यूपी – सुप्रीम कोर्ट के जरिए आरक्षण खत्म कराने की साजिश रच रही भाजपा सरकार: मायावती – #INA
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि आरक्षण में वर्गीकरण का मतलब आरक्षण को समाप्त करके उसे सामान्य वर्ग को देने जैसा होगा। हमारी पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है और हम आरक्षण में किसी तरह के वर्गीकरण के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में खड़े किए वकीलों ने दलीलें ठीक से दी होतीं तो ऐसा फ़ैसला ना आता। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार ने सीधे आरक्षण ख़त्म न कर सुप्रीम कोर्ट के ज़रिए इसे ख़त्म कराने की साज़िश रची है। उन्होंने कहा कि संविधान में दलितों और आदिवासियों को स्शैक्षिक सामाजिक और आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया गया है। इनके सामाजिक स्थिति में आज भी कोई बदलाव नहीं आया है।
भाजपा सरकार अगर वाक़ई में दलितों की शुभचिंतक है तो उसे इसी संसद के सत्र में संविधान की नौवीं सूची में संशोधन के लिए यह प्रस्ताव लाना चाहिए कि आरक्षण को ख़त्म नहीं किया जाएगा। मायावती ने क्रीमी लेयर के सवाल पर कहा कि जाटवों और अनुसूचित जाति के मुश्किल से 10 फ़ीसदी लोग ही इस श्रेणी में आएंगे और 90 फ़ीसदी लोग आज भी उसी स्थिति में है।
आरक्षण तो सामाजिक स्थिति पर दिया गया था। समाज में आज भी इन वर्गों की स्थिति में कोई ख़ास सुधार नहीं हुआ है, इसलिए आरक्षण किसी भी क़ीमत पर ख़त्म नहीं किया जाना चाहिए। मायावती ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करती है कि वो इस पर पुनर्विचार करें जिससे वर्गीकरण के सहारे सरकार आरक्षण ख़त्म करने का खेल न कर सके।
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