National-Retirement Planning: जल्दी रिटायर होना चाहते हैं? कितना चाहिए होगा फंड, किन बातों का रखना पड़ेगा ध्यान? – #INA

 

Retirement Planning: अगर आप 30 की उम्र पार कर चुके हैं, तो ये तय है कि कभी न कभी आपके दिमाग में जल्दी रिटायर होने का ख्याल जरूर आया होगा। खासतौर पर उस दिन, जब दफ्तर में बहुत बुरा दिन गुजरा हो या फिर किसी का रिटायरमेंट के बाद का स्ट्रगल देखकर। लेकिन हकीकत ये है कि ज्यादातर लोग 60 साल की उम्र तक काम करते हैं। इसकी वजह साफ है, चाहे परिस्थितियों के कारण हो या खुद में वित्तीय अनुशासन की कमी, बहुत से लोग इतनी ज्यादा सेविंग नहीं कर पाते जो जल्दी रिटायरमेंट के लिए जरूरी होती है।

फिर भी जल्दी रिटायरमेंट का ख्वाब काफी लुभावना लगता है। पर यकीन मानिए, ये जितना अच्छा सुनाई देता है, असल में उतना आसान नहीं है।

जल्दी रिटायरमेंट के लिए कैसे करें प्लानिंग

अब फर्ज कीजिए कि आप 32 साल के हैं और 50 की उम्र में रिटायर होना चाहते हैं। वजह चाहे जो भी हो, काम से परेशानी, या फिर जल्दी रिटायर होकर सुकून की जिंदगी बिताने का ख्वाब। इसका मतलब हुआ कि आपके पास कुल 18 साल का समय है, जब आप सेविंग और इन्वेस्टमेंट के जरिए रिटायरमेंट के लिए फंड जमा कर सकते हैं।

अब बात करते हैं औसत उम्र (Life expectancy) की। मौजूदा हालात में 85-90 साल तक जीना अब कोई अनोखी बात नहीं रही। यानी अगर आप 50 की उम्र में रिटायर हो जाते हैं, तो करीब 40 साल की ‘रिटायर्ड लाइफ’में आपको आर्थिक रूप से खुद को संभालना होगा।

जल्दी रिटायर होने के लिए कितना फंड चाहिए?

इसका कैलकुलेशन ज्यादा मुश्किल नहीं है। अब मान लीजिए कि आज आपका सालाना खर्च ₹7.5 लाख है। वहीं, महंगाई की दर 6% है और रिटायरमेंट के बाद इन्वेस्टमेंट पर औसतन 7-8% रिटर्न मिलेगा। साथ ही आप इक्विटी और डेट का 60-40 अनुपात रखते हैं।

इस स्थिति में आपको 50 की उम्र में कम से कम ₹6 करोड़ से ₹7 करोड़ का रिटायरमेंट फंड चाहिए होगा, जिससे आप 90 की उम्र तक टिक पाएंगे।

क्या रिटायरमेंट फंड जुटा लेना ही काफी है?

अगर आप ₹6 करोड़ से ₹7 करोड़ का रिटायरमेंट फंड जुटाकर सोच रहे हैं कि अब बाकी की लाइफ सेट है, तो आपको थोड़ा ठहरने की जरूरत है। रिटायरमेंट ही जिंदगी इकलौता मकसद नहीं होता। बच्चों की पढ़ाई, शादी, घर खरीदना जैसे बड़े खर्च भी होंगे। इन सबके लिए अलग से सेविंग चाहिए। आपको कुछ खास बातों पर करना होगा, ताकि आप रिटायरमेंट के बाद की लाइफ में चुनौतियों के लिए तैयार रहें।

  1. रिटायरमेंट के बाद रिटर्न को लेकर ज्यादा आशावादी बनने से बचना चाहिए। जितना ज्यादा समय आप रिटायर्ड रहेंगे, उतनी ही सतर्कता से प्लानिंग करनी होगी। नहीं तो पैसे खत्म हो जाएंगे, लेकिन जिंदगी बाकी रहेगी।
  2. Sequence-of-return risk को समझिए। रिटायरमेंट के शुरुआती सालों में अगर रिटर्न खराब रहा, तो पूरा फंड जल्दी खत्म हो सकता है। इसकी प्लानिंग जरूरी है।
  3. अगर आपके जीवनसाथी की उम्र आपसे कम है, तो आपको लंबे वक्त तक चलने वाली प्लानिंग करनी ही होगी। उनके लिए भी आर्थिक सुरक्षा जरूरी होगी।
  4. हेल्थ इंश्योरेंस के बावजूद हेल्थ इमरजेंसी का फंड रखें। बीमा हर चीज नहीं कवर करता। बढ़ती उम्र के साथ ये जरूरी हो जाता है।
  5. बड़े खर्च अचानक सामने आते हैं। जैसे कार खरीदना, घर की मरम्मत आदि। ये खर्च नियमित बजट में नहीं होते, लेकिन जब आते हैं तो सेविंग पर भारी असर डालते हैं।
  6. सबसे बड़ा खतरा- अनजाने जोखिम। अगर आपने कैलकुलेशन में गलती की और कम पैसा जोड़कर रिटायर हो गए, तो बाद में पछताने के सिवा कुछ नहीं रहेगा। उस उम्र में नौकरी दोबारा मिलना मुश्किल है। इसलिए सही प्लान बनाइए। जरूरत पड़े तो फाइनेंशियल एक्सपर्ट की मदद लीजिए।

आखिर में एक बात याद रखें- जीवन सिर्फ मंजिल नहीं, सफर भी है। जल्दी रिटायरमेंट का सपना बहुत अच्छा है, लेकिन सिर्फ फंड जुटाने की होड़ में वर्तमान को न खो दें। क्या फायदा 50 की उम्र में करोड़ों का फंड होने का, अगर जिंदगी में याद करने लायक कुछ खास पल ही ना हों?

तो हां, फाइनेंशियल फ्रीडम के लिए काम करें, सेविंग और इन्वेस्टमेंट करें, लेकिन संतुलन बनाए रखें, ताकि भविष्य भी सुरक्षित रहे और आज का जीवन सुकूनभरा।

यह भी पढ़ें : Financial Freedom: आराम की जिंदगी गुजारने के लिए कितना चाहिए पैसा… 10, 20 या 50 करोड़?

Retirement Planning: जल्दी रिटायर होना चाहते हैं? कितना चाहिए होगा फंड, किन बातों का रखना पड़ेगा ध्यान?


देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,

#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on hindi.moneycontrol.com, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science
Eng News