National-SIP Strategy: शेयर बाजार में लौटी बहार… अब SIP में कैसे लगाएं पैसा, जानिए एक्सपर्ट से – #INA

SIP Investment Strategy: पिछले कुछ महीनों से शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव दिखा। खासकर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ वॉर, भारत में बाजार का ऊंचा वैल्यूएशन, कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे और भूराजनीतिक तनाव के चलते। लेकिन, अब काफी हद तक चीजें पटरी पर वापस लौटती दिख रही हैं। इससे शेयर बाजार में दोबारा तेजी देखने को मिल रही है।
ऐसे में सवाल उठता है कि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में निवेशकों की क्या रणनीति होनी चाहिए। यह सवाल इसलिए भी अहम हो जाता है, क्योंकि गिरावट के दौर में बहुत से निवेशकों ने घबराकर SIP बंद कर दी थी।
SIP का मौजूदा हाल क्या है?
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के अप्रैल 2025 के आंकड़ों में एक दिलचस्प ट्रेंड सामने आया है। अप्रैल में रिकॉर्ड 1.62 करोड़ SIP बंद हुईं, जो कि इससे पिछले महीनों की तुलना में तीन गुना से भी ज्यादा हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि SIP में कुल निवेश यानी मंथली इनफ्लो नई ऊंचाई पर पहुंच गया।
मार्च में 51.55 लाख SIP बंद हुई थीं, जबकि फरवरी और जनवरी में यह संख्या क्रमश: 54.7 लाख और 61.33 लाख रही थी। इसके उलट, अप्रैल में SIP इनफ्लो ₹26,632 करोड़ रहा, जो कि मार्च के ₹25,926 करोड़ और फरवरी के ₹25,999 करोड़ से ज्यादा है।
महीना | बंद SIP की संख्या |
अप्रैल | 1.62 करोड़ |
मार्च | 51.55 लाख |
फरवरी | 54.7 लाख |
जनवरी | 61.33 लाख |
सोर्स: AMFI
SIP बंद होने की क्या वजह है?
एक्सपर्ट का मानना है कि तीन या पांच साल पहले जो SIP शुरू हुई थीं, वो अब स्वाभाविक रूप से समाप्त हो रही हैं। इसका निवेशकों की घबराहट से कोई लेना-देना नहीं है। SIP निवेश इसी बात का गवाह है, जिसमें कोई कमी नहीं आई है। यह बताता है कि SIP को लेकर सेंटिमेंट अभी भी पॉजिटिव है।
Anand Rathi Wealth के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर इसे निवेशकों की ‘समझदारी’ का सबूत मानते हैं। उनका कहना है, “नए निवेशक अब मैच्योर हो रहे हैं। कई लोग अपने वित्तीय लक्ष्य पूरे करके अनुशासन के साथ SIP से बाहर निकल रहे हैं। यह घबराहट नहीं बल्कि योजना और समझदारी का संकेत है।” उनका कहना है कि कई लोग बेहतर स्कीम या एसेट क्लास में शिफ्ट कर रहे हैं, जो भारत में फाइनेंशियल लिटरेसी के बढ़ने का प्रमाण है।
SIP रिटर्न को लेकर यथार्थवादी रहें
एक्सपर्ट का मानना है कि SIP से निवेशकों की उम्मीदें काफी ज्यादा बढ़ गई हैं। आज बाजार में बड़ी संख्या उन निवेशकों की है, जो 2020 में कोरोना काल के बाद बाजार में आए हैं। उसके बाद से लंबा बुल रन चला और बाजार ने हैरतंगेज रिटर्न दिया।
EpsilonMoney में इन्वेस्टमेंट्स के AVP सिद्धार्थ आलोक का कहना है, “पिछले 5 सालों में Nifty 500 ने 25.7% CAGR दिया है, लेकिन 10 साल का CAGR 13.9% रहा है। लंबी अवधि के लिए 14% रिटर्न भी काफी अच्छा है, लेकिन हमें अपनी उम्मीदों को यथार्थवादी रखना होगा।”
निवेशकों को अब क्या करना चाहिए?
Geojit Investments Limited में चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट डॉ वीके विजयकुमार का कहना है, “एक आम गलती जो निवेशक, खासकर नए निवेशक करते हैं, वह यह है कि बाजार में गिरावट आने पर घबरा जाते हैं और SIP रोक देते हैं। तजुर्बे से साबित हो चुका है कि यह एक बहुत बड़ी गलती होती है। इसलिए, निवेशकों को उतार-चढ़ाव को दरकिनार करके SIP जारी रखनी चाहिए।
उनका कहना है कि हाल ही में एक चिंता की बात यह रही कि अप्रैल में SIP स्टॉपेज रेशियो काफी ऊंचा रहा। ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ के ऐलान के बाद बाजार में गिरावट आई, जिससे निवेशक घबरा गए। लेकिन इसके बाद बाजार में जो तेज रिकवरी हुई, उसने यह साबित कर दिया कि बाजार को टाइम करना लगभग नामुमकिन है।
विजयकुमार ने कहा, “इसलिए SIP को जारी रखना चाहिए। हां, वैल्यूएशन के नजरिए से देखें तो अभी स्मॉलकैप की तुलना में लार्जकैप या फ्लेक्सी कैप में SIP करना बेहतर है। इस तरह की स्विचिंग की जा सकती है।”
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