यूपी- Ghaziabad: जब पुलिस ही बन गई टप्पेबाज… युवक को डरा-धमकार ठगे लाखों रुपए, 3 पुलिसकर्मी सहित 6 गिरफ्तार – INA
गाजियाबाद कमिश्नरी में 10 लाख रुपए की ठगी के मामले में पुलिस ने कामयाबी हासिल करते हुए ठगी करने वाले तीन सिपाहियों सहित 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए सिपही के नाम सचिन, अनिल और संजय हैं, जो आगरा, हापुड़ और गाजियाबाद में तैनात हैं. घटना में शामिल पुलिसकर्मी अपने पद का गलत इस्तेमाल कर पहले ठगी किया करते थे. वहीं, बाद में पीड़ितों को डराया-धमकाया करते थे.
गाजियाबाद पुलिस ने छह ठगी करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से तीन यूपी पुलिस के सिपाही हैं. इंदिरापुरम न्याय खंड के रहने वाले मोहम्मद शादाब ने 29 अगस्त 2024 को वेब सिटी थाने में ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि उनके साथ चार अज्ञात लोगों ने साढ़े 12 लाख रुपए की ठगी की है. ठगी करने वालों में दो वर्दीधारी पुलिसकर्मी भी थे, जो एक सफेद फॉर्च्यूनर कार से आए थे. शादाब ने बताया कि ठगों ने मुझसे, मेरे भाई मेहराज और बहनोई डॉक्टर मोहतरम से ठगी की.
पुलिस ने 6 को गिरफ्तार किया
शादाब का आरोप था कि ठगों ने भारतीय मुद्रा के बदले दुबई की मुद्रा देने का लालच दिया था, लेकिन बदले में उन्हें नकली पैसों का पैकेट थमा दिया था. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने चार टीमों का गठन कर जांच-पड़ताल शुरू कर दी. मामले की जांच में जुटी पुलिस ने 30 अगस्त 2024 को चेकिंग के दौरान मुखबिर की सूचना पर छह आरोपियों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने आरोपियों के पास से 4 लाख 36 हजार रुपए भी बरामद किए.
DCP देहात ने जानकारी देते हुए बताया कि इस घटना की साजिश करने वालों में तीन सिपाही मुख्य भूमिका निभा रहे थे. तीनों पुलिसकर्मियों के नाम सचिन, अनिल और संजय हैं, जिन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पीड़ित के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया. तीनों पुलिसकर्मियों ने न केवल ठगी करने में आरोपियों का सहयोग किया, इसके साथ ही ठगी के बाद इन पुलिसकर्मियों ने पीड़ितों को डराने-धमकाने का काम भी किया.
सिपाहियों के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई
DCP देहात ने बताया कि डराने-धमकाने का इनका मोटिव इतना था कि पीड़ित पुलिस के पास अपनी शिकायत लेकर न जा सके. पुलिस ने तीनों पुलिसकर्मियों सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने कानूनी कार्रवाई करते हुए सभी को जेल भेज दिया. वहीं, पीड़ितों ने सिपाहियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की.
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