हाजीपुर: कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेला की तैयारी को लेकर जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने की संयुक्त समीक्षा बैठक ।
संवाददाता-राजेन्द्र कुमार
वैशाली /हाजीपुर आज समाहरणालय में जिला पदाधिकारी श्री यशपाल मीणा और पुलिस अधीक्षक श्री हर किशोर राय द्वारा संयुक्त रूप से कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेला को लेकर आज समीक्षा बैठक की गई। बैठक में मेला मजिस्ट्रेट सह डीसीएलआर, हाजीपुर द्वारा बताया गया कि कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान दिनांक 15 नवंबर, 2024 को प्रातः 6:19 से प्रारंभ होकर दिनांक 16 नवंबर, 2024 को रात्रि 2:58 तक रहेगा। इसी की तैयारी के मद्देनजर समीक्षा बैठक बुलाई गई है।
जिला पदाधिकारी ने कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद को निदेश दिया कि सभी घाटों की साफ-सफाई , घाट पर कूड़ादान की व्यवस्था, सफाई कर्मियों की रोस्टर वार प्रतिनियुक्ति, घाटों पर बैरिकेडिंग, चेंजिंग रूम, साइनेज , रोशनी आदि की व्यवस्था समय पर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
कार्यपालक अभियंता,पीएचईडी को निर्देश दिया गया कि वे विभिन्न घाटों पर अस्थाई चापाकल का अधिष्ठापन, सभी घाटों पर अस्थाई शौचालय का निर्माण तथा पानी के टैंकर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।
नजारत उप समाहर्ता को निर्देश दिया गया कि वे कौनहारा घाट पर मुख्य नियंत्रण कक्ष तथा अन्य घाटों पर नियंत्रण कक्ष का निर्माण कराएंगे। साथ ही कौनहारा घाट पर शिविर कार्यालय, हेल्पलाइन काउंटर, साउंड सिस्टम आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।
कार्यपालक अभियंता ,विद्युत प्रमंडल को निर्देश दिया गया कि वे कार्तिक पूर्णिमा के पहले ही निरीक्षण कर नीचे लटके विद्युत तारों को दुरुस्त करवा लेंगे। कार्तिक पूर्णिमा मेला के अवसर पर 24 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे।
एसडीआरएफ के टीम कमांडर को निदेश दिया गया कि वे कार्तिक मेला के अवसर पर नदी कश्ती बढ़ाएंगे। वोट एंबुलेंस पर गोताखोरों की प्रतिनियुक्ति करेंगे। सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया कि कौनहारा घाट पर चिकित्सा एवं चिकित्सा कर्मियों की दवा के साथ प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करेंगे। किसी भी आकस्मिकता से निबटने के लिए सदर अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड और डॉक्टरों की टीम को तैयार रखने का निर्देश दिया गया।
मेला में बिकने वाले खाद्य पदार्थों को फूड इंस्पेक्टर से जांच करवाने का भी निर्देश दिया गया।
बैठक में बताया गया कि पुराना गंडक पुल घाट से बाएं क्लब घाट खतरनाक घाट है। यहां स्नान करना वर्जित है। जिला पदाधिकारी ने कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद को निर्देश दिया की खतरनाक घाटों के सामने साइनेज लगवाए तथा वहां प्रवेश वर्जित रखें। बैठक में बताया गया कि चूंकि सोनपुर मेला का 13 नवंबर को ही उद्घाटन हो रहा है, इसलिए उसके बाद स्नान करने वाले लोगों की भीड़ उमड़नी शुरू हो जाएगी। इसको ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित कर लिया जाए। बैठक में एडीएम, डीडीसी, डीपीआरओ, एसडीएम, एसडीपीओ, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, टीम कमांडर, एसडीआरएफ सहित का विभागों के पदाधिकारी मौजूद थे।