खबर शहर , UP News: जिस शहर के प्रभारी नगर विकास मंत्री, वहां नालों का हाल चौंकाने वाला; बारिश में सड़कें हो रहीं लबालब – INA
अपना शहर स्मार्ट सिटी है। इसके प्रभारी प्रदेश के नगर विकास मंत्री हैं। इसके बाद भी हाल देखिए, कुछ देर की बारिश में ही सड़कें लबालब हो जा रही हैं। नालों का निर्माण कई जगह अधूरा पड़ा है। निर्माण के लिए फंड के लाले हैं। यही नहीं नेशनल हाईवे पर भी कमर तक पानी भर जा रहा है।
शुक्रवार को एक घंटे की बारिश में हाईवे पर सुरक्षित सफर मुसीबत बन गया। अरतौनी से रुनकता और सिकंदरा सब्जी मंडी तक 4 फीट तक जलभराव रहा। नगर आयुक्त के घर के सामने हाईवे पर एक फुट जलभराव था। हाईवे पर दोपहिया वाहन डूब गए। कार व ट्रक फंस गए। लोगों ने बमुश्किल जान बचाई।
अमर उजाला टीम ने पड़ताल की, तो पता चला कि सिकंदरा सब्जी मंडी के सामने हाईवे पर जलभराव की वजह शास्त्रीपुरम का अधूरा नाला है। इसे यूपीएसआईडीसी होकर हाईवे को बाईपास करते हुए यमुना में गिरना था, लेकिन 18 साल से नाला अधूरा पड़ा है। 10 करोड़ खर्च होने के बाद भी समस्या जस की तस है।
शास्त्रीपुरम के इस नाले से लखनपुर, मोहम्मदपुर, दहतोरा, पश्चिमपुरी व अन्य क्षेत्रों के पानी की निकासी होती। शास्त्रीपुरम में कई कॉलोनियों के घरों में पानी भर गया। इस नाले का निर्माण जब शुरू हुआ था तो इसकी लागत 35 करोड़ थी, अब बढ़कर 80 करोड़ हो गई है। एडीए ने इसे बनाने के लिए शासन से 80 करोड़ रुपये मांगे हैं।
उधर, वीआईपी रोड से लिंक एयरपोर्ट के पास अजीत नगर, धनौली होकर मलपुरा तक जाने वाला धनौली नाला 9 साल से अधूरा पड़ा है। इसकी लागत भी 20 करोड़ से बढ़कर 50 करोड़ पहुंच गई, लेकिन नाला पूरा नहीं बन सका। इससे जगनेर रोड पर जलभराव हो रहा है। 20 से अधिक गली-मुहल्लों में पानी भरा रहता है।
सफाई तक नहीं कराई
ग्राम पंचायत सदस्य चौधरी प्रेम सिंह ने बताया कि अफसर और नेता इतने लापरवाह हैं कि कितना भी कह लो उन पर फर्क नहीं पड़ता। 145 बार शिकायत कर चुका हूं। नाला बनाना तो दूर जो बना है उसकी सफाई तक नहीं कराई।
हमें नहीं लगता बनेगा
सिकंदरा फैक्टरी ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल ने बताया कि शास्त्रीपुरम का यूपीएसडीसी होकर बनने वाला नाला 18 साल से अधूरा है। हमें नहीं लगता हमारे जीवित रहते इसका निर्माण पूर्ण हो पाएगा। कई बार मंडलायुक्त को बताया। कोई समाधान नहीं हुआ।
शासन को भेजा है पत्र
मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने बताया कि नाला निर्माण के लिए धनराशि का मांगपत्र शासन को भेजा जा चुका है। बजट नहीं मिलने तक अस्थायी समाधान के निर्देश दिए हैं। जलभराव के संबंध में एनएचएआई से जवाब मांगा है।