खबर शहर , सीमेंट कारोबारी की हत्या: पुलिस को उलझाने की साजिश, लूट नहीं की गई…ये सवाल जो कर रहे कुछ और ही इशारा – INA

मथुरा के महावन थाना क्षेत्र में मथुरा-बरेली हाईवे पर कार में रविवार को मिले सीमेंट कारोबारी जितेंद्र फौजदार के शव का सोमवार को पोस्टमार्टम हुआ। शाम को गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार हुआ। इधर, पुलिस की पड़ताल में यह साफ हो गया कि हत्या किसी नजदीकी ने रंजिश के चलते की है। पुलिस को भ्रमित करने के लिए पैसे व अंगूठी-जंजीर ले जाकर लूट का रंग देने की साजिश की गई। लूट करते तो कार भी ले जाते।

 


जितेंद्र फौजदार (36) मूलरूप से डींग के जनूथर के रहने वाले थे। 10 साल से सुदामापुरी, हाईवे इलाके में रह रहे थे। वह बिरला उत्तम सीमेंट कंपनी के होलसेल सप्लायर थे। साथ ही बिल्डिंग मटेरियल की भी दुकान चलाते थे। जितेंद्र फौजदार के बड़े प्रताप सिंह सेना में थे, जो कि 2009 में सियाचिन में शहीद हो गए थे। उनकी पत्नी सुनीता व बेटी को जितेंद्र ने अपना लिया था। बाद में जितेंद्र से भी सुनीता को एक बेटा भी हुआ।

 


रविवार को जितेंद्र सुबह के समय घर से दुकान गए थे। वहां से महावन के गांव जगदीशपुर में एक बिल्डिंग मटेरियल की दुकान के संचालक हरेंद्र सिंह से तगादे को गए थे। पुलिस पड़ताल में यह भी सामने आया है कि हरेंद्र पर 75 हजार रुपये की उधारी थी। हरेंद्र ने पुलिस को बताया है कि उसने 50 हजार रुपये दे दिए थे। बाकी के रुपयों का हिसाब बाकी था। इधर, मृतक के भतीजे दीपक कुमार का दावा है कि उन्होंने व पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के लोगों से वार्ता की तो पता लगा है कि आगरा-बरेली हाईवे पर तीन कार, जिनमें एक चाचा जितेंद्र की व दो अन्य एक साथ गई थीं। मगर, बाद वह वहां से दो कार वापस हुई।


इसका मतलब साफ है कि चाचा की किसी रस्सी नुमा वस्तु से गला घोंटकर हत्या के बाद शव को कार की पीछे की सीट पर डाला गया और कार सहित शव को हाईवे पर सुनसान इलाके में छोड़ा गया। दीपक ने हरेंद्र पर भी शक जाहिर किया है। पुलिस अब सभी पहलुओं पर जांच कर रही है। इधर, एसएसपी ने एसओजी और सर्विलांस की टीम को भी इस वारदात के खुलासे में लगा दिया है।

 


पुलिस के सामने सवाल, कारोबार या पारिवारिक रंजिश, क्या रही हत्या की वजह
पुलिस सोमवार को पोस्टमार्टम और उसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के चलते परिजनों से अधिक पूछताछ नहीं कर सकी। मगर, पुलिस को एक बात यह खटक रही है कि जितेंद्र 10 साल पहले गांव छोड़कर मथुरा आकर क्यों बसे। क्या उनकी कोई पारिवारिक या गांव की रंजिश थी या अन्य कोई वजह रही। इसके अलावा पुलिस कारोबारी रंजिश के लिहाज से भी पड़ताल कर रही है। पुलिस बिरला उत्तम सीमेंट कंपनी के स्थानीय अधिकारियों से भी पता करने में जुटी है कि कहीं कोई अन्य व्यक्ति तो होलसेल सप्लाई का काम नहीं लेना चाहता था। इसके अलावा जितेंद्र के पैसों के लेनदेन का भी रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है, ताकि यह भी स्पष्ट हो सके कि कहीं हाल फिलहाल में किसी से कोई बड़ा लेनदेन तो नहीं हुआ, जो हत्या की वजह बन गया हो।

 


एसपी देहात त्रिगुण बिसेन ने बताया कि हत्या के राजफाश को पुलिस की टीमें लगी हैं। अभी तक की पड़ताल में कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। पुलिस हर पहलू पर काम कर रही है। जल्द इस वारदात का खुलासा किया जाएगा।


Credit By Amar Ujala

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