National-JNU Election Result 2025: जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में वामपंथियों का दबदबा बरकरार, ABVP ने 9 साल बाद रचा इतिहास – #INA

JNU Election Result 2025: जवाहर लाल नेहरू छात्र संघ (JNUSU) चुनाव में वामपंथी उम्मीदवारों ने केंद्रीय पैनल के चार पद में से तीन पर जीत हासिल कर अपना दबदबा बरकरार रखा। वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने संयुक्त सचिव पद जीता। एबीवीपी ने 9 साल के अंतराल के बाद इतिहास रचते हुए जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में कोई पद जीता है। यह जीत जेएनयू की छात्र राजनीति में एक बड़े बदलाव का संकेत दे रही है।

JNUSU निर्वाचन आयोग द्वारा रविवार (27 अप्रैल) को आधी रात के बाद घोषित किए गए परिणाम के अनुसार ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) के नीतीश कुमार ने 1,702 वोट हासिल कर अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की।

वहीं, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन’ (DSF) की मनीषा ने 1,150 वोट हासिल कर उपाध्यक्ष पद जीता। जबकि मुन्तेहा फातिमा ने 1,520 वोट हासिल कर महासचिव पद पर जीत हासिल की। संयुक्त सचिव पद पर एबीवीपी के वैभव मीणा ने 1,518 वोट हासिल कर जीत प्राप्त है।

इस बार के चुनाव में आइसा ने डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) के साथ गठबंधन किया था। जबकि स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) ने बिरसा आंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन (बीएपीएसए) और प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स एसोसिएशन (पीएसए) के साथ गठबंधन किया।

एबीवीपी ने अकेले चुनाव लड़ा था। जेएनयूएसयू चुनाव के लिए 25 अप्रैल को 7,906 पात्र छात्रों में से 5,500 ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। ABVP ने अपनी जीत को जेएनयू के राजनीतिक परिदृश्य में एक ऐतिहासिक बदलाव करार दिया। उन्होंने कहा कि ABVP ने वामपंथियों के “तथाकथित लाल किले” को तोड़ दिया।

एबीवीपी ने एक बयान में कहा, “जेएनयू में यह जीत न केवल एबीवीपी की सक्रिय मेहनत और छात्रों की राष्ट्रवादी सोच के प्रति आस्था और प्रतिबद्धता का प्रमाण है, बल्कि यह उन सभी छात्रों की जीत भी है जो शिक्षा को राष्ट्र-निर्माण की नींव मानते हैं। यह जेएनयू में वामपंथियों द्वारा वर्षों से स्थापित तथाकथित वैचारिक अत्याचार के खिलाफ एक लोकतांत्रिक क्रांति है।”

नवनिर्वाचित संयुक्त सचिव मीना ने कहा, “मैं इस जीत को अपनी व्यक्तिगत उपलब्धि या लाभ के रूप में नहीं देख रहा हूं, बल्कि यह आदिवासी चेतना और राष्ट्रवादी विचारधारा की एक बड़ी और आकर्षक जीत है, जिसे वामपंथियों ने वर्षों से दबा रखा था।”

उन्होंने कहा, “यह सफलता उन छात्रों का प्रतीक है जो सांस्कृतिक पहचान और राष्ट्र के पुनर्निर्माण की भावना को पूरे दिल से बनाए रखते हुए शिक्षा में आगे बढ़ना चाहते हैं।” 25 अप्रैल को हुए मतदान में 7,906 पात्र छात्रों में से लगभग 5,500 ने अपने वोट डाले। हालांकि मतदान 2023 में दर्ज 73 प्रतिशत से थोड़ा कम था। लेकिन यह 2012 के बाद से सबसे अधिक था।

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चार केंद्रीय पैनल पदों के लिए 29 उम्मीदवार और 44 पार्षद सीटों के लिए 200 उम्मीदवार मैदान में थे। कोविड के प्रकोप के बाद चार साल के अंतराल के बाद मार्च 2024 के चुनावों में यूनाइटेड लेफ्ट ने चार केंद्रीय पैनल पदों में से तीन जीते। जबकि BAPSA ने एक हासिल किया।

JNU Election Result 2025: जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में वामपंथियों का दबदबा बरकरार, ABVP ने 9 साल बाद रचा इतिहास


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