खबर शहर , हत्या का मामला: पति ने मासूम बेटे को नदी में फेंककर मार डाला, पत्नी को यकीन नहीं, कही यह बात – INA

शाहजहांपुर के सिंधौली में मारपीट की रंजिश में अपने ही मासूम बेटे गौरव को खन्नौत नदी में धक्का देकर मार डालने के आरोप में भले ही पिता संजीव जेल चला गया हो, लेकिन पति की इस हरकत पर नन्हीं देवी को यकीन नहीं है। वह पड़ोसियों पर ही बेटे की हत्या का शक जता रही है। उनका कहना है कि पुलिस ने पति संजीव को गलत फंसाया है।

पुलिस के मुताबिक, सिंधौली के तिउलक गांव निवासी संजीव अपने मानसिक रूप से अस्वस्थ पांच वर्षीय बेटे गौरव को सोमवार की शाम को बुखार की दवा दिलाने चिनौर गया था। लौटते समय गौरव को पुल की रेलिंग से धक्का देकर नदी में फेंक दिया। इससे गौरव की मौत हो गई। आरोप पड़ोसी बाबूराम, उनके बेटे विवेक पर लगा दिया था।

पुलिस ने बाद में वारदात का खुलासा किया था। शव को बरामद कर हत्यारोपी पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पति की हरकत पर पत्नी नन्हीं देवी को यकीन नहीं हो रहा है। वह बार-बार संजीव को निर्दोष बता रही है।

बुधवार को नन्हीं देवी ने बताया कि पड़ोसी ने पति को घेरकर बेटे का अपहरण कर लिया। थाने में उनकी सुनवाई नहीं हुई। उन्हीं के पति पर हत्या का आरोप लगाकर जेल भेज दिया। संजीव के पिता मिढई लाल, भाई अंबरीश भी दूसरों पर ही आरोप लगा रहे हैं।


मुखिया गया जेल, रोजी-रोटी का संकट
मेहनत-मजदूरी कर संजीव अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहा था। उसके परिवार में पत्नी नन्हीं देवी के अलावा बेटे सौरभ व बेटी रूबी हैं। गौरव की हत्या में पुलिस ने संजीव को जेल भेज दिया। ऐसे में नन्हीं देवी के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। नन्हीं देवी ने बताया कि उनके हिस्से में तीन बीघा जमीन है। बच्चों को पालने के लिए वह खुद मेहनत-मजदूरी करेंगी।

सो नहीं पाईं नन्हीं, चेहरे पर दिख रही मायूसी
अपने बेटे गौरव की मौत के बाद मां नन्हीं देवी का बुरा हाल है। बेटे की मौत और पति के जेल जाने पर उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बोली कि गम में वह पूरी रात सो नहीं पाई।


पहले बरगलाता रहा, शव मिलने पर रो पड़ा संजीव

रंजिश का बदला लेने के लिए मासूम बेटे को निर्दयता के साथ खन्नौत नदी के पुल से नदी में फेंकने वाला संजीव कुमार शुरुआत में पुलिस को बरगलता रहा। प्रारंभ में उसके चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी। पुलिस के भरोसे में लेने पर रात करीब तीन बजे नदी में उसके बताए स्थान पर शव की तलाश शुरू हुई। 

बेटे का शव मिलने पर वह रो पड़ा। पुलिस की गिरफ्त में वह दहाड़े मारकर रोता रहा। गिरफ्तारी के बाद कचहरी में वकीलों ने उसके कृत्य पर नाराजगी जताई। यहां भी वह रोता रहा। इंस्पेक्टर धर्मेंद्र गुप्ता ने बताया कि जेल जाते समय संजीव के चेहरे पर पछतावे के भाव थे। पुलिस की गिरफ्त में वह कई बार रोया था। 


Credit By Amar Ujala

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