National-Marriage Loan: शादी के लिए लोन ले रहे हैं? इन 5 बातों पर जरूर करें गौर – #INA

Marriage Loan: शादी एक यादगार लम्हा होता है, लेकिन इसमें काफी खर्च भी होता है। जब बचत कम हो और खर्चे सिर पर हों, तब कई लोग पर्सनल लोन लेने का विकल्प चुनते हैं। पर्सनल लोन, खासकर शादी जैसे इवेंट्स के लिए फौरी राहत जरूर देते हैं। लेकिन, यह राहत कहीं भविष्य की परेशानी न बन जाए, इसके लिए सोच-समझकर कदम उठाना जरूरी है।
हालांकि पर्सनल लोन बिना किसी सिक्योरिटी के मिल जाता है और प्रोसेसिंग भी आसान होती है, मगर इन पर ब्याज दर काफी ऊंची होती है। ऐसे में अगर आप शादी के लिए पर्सनल लोन लेने का सोच रहे हैं, तो आपको 5 बातों पर गंभीरता विचार करना चाहिए।
1. शादी के लिए कितना लोन लेना चाहिए?
सबसे पहले अपने शादी के बजट को लेकर ईमानदार रहें। आपको खुद से सवाल करना चाहिए कि क्या हर चीज जरूरी है? क्या कुछ खर्च टाला या घटाया जा सकता है? शादी के खर्च का चार्ट बनाएं और देखें कि किन हिस्सों को सेविंग्स से कवर किया जा सकता है, और किनके लिए लोन जरूरी है। याद रखें कि लोन लेना आसान है, लेकिन उसे चुकाना मुश्किल भी हो सकता है।
2. किस बैंक या NBFC से लोन लेना सही?
हर बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) अपने-अपने नियम और ब्याज दरों के साथ लोन देती है। किसी का ब्याज फ्लोटिंग होता है, किसी का फिक्स्ड। साथ ही, प्रोसेसिंग फीस, प्रीपेमेंट चार्ज और लेट पेमेंट पेनल्टी जैसे कई हिडेन चार्ज यानी छिपे खर्च भी होते हैं। इसलिए केवल EMI देखकर फैसला न लें। ऑनलाइन लोन कम्पेयर टूल्स का इस्तेमाल करें और बेस्ट ऑफर को शॉर्टलिस्ट करें।
3. EMI नहीं, पूरे लोन की कीमत समझें
कई बार हम सिर्फ ये सोचते हैं कि EMI कितनी कम आ रही है। लेकिन सच्चाई ये है कि लंबे टेन्योर वाले लोन में कुल मिलाकर आपको कहीं ज्यादा ब्याज देना पड़ सकता है। प्रोसेसिंग फीस, स्टॉम्प ड्यूटी, फोरक्लोजर चार्ज- इन सबका भी जोड़ लगाएं। शादी के बाद नए खर्चों का दौर शुरू होता है, ऐसे में ज्यादा कर्ज एक बोझ बन सकता है।
4. EMI आपकी आमदनी में फिट होनी चाहिए
EMI इतनी होनी चाहिए कि वह आपकी सैलरी या इनकम का 30-40% से ज्यादा न हो। शादी के बाद नई जिंदगी शुरू होती है। नया घर, ट्रैवल, फर्नीचर, मेडिकल इमरजेंसी जैसी जरूरतें भी साथ आती हैं। ऐसे में एक बड़ी EMI आपके मासिक बजट को बिगाड़ सकती है और जरूरी सेविंग्स पर असर डाल सकती है।
5. क्रेडिट स्कोर लोन की शर्तें तय करता है
अगर आपका क्रेडिट स्कोर 700 से ऊपर है, तो आपको कम ब्याज दर पर लोन मिलने की संभावना ज्यादा है। लेकिन अगर स्कोर कम है, तो लोन मिलना मुश्किल हो सकता है या ब्याज काफी ज्यादा लगेगा। ऐसे में बेहतर यही है कि आप लोन से पहले स्कोर सुधारने की कोशिश करें। क्रेडिट कार्ड का सही इस्तेमाल करें, पुराने लोन समय से चुकाएं और कोई नया कर्ज न लें।
इन बातों का भी रखें ख्याल
‘इंस्टेंट लोन’ या ‘नो डॉक्युमेंट लोन’ जैसे ऑफर्स में अक्सर बहुत ज्यादा ब्याज दरें होती हैं। ये शॉर्ट टर्म में आसान लग सकते हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म में काफी महंगे साबित हो सकते हैं। अगर आपके परिवार वाले या रिश्तेदार मदद करने को तैयार हैं, तो बिना ब्याज या न्यूनतम शर्तों पर उनसे सहायता लेना एक समझदारी भरा विकल्प हो सकता है।
याद रखें कि शादी सिर्फ एक दिन का आयोजन नहीं है, यह दो जिंदगियों की नई शुरुआत है। और उस शुरुआत को फाइनेंशियल स्ट्रेस से दूर रखना ही सबसे बड़ा तोहफा हो सकता है। लोन लेते समय समझदारी से काम लें, ताकि आने वाले कल में पछताना न पड़े।
यह भी पढ़ें : रिटायरमेंट प्लानिंग में हो रही दिक्कत? 4% रूल का करें इस्तेमाल और इन बातों का रखें ध्यान
Marriage Loan: शादी के लिए लोन ले रहे हैं? इन 5 बातों पर जरूर करें गौर
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on hindi.moneycontrol.com, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,