यूपी – UP Police: प्रशिक्षण में नया रिकॉर्ड बनाने की ओर बढ़े यूपी पुलिस के कदम, कई साल से जारी हैं प्रयास – INA

देश की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा कराने का रिकॉर्ड कायम करने के बाद यूपी पुलिस अब प्रशिक्षण देने में भी नया इतिहास रचने जा रही है। प्रदेश पुलिस ने 50 हजार से अधिक नवचयनित कर्मियों को प्रशिक्षण देने का नया रिकॉर्ड कायम करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। इसका नजारा जल्द भर्ती होने वाले 60,244 सिपाहियों के प्रशिक्षण में देखने को मिलेगा। बीते कई सालों के प्रयास के बाद प्रदेश पुलिस ने अपनी प्रशिक्षण क्षमता को दोगुना से अधिक करने में सफलता हासिल की है।

उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो प्रदेश में वर्तमान में करीब 40 हजार सिपाहियों को एक-साथ प्रशिक्षण देने का लक्ष्य हासिल कर लिया है। कुछ वर्ष पहले तक प्रदेश पुलिस के प्रशिक्षण केंद्रों की क्षमता मात्र 18 हजार थी। पर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से प्रशिक्षण केंद्रों की क्षमता बढ़ाने के निर्देश के बाद युद्धस्तर पर इसे दोगुना किया गया है। इतना ही नहीं, पीएसी की सभी वाहिनियों में भी रीजनल ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की गई है। बैरकों का भी निर्माण तेजी से हो रहा है।

जिलों की पुलिस लाइन में भी प्रशिक्षण देने के इंतजाम किए जा रहे हैं। प्रशिक्षण निदेशालय की तैयारी सिपाही भर्ती के सभी 60,244 चयनित अभ्यर्थियों को साथ में प्रशिक्षण दिलाने की है। हालांकि इसमें यदि कोई अड़चन आती है तो दूसरे राज्यों के प्रशिक्षण केंद्रों की भी सुविधा ली जा सकती है। रोटेशन और केंद्रीय बलों के प्रशिक्षण केंद्रों में भी ट्रेनिंग दिलाने का विकल्प है।

62 अस्थायी आरटीसी भी

पुलिस विभाग में प्रशिक्षण देने के लिए मुरादाबाद, सीतापुर, मेरठ, गोरखपुर, सुल्तानपुर, उन्नाव, जालौन में केंद्र हैं। जिलों और पीएसी में 31 स्थायी रीजनल ट्रेनिंग सेंटर (आरटीसी) और 62 अस्थायी रीजनल ट्रेनिंग सेंटर भी हैं। प्रशिक्षण निदेशालय 1983 में अस्तित्व में आया था, जिसके बाद लाखों पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। आजादी से पहले वर्ष 1893 में मुरादाबाद में सबसे पहले पुलिस अकादमी बनी थी। इन सभी केंद्रों में सिपाही से लेकर डिप्टी एसपी को प्रशिक्षण दिया जाता है।

महिलाओं के लिए भी इंतजाम

इस बार करीब 15 हजार महिला सिपाही मिलने से उनके प्रशिक्षण का भी अलग से इंतजाम हो रहा है। उनके लिए बैरकों का भी निर्माण कराया जा रहा है। बता दें, महिलाओं और पुरुषों को अलग-अलग प्रशिक्षण दिया जाता है। सिपाही भर्ती के बाद पीएसी में महिलाओं की भर्ती में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।


Credit By Amar Ujala

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