National-Sovereign Gold Bond: केंद्र सरकार ने बंद की SGB स्कीम, उधारी पर अधिक लागत के चलते लिया फैसला – #INA

Sovereign Gold Bond scheme: केंद्र सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) स्कीम को बंद करने का फैसला किया है। इसे बंद करने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि इस स्कीम के तहत सरकार को उधारी पर ज्यादा ब्याज देना पड़ रहा था, जिससे उसकी कॉस्ट ऑफ बॉरोइंग (उधारी लागत) बढ़ रही थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट के बाद मीडिया ब्रीफिंग के दौरान इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने SGB स्कीम के भविष्य के बारे में पूछे गए सवाल पर इस स्कीम को बंद करने की बात स्वीकार की।

SGB स्कीम बंद करने पर सरकार ने क्या कहा?

आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने बजट ब्रीफिंग के दौरान बताया कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) योजना को बंद करने का फैसला सरकार की उधारी लागत को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा, “ये फैसले बाजार से उधारी जुटाने और बजट फाइनेंसिंग के उद्देश्य से लिए जाते हैं। किसी समय यह भी देखना जरूरी होता है कि इस एसेट क्लास को सपोर्ट देना है या नहीं। हाल के अनुभव बताते हैं कि यह सरकार के लिए एक महंगा उधारी विकल्प साबित हुआ है। इसलिए सरकार ने इसे जारी नहीं रखने का फैसला किया है।”

वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) के लिए ₹18,500 करोड़ का आवंटन किया गया था, जो अंतरिम बजट के ₹26,852 करोड़ से कम था। हालांकि, वर्तमान वित्त वर्ष में SGB की कोई नई किश्त जारी नहीं की गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने आखिरी बार फरवरी 2023 में SGB जारी किया था, जिसकी कुल राशि ₹8,008 करोड़ थी। इस योजना की शुरुआत से अब तक, वित्त वर्ष 2022-23 (FY23) तक SGB के तहत कुल ₹45,243 करोड़ जारी किए जा चुके थे, जबकि मार्च 2023 तक कुल बकाया राशि ₹4.5 लाख करोड़ थी।

2015 में शुरू की गई थी SGB स्कीम

SGB स्कीम भारत सरकार द्वारा 2015 में शुरू की गई एक वित्तीय योजना है, जिसका उद्देश्य फिजिकल गोल्ड की खरीद को कम करना और डिजिटल रूप में सोने में निवेश को बढ़ावा देना था। इसके जरिए रिटेल निवेशक पेपर गोल्ड में निवेश कर सकते थे। बॉन्ड की मैच्योरिटी पीरियड आठ साल थी, लेकिन निवेशक 5 साल बाद आंशिक रूप से इसे रिडीम कर सकते थे। शुरुआत में, एसजीबी पर ब्याज दर 2.75% प्रति वर्ष तय की गई थी, जिसे बाद में घटाकर 2.5% कर दिया गया, जो बॉन्ड की पूरी अवधि के लिए स्थिर रही।

एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने पहले इस बात पर जोर दिया था कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) स्कीम के तहत निवेशकों को बेहद आकर्षक रिटर्न मिला है। उन्होंने कहा, “हमने प्रति वर्ष 9-11% रिटर्न दिया है, और इसके ऊपर 2.5% का निश्चित ब्याज भी मिला है।”

इसके पहले मनीकंट्रोल ने जुलाई 2024 में बताया था कि केंद्र उच्च लागत के कारण एसजीबी स्कीम को कम करने या बंद करने पर विचार कर रही है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की पहली किश्त, जो नवंबर 2015 में जारी हुई थी, नवंबर 2023 में मैच्योर हुई। उदाहरण के लिए, SGB 2016-17 सीरीज़ I को ₹3,119 प्रति ग्राम की कीमत पर जारी किया गया था, जिसमें 2.75% वार्षिक ब्याज दिया गया था। SGB की अंतिम कीमत का निर्धारण इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (IBJA) द्वारा प्रकाशित 999 प्योरिटी वाले सोने की एवरेज क्लोजिंग प्राइस के आधार पर किया जाता है।

Sovereign Gold Bond: केंद्र सरकार ने बंद की SGB स्कीम, उधारी पर अधिक लागत के चलते लिया फैसला


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