National-प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह आए एक साथ, 'आसा' का हुआ जनसुराज में विलय, क्या बदलेगा बिहार? – #INA

Bihar News: बिहार में इस साल विधानसभा के चुनाव होने है। चुनाव के मद्देनजर राज्य का सियासी पारा हाई है। आरसीपी सिंह के एक फैसले ने सियासी पारे को और हाई कर दिया है। कभी नीतीश कुमार के खासमखास रहने वाले आरसीपी सिंह ने पहले तो अपनी पार्टी बना ली थी और अब उसका विलय प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज में कर दिया है। पटना में एक आयोजित कार्यक्रम में आरसीपी सिंह ने अपनी पार्टी ‘आप सबकी पार्टी’ का विलय प्रशांत किशोर की जन सुराज में करने की घोषणा की।
जन सुराज में शामिल होते हुए उन्होंने कहा कि, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि अपनी पार्टी का विलय जन सुराज में करूंगा, लेकिन ऊपर वाले को यही मंजूर था।’ इस मौके पर प्रशांत किशोर ने आरसीपी सिंह के प्रशासनिक, राजनीतिक और सांगठनिक क्षमता की प्रशंसा की और कहा कि महागठबंधन बनाने में आरसीपी सिंह की भी भूमिका रही थी। प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि अब आरसीपी सिंह की भूमिका जन सुराज का नेतृत्व करने वालों में से होगी।
‘NDA और महागठबंधन बनाने में लगाई थी जान, अब बनाएंगे अपना घर’
पार्टी का विलय होने के बाद मीडिया से बात करते हुए आरसीपी सिंह ने कहा कि मैं भी बिहार लगातार घूम रहा हूं। लोग कहते हैं कि बिहार में दो मजबूत गठबंधन है- एनडीए और महागठबंधन. लेकिन, इसे बनाने में हमलोगों ने ही मजदूरी की है। अब हम अपना घर बनाने वाले हैं। आरसीपी सिंह ने कहा कि लोग कहते हैं कि बिहार में सिर्फ बालू है बिहार में कोई खनिज नहीं है, लेकिन यह सब गलत है। जब मैं केंद्र में मंत्री था तब बिहार में कितना खनिज है ये जानकर मैं उछल पड़ा था। इसकी जानकारी मैंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी दी थी, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।
आरपी सिंह ने कहा कि जब मैं केन्द्रीय मंत्री था तब भाजपा के बड़े नेताओं से मेरी जान पहचान थी, लेकिन मुझे कोई काम नहीं दिया गया। इस वजह से मैं बीजेपी से अलग हो गया था क्योंकि मुझे काम करना था। जन सुराज के बारे में कहा जाता है कि बीजेपी की ‘बी टीम’ है, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि ‘भारत की सारी पर्टियां ए टीम है’।
कौन किसके साथ आया इस सवाल का कोई मतलब नहीं: PK
प्रशांत किशोर ने आरसीपी सिंह के जन सुराज में शामिल होने पर धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा कि वो अब हमारे साथ हैं तो आज लोग सवाल करेंगे कि कौन किसके साथ आया, लेकिन इस सवाल का कोई मतलब नहीं। लालू-नीतीश एक साथ आए उसके पहले पीके और आरसीपी सिंह एक साथ आए थे तभी महागठबंधन बना था। आरसीपी सिंह के अनुभव के बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है। उनके अनुभव चाहे, प्रशासनिक या सांगठनिक हो, कोई जवाब नहीं है। बिहार को बदलने के लिए आज का दिन बड़ा है। आरसीपी सिंह से इसकी शुरुआत हो चुकी है.
2 अक्टूबर 2024 को PK ने बनाई थी पार्टी
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने पहले तो बिहार कई कई जिलों की पैदल यात्रा की। फिर 2 अक्टूबर 2024 को अपनी पार्टी बनाने का ऐलान किया। पार्टी के ऐलान के बाद प्रदेश की चार सीटों पर हुए उपचुनाव में अपने उम्मीदवार उतारें थे। हालांकि उस चुनाव में PK ने जो दावा किया था उसके नतीजे उनके अनुकूल नहीं आए। फिर भी उनके उम्मीदवार इतना वोट पाने में सफल रहे जिससे किसी पार्टी का खेल बनाया और बिगड़ा जा सकता हो। बिहार विधानसभा चुनाव में वे दमखम के साथ भागीदारी करने वाले है। अब आरसीपी सिंह का साथ उन्हें और मजबूत कर सकता है। हालांकि वो इसमें कितना सफल हो पाते है ये तो नतीजों के बाद ही पता चल पाएगा।
प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह आए एक साथ, 'आसा' का हुआ जनसुराज में विलय, क्या बदलेगा बिहार?
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