समस्तीपुर में आइसा की बैठक: शिक्षा, रोजगार और छात्र हितों को लेकर उठा आवाज
रिपोर्ट अमरदीप नारायण प्रसाद
- छात्र एवं शिक्षाहित को लेकर अनवरत संघर्षशील रहने वाला संगठन है आइसा- सुरेंद्र प्रसाद सिंह
- गंगापुर फर्जी चिकित्सक का लिंग काटने वाली साहसी लड़की को सम्मानित करने की घोषणा की गई
- हकीमाबाद कथित छात्रा रेप-हत्याकांड में पुलिस की संदिग्ध भूमिका की जांच हो-मो० आरिफ
- हकीमाबाद कथित रेप-हत्याकांड के खिलाफ जेल भेजे गये आंदोलनकारियों को रिहा करो-नेहा कुमारी
ताजपुर/समस्तीपुर: छात्र एवं शिक्षाहित को लेकर हमेशा संघर्षरत रहने वाला छात्र संगठन है आइसा। आज केंद्र सरकार की छात्र विरोधी नीति से शिक्षा व्यवस्था चौपट हो रहा है। उच्च शिक्षा को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। महंगी शिक्षा आमजनों के पहुंच से दूर हो रही है। उन्होंने कहा कि “शिक्षा जितनी महंगी होगी- जनता उतनी अनपढ़ होगी” का नारा एक बार फिज़ा में गुंजने लगा है। यूनिवर्सिटी की जमीन बेचने की साज़िश चल रही है। रोजगार परक शिक्षा के नाम पर सरकार पक्की नौकरी से खिलवाड़ कर रही है।
उन्होंने कहा कि आइसा शिक्षा, रोजगार से लेकर आमजनों के जिंदगी से जुड़े सवालों को लेकर भी संघर्षरत रहती है। यही कारण है कि जेएनयू, डीयू, एचसीयू, इलाहाबाद, जामिया मिल्लिया से लेकर केंद्रीय से लेकर राज्यों में अवस्थित तमाम यूनिवर्सिटी में संघर्षरत है। अतः एलकेवीडी कालेज में भी आइसा को मजबूत करने का कार्यभार कार्यकर्ताओं को लेना चाहिए। बतौर मुख्य अतिथि आइसा जिला प्रभारी सह भाकपा माले जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने ताजपुर के एलकेवीडी कालेज में छात्र संगठन आइसा की जीबी बैठक को संबोधित करते हुए कहा।
बैठक की अध्यक्षता मो० जावेद, मो० आरिफ, प्रभात रंजन गुप्ता ने किया जबकी संचालन मो० साकीब ने किया। सामाजिक कार्यकर्ता मो० एजाज, लड्डन अफरीदी, मो० सैफ, मो० सरफराज, मो० राजा, मो० तवारक, नीतू कुमारी, नाजिया परवीन, चंदन कुमार, अभय कुमार, नेहा कुमारी आदि ने बैठक में अपने-अपने विचार व्यक्त किया।
अंत में एक प्रस्ताव पारित कर 24 सितंबर को एलएनएमयू दरभंगा यूनिवर्सिटी घेराव में 10 छात्रों को भाग लेने समेत 2024 के छात्रसंघ चुनाव में मजबूती से हस्तक्षेप करने का निर्णय लिया गया। गंगापुर फर्जी चिकित्सक द्वारा रेप की कोशिश के दौरान लिंग काटने वाली साहसी लड़की को सम्मानित करने, हकीमाबाद कथित छात्रा रेप व हत्याकांड के खिलाफ आंदोलन चला रहे लोगों को जेल भेजने की पुलिस कारवाई की निंदा करते हुए जेल से रिहा करने एवं उक्त कांड में पुलिस की संदिग्ध भूमिका की भी जांच कर कारवाई करने की मांग की गई।