यूपी – UP Police Exam: आवेदन फॉर्म और प्रवेश पत्र में लगे फोटो का नहीं हुआ मिलान, शक के दायरे में 80 अभ्यर्थी – INA

उत्तर प्रदेश के आगरा में कमिश्नरेट के सिटी जोन में 27 केंद्रों पर पांच दिन तक चली सिपाही भर्ती परीक्षा में फर्जी दस्तावेज के आधार पर आठ अभ्यर्थियों को पकड़ा गया है। पर, शक के दायरे में 80 अन्य अभ्यर्थी भी हैं। इनके आवेदनपत्र और प्रवेशपत्र में फोटो का मिलान नहीं हो रहा था। परीक्षा केंद्रों पर ही इन सभी से घोषणापत्र (फार्म आठ और 16) भरवाया गया। उसके बाद परीक्षा में शामिल होने दिया गया।

सिपाही भर्ती परीक्षा 23 से 25 अगस्त और 30 व 31 अगस्त को शहर के 27 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। इसमें डेढ़ लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने पंजीयन कराया था। पुलिस ने परीक्षा केंद्रों पर त्रिस्तरीय चेकिंग की व्यवस्था की गई थी। आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का डाटा पुलिस मुख्यालय ने पहले ही जुटा लिया था।


पुलिस की वर्दी पहनने के लिए कई युवाओं ने दोबारा नए नाम और जन्मतिथि से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट करके अपना आधार कार्ड बनवाए। इसके बाद सिपाही भर्ती परीक्षा में आवेदन किया था। परीक्षा कक्ष में अभ्यर्थियों का बिना सिम वाले टैबलेट से दोबारा फोटो करके उनका बायोमेट्रिक सत्यापन कराया गया।
 


बायोमेट्रिक और फोटो का डाटा मुख्यालय भेजने पर उसका मिलान कराया गया तो इन अभ्यर्थियों के अलग-अलग नाम और जन्मतिथि वाले आधार कार्ड बने पाए गए। वहीं, 80 अभ्यर्थियों के फोटो का मिलान नहीं हो सका। जिसके चलते वह शक के दायरे में आए, लेकिन उन्हें परीक्षा देने से रोकना उचित नहीं था। अभ्यर्थियों का कहना था कि आवेदन और प्रवेशपत्र में अलग-अलग फोटो लगे होने के चलते मिलान नहीं हो रहा है। किसी ने पुराना फोटो होने की बात कही।
 


चार आरोपी जेल भेजे

पुलिस ने शनिवार को पहली और दूसरी पाली में दो-दो फर्जी अभ्यर्थी गिरफ्तार किए थे। वह अपनी उम्र कम करने के लिए नए नाम और आधार कार्ड बनवाकर दोबारा हाईस्कूल और इंटरमीडिएट पास करके परीक्षा देने आए थे। 
 


सेंट जोंस कॉलेज से हाथरस का समीर, मंटोला में रामस्वरूप इंटर कॉलेज से जलेसर का नरेश, साकेत विद्यापीठ इंटर कॉलेज शाहगंज से सादाबाद का इंद्रपाल और आगरा कालेज विधि संकाय से जैथरा एटा का देवेश पकड़ा गया था। डीसीपी मुख्यालय सैयद अली अब्बास ने बताया चारों के विरुद्ध केस दर्ज कर जेल भेजा गया है।


मिलान के बाद ही क्लीन चिट

फोटो मैच नहीं होने से अभ्यर्थियों से घोषणा पत्र भरवाया गया है। इनका डाटा अलग रखा गया है। वास्तविक पहचान पत्र व प्रमाणपत्रों से मिलान कराया जाएगा। मिलान के बाद ही क्लीन चिट मिल सकेगी। गलत पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। -सैयद अली अब्बास, डीसीपी मुख्यालय


Credit By Amar Ujala

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