National-Next Pandemic: फिर आ रही है नई महामारी! इंसानों में फैलने से एक-कदम दूर…दुनिया भर के हेल्थ एक्सपर्ट ने दी चेतावनी – #INA

Next Pandemic: पांच साल पहले जब चीन के वुहान प्रांत में कोरोना फैल रही थी तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि ये वायरल पूरी दुनिया में तबाही लाएगी। लेकिन कुछ ही महीनों में कोरोना ने पूरी दुनिया मे तबाही मचाई और लाखों लोगों की मौत का कारण ये घातक वायरस बना। चीन की यह महामारी से पूरी दुनिया को ऐसा सदमा लगा, जिससे कई लोग तो अभी तक उबर भी नहीं पाए हैं। अब एक बार फिर से दुनिया भर के एक्सपर्ट ने नई महामारी आने का अंदेशा व्यक्त किया है।
फिर आ रही है नई महामारी!
कोरोना के बाद एक नया वायरस मिला है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि HKU5-CoV-2 नाम का यह वायरस इंसानों को संक्रमित कर सकता है। फिलहाल यह वायरस चमगादड़ों में पाया गया है, लेकिन एक छोटे से बदलाव (म्यूटेशन) के बाद यह इंसानों में फैल जाएगा। यह वायरस MERS (मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) से मिलता-जुलता है।
नए रिसर्च में सामने आई ये बात
नेचर कम्युनिकेशंस में छपे एक नए अध्ययन से चिंता बढ़ गई है। यह शोध वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी, कैलटेक और यूनिवर्सिटी ऑफ़ नॉर्थ कैरोलिना की टीमों ने मिलकर किया है। इसमें HKU5 नामक वायरस पर फोकस किया गया है, जो मेरबेकोवायरस समूह का हिस्सा है और MERS-CoV से जुड़ा हुआ है, वही घातक वायरस जो 2012 में सामने आया था और जिसकी मृत्यु दर करीब 34% थी। वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट और अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. माइकल लेटको ने कहा कि HKU5 वायरस पर ज्यादा रिसर्च नहीं हुई है, लेकिन उनके शोध से पता चलता है कि इस वायरस में कोशिकाओं को संक्रमित करने की क्षमता मौजूद है। उन्होंने कहा कि यह वायरस इंसानों को संक्रमित करने से बस एक छोटे बदलाव की दूरी पर है।
छोटा सा बदलाव लाएगी तबाही
कोविड-19 का कारण बनने वाले SARS-CoV-2 की तरह, HKU5 जैसे चमगादड़ वायरस भी स्पाइक प्रोटीन की मदद से कोशिकाओं पर हमला करते हैं और ACE2 रिसेप्टर से जुड़ते हैं। फिलहाल, ये वायरस केवल चमगादड़ों में ही ACE2 से जुड़ते हैं, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि एक छोटा सा आनुवंशिक बदलाव इन्हें इंसानों में फैलने में सक्षम बना सकता है। इस आशंका को मजबूत करते हुए कुछ HKU5 वेरिएंट को चीन में मिंक को संक्रमित करते हुए देखा गया है, जिससे पता चलता है कि यह वायरस प्रजातियों के बीच भी फैल सकता है।
शोधकर्ताओं ने इस खतरे को गंभीरता से लेते हुए अल्फाफोल्ड 3 नाम के एडवांस्ड AI टूल की मदद से यह समझने की कोशिश की कि स्पाइक प्रोटीन कैसे बदल सकते हैं। इस सॉफ्टवेयर ने कुछ ही मिनटों में संभावित जेनेटिक बदलावों और मानव कोशिकाओं से उनकी प्रतिक्रिया का सटीक अनुमान लगाया, जो पारंपरिक लैब टेस्ट के नतीजों से काफी मेल खाता है।
भविष्य में इंसानों के लिए खतरा
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि चमगादड़ों से जुड़े HKU5 वायरस भविष्य में इंसानों के लिए खतरा बन सकते हैं। यह चिंता चीन की मशहूर वायरोलॉजिस्ट शि झेंगली के पिछले शोध से भी मेल खाती है, जिनकी टीम ने साबित किया था कि इस वायरस का एक प्रकार इंसानी कोशिकाओं को लैब में संक्रमित कर सकता है। वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसे एंटीबॉडी और दवाएं भी पहचानी हैं जो इस वायरस के खिलाफ काम कर सकती हैं अगर यह इंसानों में फैलने लगे। डॉ. माइकल लेटको ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहना और तैयारी करना जरूरी है।
Next Pandemic: फिर आ रही है नई महामारी! इंसानों में फैलने से एक-कदम दूर…दुनिया भर के हेल्थ एक्सपर्ट ने दी चेतावनी
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