National-Mahakumbh Stampede: महाकुंभ में मची भगदड़ ने ले ली 30 लोगों की जान, 60 लोग घायल, CM योगी ने दिए न्यायिक जांच के आदेश – #INA

मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज महाकुंभ के संगम क्षेत्र में मंगलवार देर रात पवित्र स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के पहुंचने से मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया है। उत्तर प्रदेश सरकार भगदड़ में मरने वालों की संख्या को लेकर दिन भर चुप्पी साधे रही। हालांकि, घटना के लगभग 16 घंटे बाद बुधवार देर शाम पुलिस उपमहानिरीक्षक (DIG) वैभव कृष्ण ने मेला अधिकारी विजय किरण आनंद के साथ ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि भगदड़ में कुल 90 लोग घायल हुए थे, जिनमें से 30 की मौत हो गई।

उन्होंने बताया कि 25 मृतकों की पहचान हो गई है और बाकी की पहचान की जा रही है। अधिकारी ने बताया कि मृतकों में कर्नाटक के चार, असम और गुजरात के रहने वाले एक-एक व्यक्ति भी शामिल हैं। DIG ने बताया कि कुछ लोग घायल हुए अपने परिवार के सदस्यों को लेकर चले गए। अधिकारी ने बताया कि इस समय 36 घायलों का इलाज स्थानीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में किया जा रहा है।

कृष्ण ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला प्रशासन की ओर से हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है, जिस पर अगर कोई व्यक्ति लापता है तो उसके संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

कैसे मची भगदड़?

उन्होंने भगदड़ के कारण के बारे में बताया, “मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त से पहले देर रात एक से दो बजे के बीच मेला क्षेत्र में अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ का दबाव बना। उस दबाव के कारण दूसरी ओर के बैरीकेड टूट गए और भीड़ के लोगों ने बैरीकेड लांघ कर दूसरी तरफ ब्रह्म मुहूर्त के स्नान का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को अनजाने में कुचलना शुरू कर दिया। इसी वजह से यह घटना हुई।”

मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने कहा, “मेला प्रशासन की प्राथमिकता है कि जो भी लोग स्नान करने आए हैं, वे सुरक्षित अपने गंतव्य तक वापस पहुंचे।”

CM योगी ने दिए न्यायिक जांच के आदेश

इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार देर रात मची भगदड़ के कारणों की जांच के लिए न्यायिक जांच का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की।

जांच आयोग की अध्यक्षता पूर्व न्यायमूर्ति हर्ष कुमार करेंगे और इसमें पूर्व पुलिस महानिदेशक वीके गुप्ता और रिटायर IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी डीके सिंह भी शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि न्यायिक जांच के साथ-साथ पूरे मामले की अलग से पुलिस जांच भी की जाएगी। उन्होंने कहा, “पूरे मामले की तह तक जाना जरूरी है कि ऐसी घटना कैसे हुई।” योगी ने कहा कि मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेश्क (DGP) गहन जांच के लिए बृहस्पतिवार को महाकुंभ का दौरा करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस ‘हादसे’ को ‘अत्यंत दुखद’ करार दिया और इसमें अपने परिजनों को खोने वाले श्रद्धालुओं के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की।

अखाड़ा परिषद ने भगदड़ को बताया ‘साजिश’

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भगदड़ को विपक्ष की ‘साजिश’ बताते हुए इसे जांच का विषय करार दिया है।

इससे पहले, हादसे के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चार बार बात कर चुके प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा कि वह उत्तर प्रदेश सरकार के साथ निरंतर संपर्क में बने हुए हैं।

बाद में दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर करतार नगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘जो दुःखद हादसा हुआ है, उस हादसे में हमें कुछ पुण्यात्माओं को खोना पड़ा है, कई लोगों को चोट भी आई है। मैं प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उत्तर प्रदेश सरकार के साथ निरंतर संपर्क में हूं। मौनी अमावस्या की वजह से करोड़ों श्रद्धालु आज वहां पहुंचे हुए हैं। कुछ समय के लिए स्नान की प्रक्रिया में रुकावटें आई थी। लेकिन अब कई घंटों से सुचारू रुप से श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं। मैं एक बार फिर परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।’’

राज्य सरकार इस घटना में हुई मौतों को लेकर शाम तक चुप्पी साधे रही। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने भगदड़ के बाद स्थिति की समीक्षा के लिए लखनऊ में मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक समेत अनेक वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि हादसे में कुछ श्रद्धालु ‘गंभीर रूप से घायल’ हुए हैं।

भगदड़ के कारण संगम में अखाड़ों का स्नान सुबह के बजाय दोपहर करीब ढाई बजे शुरू हुआ। अलग-अलग अखाड़ों के साधुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगायी।

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