National-US-Iran Nuclear Deal: अमेरिका-ईरान के बीच होगा परमाणु समझौता? ट्रंप की अपील पर पुतिन करेंगे मध्यस्थता! – #INA

US-Iran Nuclear Deal: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु कार्यक्रम सहित कई अन्य मुद्दों परअमेरिका और ईरान के बीच वार्ता में मध्यस्थता करने में मदद करने पर सहमति व्यक्त की है। मास्को के अज्ञात सूत्रों ने मंगलवार (4 मार्च) को ब्लूमबर्ग को यह जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फरवरी में एक फोन कॉल कर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से इसको लेकर बात की थी। उनके प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने कुछ दिनों बाद सऊदी अरब में वार्ता के दौरान अपने रूसी समकक्षों के साथ इस मामले पर चर्चा की। लोगों ने मामले की संवेदनशीलता के कारण पहचान उजागर करने से इनकार कर दिया।
ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने दो मार्च को कहा था कि वह अमेरिका के साथ बातचीत के समर्थक हैं। लेकिन इस मुद्दे पर वह सुप्रीम लीडर अयातुल्ला सैय्यद अली खामेनेई के रुख का पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि हमें समस्याओं के समाधान के लिए सही तरीके खोजने होंगे। राष्ट्रपति पेजेशकियन के बयान के बाद अमेरिका और ईरान के बीच ईरानी परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत की उम्मीदें धूमिल हो गई है।
ब्लूमबर्ग के सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने पुतिन के साथ टेलीफोन कॉल के दौरान सहायता के लिए अनुरोध किया था। सूत्रों ने कहा कि ईरान के साथ वार्ता में रूस की मध्यस्थता का मुद्दा कई दिनों बाद सऊदी अरब में अमेरिका-रूस वार्ता के दौरान भी उठाया गया था।
ईरान ने 2015 में विश्व शक्तियों के साथ परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसे औपचारिक रूप से ज्वाइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (JCPOA) के रूप में जाना जाता है। जेसीपीओए को ईरान परमाणु समझौता या ईरान डील के नाम से भी जाना जाता है। इसके तहत प्रतिबंधों में राहत और अन्य प्रावधानों के बदले में ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर राजी हुआ था।
इस समझौते को 14 जुलाई 2015 को वियना में ईरान, p5+1 (संयुक्त राष्ट्र के पांच स्थायी सदस्य- चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका) और यूरोपीय संघ के बीच अंतिम रूप दिया गया। ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने 2018 में समझौते से खुद को अलग कर लिया। साथ ही अधिकतम दबाव की नीति के तहत प्रतिबंध लगा दिए।
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समझौते को फिर से जिंदा करने के लिए कोशिशें 2021 में शुरू हुईं। हालांकि, कोई खास सफलता नहीं मिल पाई। व्हाइट हाउस में फिर से लौटने के बाद ट्रंप ने ईरान पर अपना ‘अधिकतम दबाव’ अभियान बहाल कर दिया। इसमें तेल निर्यात को शून्य करने के प्रयास शामिल हैं। ईरान पर कठोर नीति को फिर से लागू किया है, जो उनके पहले कार्यकाल के दौरान अपनाई गई थी। ईरान पर दबाव अभियान का उद्देश्य उसके तेल निर्यात को शून्य करना है।
US-Iran Nuclear Deal: अमेरिका-ईरान के बीच होगा परमाणु समझौता? ट्रंप की अपील पर पुतिन करेंगे मध्यस्थता!
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