वैशाली जिला पदाधिकारी ने पैक्स चुनाव के लिए गठित कोषांगो की बैठक की।
जिला पदाधिकारी की बैठक: पैक्स चुनाव की तैयारी
हाल के दिनों में, जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा ने हाजीपुर के समाहरणालय सभा कक्ष में विभिन्न कोषांगों के पदाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। यह बैठक प्राथमिक कृषि साख सहयोग समितियों (पैक्स) के लिए आयोजित चुनावों की तैयारियों को लेकर थी। चुनाव की प्रक्रिया न केवल लोकतांत्रिक व्यवस्था का हिस्सा है, बल्कि यह ग्रामीण सामुदायिक विकास और कृषि आधारित आर्थिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाती है। इस लेख में, हम इस बैठक के विभिन्न पहलुओं, पैक्स चुनाव की प्रक्रिया, और कोषांगों की भूमिकाओं पर विस्तृत विचार करेंगे।
पैक्स चुनाव की आवश्यकता
प्राथमिक कृषि साख सहयोग समितियां (पैक्स) ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि विकास और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण संरचना हैं। ये समितियाँ न केवल किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं, बल्कि उन्हें सामूहिक रूप से काम करने और संसाधनों का समुचित उपयोग करने का अवसर भी देती हैं। 2024 में होने वाले पैक्स चुनावों का उद्देश्य इन समितियों को सशक्त बनाना और स्थानीय स्तर पर शासन को प्रोत्साहित करना है। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है, और यही कारण है कि जिला प्रशासन ने इस बैठक का आयोजन किया।
बैठक का उद्देश्य और विवरण
बैठक का मुख्य उद्देश्य चुनाव संबंधी विभिन्न कोषांगों को समुचित निर्देश देकर उन्हें कार्यशील बनाना था। जिला पदाधिकारी श्री यशपाल मीणा ने बैठक में उपस्थित सभी वरीय पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे अपने-अपने कोषांगों को तत्काल क्रियाशील करें और चुनाव संबंधी कार्यों को समय पर संपन्न करें। यह निर्देश चुनाव की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण थे।
बैठक के दौरान, जिला पदाधिकारी ने विभिन्न चरणों में होने वाले चुनाव की रूपरेखा भी प्रस्तुत की। पहले चरण में हाजीपुर, लालगंज, और वैशाली को शामिल किया गया है, जबकि अन्य चरणों में भगवानपुर, पटेढ़ी बेलसर, महुआ, पातेपुर, गोरौल, चेहराकला, विदुपुर, राजापाकर, जंदाहा, महनार, सहदेई बुजुर्ग, देशरी, और राघोपुर जैसे क्षेत्रों के चुनाव आयोजित किए जाएंगे।
कोषांगों की गठन और कार्य
जिला प्रशासन ने पैक्स चुनाव को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए कुल 13 कोषांगों का गठन किया है। ये कोषांग निम्नलिखित हैं:
1. कार्मिक सह मतगणना कोषांग: इस कोषांग का कार्य मतगणना की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करना है।
2. विधि व्यवस्था और संचार व्यवस्था कोषांग: यह कोषांग चुनाव के दौरान विधि व्यवस्था और संचार की व्यवस्था को सुनिश्चित करता है।
3. सामग्री कोषांग: चुनाव के लिए आवश्यक सभी सामग्री की आपूर्ति और व्यवस्थापन इस कोषांग द्वारा किया जाएगा।
4. प्रशिक्षण कोषांग: इस कोषांग का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करना है।
5. निर्वाचन व्यय अनुश्रवण कोषांग: इस कोषांग के माध्यम से चुनावी व्यय का सही तरीके से अनुश्रवण सुनिश्चित किया जाएगा।
6. मत पत्र कोषांग: यह कोषांग मत पत्रों के वितरण और प्रबंधन का कार्य संभालेगा।
7. मीडिया कोषांग: मीडिया के जरिए चुनावी जानकारी और प्रचार-प्रसार का कार्य करेगा।
8. आदर्श आचार संहिता कोषांग: यह कोषांग आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करेगा।
9. प्रेक्षक कोषांग: चुनाव के दौरान प्रेक्षकों की नियुक्ति और उनके कार्यों की निगरानी करेगा।
10. वज्रगृह कोषांग: घटनाओं की सुरक्षा के लिए बनाया गया है।
11. मतपेटिका कोषांग: मतपेटिकाओं की सुरक्षा और प्रबंधन का कार्य करेगा।
12. हेल्पलाइन सह नियंत्रण कोषांग: नागरिकों की मदद के लिए हेल्पलाइन स्थापित करेगा।
13. समग्र कोषांग: यह सभी कोषांगों के कार्यों का समन्वय करेगा।
जिला पदाधिकारी ने सभी कोषांगों को तत्काल प्रभाव से कार्य प्रारंभ करने और समयावधि के भीतर कार्य संपन्न करने की निर्देश दिए हैं। यह स्पष्ट है कि चुनाव प्रक्रिया की सफलता इन कोषांगों की कार्यकुशलता पर निर्भर करती है।
पैक्स चुनाव का आयोजन ग्रामीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जिला पदाधिकारी श्री यशपाल मीणा की पहल और विभिन्न कोषांगों का गठन इस प्रक्रिया को सुनिश्चित करता है कि चुनाव निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ संपन्न हो। इस बैठक में प्रस्तुत किए गए निर्देश और योजनाएँ एक मजबूत लोकतांत्रिक व्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास हैं। यदि सभी संबंधित पक्ष समय पर निर्धारित गतिविधियों का पालन करते हैं, तो यह चुनाव न केवल सफल होगा, बल्कि यह किसानों और स्थानीय समुदायों के लिए विकास और सशक्तिकरण का माध्यम भी बनेगा।
इस प्रकार, यह आवश्यक है कि चुनाव प्रक्रिया में सभी stakeholders सक्रियता से शामिल हों, ताकि पैक्स चुनाव की सफलता को सुनिश्चित किया जा सके और इसके माध्यम से कृषि और ग्रामीण विकास को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया जा सके।