खबर शहर , UP: सरकार… कितनों को निगलते रहेंगे मौत के सरकारी गड्ढे; तीन साल में डूबकर मरे 125 बच्चे, जवान और बुजुर्ग – INA

विस्तार

Follow Us



उत्तर प्रदेश के आगरा में कदम-कदम पर खुले पड़े सरकारी गड्ढे व नाले मासूमों को निगल रहे हैं। नदी, तालाब-पोखर किनारे भी सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। पिछले तीन साल में 125 लोगों की डूबने से मौत हो गई। फिर भी हाईवे से लेकर सर्विस रोड व शहर के प्रमुख मार्गों पर मौत के गड्ढे बंद नहीं हुए।

ऐसे हादसों को राज्य आपदा घोषित करने के बाद भी हालात नहीं सुधरे। चार-चार लाख का मुआवजा देकर शासन और प्रशासन ने पल्ला झाड़ लिया, लेकिन इस लापरवाही पर जिम्मेदार विभाग और अफसरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। जांच के नाम पर खानापूर्ति होती रही है। 

शनिवार को बिचपुरी के लड़ामदा में 9 साल के नासिर की नाले में गिरने से जान चली गई। 8 जून 2022 को तोता के ताल पर जल निगम के सरकारी गड्ढे में बिल्लोचपुरी निवासी छह साल के जीशान की डूबने से मौत हो गई। 12 जुलाई 2022 को नगला बुद्धा में घर के सामने खेल रही तीन साल की मानवी की नाले में डूबने से मौत हो चुकी है।

इसके अलावा लोहामंडी के राजीव नगर में घर के सामने खेल रहे मासूम को खुला नाला निगल चुका है। यह चंद उदाहरण हैं नाले ही नहीं, कभी सीवर तो कभी पानी की लाइन तो कभी बिजली का केबल बिछाने के लिए खोदे गए सरकारी गड्ढे बच्चे, जवान और बुजुर्गों की मौत का सबब बनते रहे हैं।

अफसरों पर दर्ज हो हत्या का केस

सामाजिक कार्यकर्ता चौधरी प्रेम सिंह ने कहा कि धनौली में नाले में गिरने से दो बच्चों की मौत हो चुकी है। शहर से गांव-देहात तक अक्सर गड्ढों में गिरने से मौत के समाचार मिलते रहते हैं। जब तक इस लापरवाही पर अफसरों के विरुद्ध हत्या का केस दर्ज नहीं होंगे तब तक हादसे नहीं रुकेंगे।

खंदौली में खुले गड्ढे ने निगले चार मासूम

यमुना एक्सप्रेस-वे पर वर्षा जल की निकासी के लिए खोदे गए खुले गड्ढे में डूबने से रविवार को चार मासूमों की मौत हो गई। आसपास बैरिकेडिंग नहीं थी।

लापरवाही पर होगी कार्रवाई

खंदौली में गड्ढा खुला पड़ा था। यह लापरवाही है। कार्रवाई की जाएगी। दैवीय आपदा से परिजन को 4-4 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। शहर में खुले पड़े गड्ढे और नालों की जांच कराई जाएगी। – प्रतिभा सिंह, प्रभारी जिलाधिकारी


Credit By Amar Ujala

Back to top button