फाइल किया जा सकता है। रिटर्न को 31 दिसंबर तक ही रिवाइज भी किया जा सकता है। इस डेडलाइन तक दोनों काम नहीं करने पर पेनाल्टी चुकाना पड़ सकती है। कुछ मामलों में जेल सहित कानूनी कार्रवाई तक सामना करना पड़ सकता है।
अपडेटेड रिटर्न की फाइलिंग
31 दिसंबर के बाद टैक्सपेयर्स के पास अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) 31 मार्च, 2025 तक फाइल करने का विकल्प है। इसमें अगर टैक्स लायबिलिटी है तो एडिशनल टैक्स पेनाल्टी लगती है। यह कुल बकाया टैक्स (सेस, सरचार्ज और इंटरेस्ट सहित) की 25 फीसदी होती है। इसलिए भारी पेनाल्टी चुकाने से बचने के लिए दिसंबर की डेडलाइन से पहले रिटर्न फाइस करना या रिवाइज करना जरूरी है।
अगर आप रिटर्न फाइल कर रहे हैं या आईटीआर रिवाइज कर रहे हैं तो आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होगा:
1. अपने एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटेमेंट (AIS) और फॉर्म 26एएस को रिव्यू करें
एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS)
एआईएस टैक्स अथॉरिटीज के लिए एक अहम टूल बन गया है। इसके जरिए अथॉरिटीज कई स्रोतों से होने वाली इनकम पर नजर रखती है। इनमें बैंक इंटरेस्ट, स्टॉक ट्रांजेक्शंस और दूसरे इनवेस्टमेंट शामिल हैं। इसमें कई स्रोतों से इनकम शामिल होती है और इसे समय-समय पर अपडेट किया जाता है।
अगर आपने FY2023-24 का आईटीआर फाइल कर दिया है तो भी आपके एआईएस में नए डेटा के शामिल होने की संभावना है। आपको फाइल किए गए अपने आईटीआर के डेटा का मिलान एआईएस के नए डेटा से करना होगा। जरूरी होने पर आपने रिटर्न को रिवाइज कर सकते हैं। आप इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग-इन अपने एआईएस को देख सकते हैं।
फॉर्म 26एएस
फॉर्म 26एएस में मुख्य रूप से टैक्स डिडक्टेड या कलेक्टेड एट सोर्स (TDS/TCS) की डिटेल जानकारी होती है। अगर पहले फाइल किए गए आपके आईटीआर कोई टीडीएस/टीसीएस शामिल नहीं है तो रिटर्न को रिवाइज कर सकते हैं। इससे आपको रिफंड लेने में मदद मिल सकती है।
2. 30 दिन के अंदर ई-वेरिफिकेशन
बिलेटेड या रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने के बाद आपको उसे 30 दिन के अंदर वेरिफाइ करना होगा। यह काम आप इलेक्ट्रॉनिक तरीके से या मैनुअली कर सकते हैं। मैनुअल तरीके में आपको हस्ताक्षर की गई फिजिकल कॉपी सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) बेंगलुरु भेजना होगा। रिटर्न फाइल करने की तारीख से 30 दिन के अंदर वेरिफाइ नहीं करने पर रिटर्न इनवैलिड हो जाता है। इससे इनकम टैक्स एक्ट के तहत पेनाल्टी सहित दूसरी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
यह ध्यान में रखना होगा कि अगर आप आईटीआर-V भेज रहे हैं तो आपको इसे सिर्फ स्पीड पोस्ट से भेजना होगा और पोस्टल रिसीट को अपने पास सुरक्षित रखना होगा।
3. लेट फाइलिंग फीस और इंटरेस्ट
अगर आप रिटर्न फाइल करने की ऑरिजिनल डेट मिस कर जाते हैं तो आपको लेट फाइलिंग फीस चुकानी होगी:
-5 लाख रुपये से कम इनकम पर 1,000 रुपये की पेनाल्टी लगेगी
-5 लाख रुपये से ज्यादा इनकम होने पर 5,000 रुपये पेनाल्टी लगेगी
इसके अलावा टैक्स बकाया होने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 234ए से 234सी के तहत इंटरेस्ट चुकाना पड़ सकता है।
4. नॉन-फाइलिंग पर आपराधिक मामला
इनकम टैक्स एक्ट के तहत जानबूझकर आईटीआर फाइल नहीं करने पर 7 साल तक जेल की सजा हो सकती है। हालांकि, अगर टैक्स अमाउंट 10,000 रुपये से कम है तो आपराधिक मामला नहीं चलेगा।
बीते सालों में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आईटीआर फाइल नहीं करने और टैक्स चोरी करने वाले लोगों के खिलाफ सख्ती बढ़ाई है। ऐसे डिफॉल्टर्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
31 दिसंबर की डेडलाइन नजदीक आ गई है। यह इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने या रिवाइज करने का अंतिम मौका है। इससे टैक्सपेयर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की पेनाल्टी और नोटिस से बच सकता है। इनकम टैक्स के नियमों का पालन नहीं करने या कम इनकम दिखाने पर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। जुर्माना देना पड़ सकता है या कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
आज ही इकनम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग-इन करें। फिर अपना रिटर्न फाइल कर दें या रिवाइज कर दें। अगर आपको इसमें कोई दिक्कत आती है तो आप अपने चार्टर्ड अकाउंटटेंट की मदद ले सकते हैं।
Income Tax: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने या रिवाइज करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर, जानिए नहीं फाइल करने पर क्या होगा
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on hindi.moneycontrol.com, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,