देश – अयोध्या में रामलला के लिए सर्दी का इंतजाम, रजाई में होंगे और गुनगुने पानी से करेंगे स्नान #INA

रामलला की सेवा में हमेशा से ही विशेष ध्यान दिया जाता रहा है, और अब, जब पहली बार श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का लोकार्पण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है, तो ठंड के मौसम के मद्देनजर मंदिर प्रबंधन ने उनकी सेवा के लिए और भी बेहतर व्यवस्था की है. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी है और बताया कि ठंड से बचाने के लिए सभी जरूरी प्रबंध किए जाएंगे.

 रामलला के लिए ठंड से बचाव

रामलला के लिए ठंड के मौसम में कंबल और रजाई का प्रयोग हमेशा से होता रहा है. इस बार, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है, क्योंकि यह पहला अवसर है जब रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हैं और इस बार ठंड के मौसम में उनके लिए और भी समुचित उपाय किए जाएंगे. आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि ठंड में रामलला की सेवा में बदलाव किया जाएगा, और उन्हें पूरी तरह से आरामदायक और सुरक्षित रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे.

गुनगुने पानी से स्नान और भोग में बदलाव

रामलला की स्नान व्यवस्था में भी इस बार खास बदलाव किया जाएगा. ठंड से बचाने के लिए अब रामलला को गुनगुने पानी से स्नान कराया जाएगा. आचार्य सत्येन्द्र दास ने बताया कि जैसे आमतौर पर सर्दी बढ़ने पर हमारे खानपान और पहनावे में बदलाव होता है, वैसे ही रामलला के भोग और वस्त्रों में भी इस मौसम के हिसाब से बदलाव किया जाएगा. ठंडे मौसम में रामलला के भोग से सर्द चीजें हटाकर गर्मी देने वाली चीजों का सेवन कराया जाएगा. इसके अलावा, ज्यादा ठंड बढ़ने पर मंदिर में ब्लोअर भी लगाया जाएगा ताकि रामलला को ठंड से बचाया जा सके.

ठंडी चीजों को हटाकर गर्म भोजन की व्यवस्था

रामलला के भोग में ठंड के मौसम के अनुसार बदलाव किए जाएंगे. जहां गर्म भोजन, जैसे हलवा, खिचड़ी और दाल से तैयार भोग को प्राथमिकता दी जाएगी, वहीं सर्दी में शरीर को गर्म रखने वाली चीजों को शामिल किया जाएगा. इससे रामलला की सेहत भी बनी रहेगी और वे सर्दी से सुरक्षित रहेंगे. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर और श्रीराम ट्रस्ट का यह निर्णय रामलला की भव्य सेवा के प्रति उनके समर्पण को दिखाता है.

बालक राम के लिए विशेष देखभाल

रामलला छोटे बालक के रूप में मंदिर में दर्शन देते हैं. बालक को ठंड जल्दी लग सकती है, इसलिए उनकी विशेष देखभाल की जाती है. इस कारण, अस्थाई मंदिर में भी ठंड से बचाने के लिए सभी जरूरी उपाय किए जाते रहे हैं. अब जब रामलला का निवास स्थान भव्य मंदिर में है, तो ठंड के मौसम में उनके लिए और भी बेहतर उपाय किए जा रहे हैं. 

मुख्य पुजारी की स्वास्थ्य स्थिति और सेवा

रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येन्द्र दास, जो कुछ समय पहले स्वास्थ्य कारणों से लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती थे, अब स्वस्थ होकर अयोध्या लौट आए हैं. उनकी वापसी के बाद से रामलला की सेवा में फिर से बदलाव किया गया है और उनके स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. आचार्य सत्येन्द्र दास का कहना है कि वे हमेशा रामलला की सेवा में समर्पित रहते हैं और उनकी भव्य सेवा को सुनिश्चित करना उनका प्रमुख उद्देश्य है.


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