National-Uttarakhand Avalanche Updates: चमोली हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन समाप्त, लापता चारों मजदूरों के मिले शव, मृतकों की संख्या 8 हुई – #INA

Uttarakhand Avalanche News Updates: उत्तराखंड के चमोली जिले में बद्रीनाथ के पास माणा गांव में सीमा सड़क संगठन (BRO) के शिविर पर हुए हिमस्खलन के कारण लापता चारों मजदूरों के शव रविवार को बरामद हो गए। इससे हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई। रक्षा विभाग के PRO मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि आखिरी लापता मजदूर का शव भी मिल गया है। उसके साथ ही माणा गांव में चलाया जा रहा बचाव अभियान समाप्त हो गया। चमोली के जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने तलाश एवं बचाव अभियान के दौरान हिमस्खलन के कारण लापता चारों मजदूरों के शव बरामद होने की पुष्टि की।
जिलाधिकारी में बताया कि शुक्रवार 28 फरवरी को हुए हिमस्खलन के कारण 54 मजदूर बर्फ में फंस गए थे। इनमें से 46 को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, जबकि आठ अन्य की मौत हो गई। तिवारी के अनुसार, रविवार को जिन चार मजदूरों के शव बरामद हुए हैं। उनकी पहचान उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर के रहने वाले अनिल कुमार (21), उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के अशोक (28), हिमाचल प्रदेश के ऊना के हरमेश चंद (30) और देहरादून के क्लेमेंटाउन क्षेत्र निवासी अरविंद (43) के रूप में हुई है।
बर्फ में दब गए थे 54 मजदूर
उन्होंने बताया कि सात मृतकों के शवों को ज्योतिर्मठ लाया गया है, जहां उनका पोस्टमार्टम किया जा रहा है। भारत-चीन सीमा पर करीब 3,200 मीटर की उंचाई पर स्थित आखिरी गांव माणा में हिमस्खलन होने से बीआरओ शिविर में आठ कंटेनर में रह रहे सीमा सड़क संगठन के 54 मजूदर बर्फ में फंस गए थे। फंसे मजदूरों की संख्या पहले 55 बताई जा रही थी, लेकिन एक मजदूर के हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित अपने घर सुरक्षित पहुंच जाने की सूचना मिलने के बाद यह संख्या 54 रह गई।
सेना के डॉक्टरों ने बताया कि पहले बाहर निकाले गए 46 श्रमिकों को ज्योतिर्मठ के सैनिक अस्पताल लाया गया है। इनमें से रीढ़ की हडडी की चोट से पीड़ित एक श्रमिक को हवाई एंबुलेंस के जरिए बेहतर इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश भेज दिया गया है।
3 मजदूरों की हालत गंभीर
लेफ्टिनेंट कर्नल डीएस मल्ध्या ने बताया कि अस्पताल में भर्ती तीन मजदूरों की स्थिति गंभीर है। सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), पुलिस, जिला आपदा प्रबंधन विभाग के 200 से अधिक कर्मियों द्वारा चलाए गए तलाश एवं बचाव अभियान के दौरान शनिवार तक बर्फ में फंसे 50 लोगों को निकाल लिया गया था, जिनमें से चार की मौत हो गई थी।
इससे पहले, सेंट्रल कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल अनिंदय सेनगुप्ता और उत्तर भारत के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्रा भी बचाव अभियान की निगरानी करने के लिए हिमस्खलन स्थल पर पहुंच गए थे। तलाश एवं बचाव अभियान में भारतीय सेना की एविएशन कोर के तीन हेलीकॉप्टर, भारतीय वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर और सेना द्वारा किराए पर लिए गए एक सिविल हेलीकॉप्टर सहित छह हेलीकॉप्टर जुटे थे।
भारतीय सेना ने चलाया था बचाव अभियान
सेना के अधिकारियों ने शनिवार को बचाव अभियान अधिकांश रूप से सेना और वायु सेना के हेलीकॉप्टर की मदद से ही चलाया। घटनास्थल तक पहुंचने का रास्ता कई स्थानों पर बर्फ से बाधित है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी माणा में जारी बचाव कार्यों का जायजा लिया। बाद में धामी ने बताया कि हादसे में मारे गए मजदूरों के शवों को उनके घर भेजा जाएगा। इसके लिए चमोली जिला प्रशासन को सभी प्रकार की व्यवस्था करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
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उन्होंने कहा कि संपर्क से कट गए गांवों के लिए भी खाद्य तथा अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था की जा रही है। धामी ने कहा कि पांच ब्लॉक में बिजली व्यवस्था ठप हो गई थी, जिसे बहाल किया गया है। जबकि घटनास्थल के आसपास प्रभावित संचार व्यवस्था को सुचारू करने के प्रयास भी जारी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सोमवार से उंचाई वाले स्थानों पर फिर से मौसम खराब होने या हिमस्खलन की आशंका व्यक्त की गई है। इसके मद्देनजर अप्रिय घटना की आशंका वाले स्थानों पर काम बंद करने या लोगों को वहां से हटाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
Uttarakhand Avalanche Updates: चमोली हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन समाप्त, लापता चारों मजदूरों के मिले शव, मृतकों की संख्या 8 हुई
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