यूपी – हाथरस सड़क हादसा: मां-बेटे की मौत से मुकुंद खेड़ा में पसरा सन्नाटा, गांव के कई घरों में नहीं जले चूल्हे – INA

नगला भुस बाईपास के निकट रोडवेज बस और माल वाहक वाहन की भिड़ंत में सासनी क्षेत्र के गांव मुकुंद खेड़ा निवासी मां-बेटे की भी जान गई है। हादसे के बाद गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। हालांकि मृत मां व बेटे के शवों का अंतिम संस्कार आगरा जिले के गांव गांव सैमरा में किया गया। परिजनों ने वहां जाकर ही उनके अंतिम संस्कार में भाग लिया।

उल्लेखनीय है कि गांव मुकुंद खेड़ा में राजुद्दीन व हासिम की दादी अंगूरी के चालीसवां में शामिल होने के लिए दोनों भाइयों की ससुराल आगरा जिले के खंदौली थाना क्षेत्र के गांव सैमरा से ससुराल पक्ष के लोग माल वाहक वाहन में सवार होकर आए थे। शाम करीब 5.30 बजे ससुराल पक्ष के सभी लोग दावत खाकर लौटने लगे तो हासिम की पत्नी खुशबू ने भी मायके जाने की जिद की। खुशबू की जिद पर पति हासिम ने बच्चों के साथ मायके जाने की अनुमति दे दी।

 

खुशी खुशी अपने ससुराल वालों से विदा लेकर खुशबू मायके जाने लिए वाहन में बैठ गई। सभी परिजनों ने खुशबू सहित ससुराल से आए सभी लोगों को राजी-खुशी विदा किया। ग्रामीणों व पड़ोसी का कहना है कि हमें क्या पता था कि हंसते-हंसते विदा होने वाले सभी लोग आंखों में आंसू दे जाएंगे। हादसे की गांव में पहुंचते ही परिवार और गांव के लोग जिला अस्पताल की ओर दौड़ पड़े। इस हादसे में खुशबू और उनके छोटे बेटे उजैब की मौत हो गई। बड़ा बेटा नाजिम घायल है। हालांकि खुशबू व उजैब के शव गांव में नहीं लाए गए। गांव सैमरा में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया। घटना के बाद से गांव के कई घरों में चूल्हे तक नहीं जले। अब पड़ोसी व अन्य सदस्य गांव सैमरा से मृतका के परिवारीजनों के लौटने का इंतजार कर रहे हैं। 

दोनों भाइयों की ससुराल है गांव सैमरा में 


राजुद्दीन व हासिम दोनों की भाइयों की ससुराल गांव सैमरा में है। दोनों भाइयों को चाचा-ताऊ की बहनें ब्याही हैं। राजुद्दीन की बड़ी बहन अख्तरी व हासिम की छोटी बहन खुशबू के साथ शादी हुई है। 

तीन महीने से मां से नहीं मिली, चार दिन में मिलकर लौट आऊंगी
खुशबू के पति हासिम की मां के चालीसवां में शामिल होने गांव सैमरा से मायके पक्ष के 34 लोग आए थे। मायके पक्ष के लोगों को देखकर खुशबू भावुक हो गई और मायके वालों के साथ जाने की जिद करने लगी। खुशबू ने अपने पति हासिम से कहा कि मैं अपनी मां से तीन महीने से मिली नहीं हूं, उनको देखने का बहुत मन कर रहा है। मुझे अपने मायके वालों के साथ ही चले जाने दो। मैं बस चार दिन में मां से मिलकर लौट आऊंगी। मां के जाने की बात सुनकर दोनों बच्चों ने भी जाने की जिद की थी। लिहाजा हासिम ने मां के साथ दोनों बच्चों को जाने की अनुमति दे दी थी। हासिम को क्या पता था कि उसका तो संसार ही उजड़ जाएगा।  

मां के लौटने का इंतजार कर रहा नाजिम, हादसे से सहमा 
नाजिम अपनी मां खुशबू और भाई उजैब के साथ गांव सैमरा अपनी नानी के यहां जाने के लिए गया था। हादसे में मां खुशबू व छोटे भाई उजैब की मौत हो गई। फिलहाल नाजिम गांव में बेहोशी की स्थिति में है। छह वर्ष का नाजिम गुमसुम है और अपनी मां व भाई के लौटने का इंतजार कर रहा है। उसको यह नहीं पता था कि हादसे में वह अपनी मां और साथ खेलने वाले भाई को खो देगा। फिलहाल परिवार के अन्य सदस्यों के साथ नाजिम गांव मुकुंदखेड़ा में है। इधर, परिजनों ने बच्चे को मां व भाई की मौत के बारे में अभी कुछ नहीं बताया है। यहां तक नाजिम हादसे के बाद से कुछ भी नहीं बोल पा रहा है। हादसे के बाद से नाजिम सहमा बैठा हुआ है। वह किसी को कुछ भी नहीं बता पा रहा है। 

मेरे छोटे भाई की पत्नी खुशबू चालीसवां की दावत खाकर मायके पक्ष के साथ बैठकर गई थी। हमें क्या पता था कि वह अब कभी घर लौटकर नहीं आएगी। खुदा को जो मंजूर था, उसने कर दिखाया। पूरे परिवार का माहौल गमगीन है। अब मात्र छह साल का नाजिम ही बचा है।-पिंटू निवासी मुकुंदखेड़ा। 
मेरी छोटी देवरानी अपने बच्चों के साथ दावत खाकर सही सलामत गई थी। वह रास्ते में सड़क हादसे का शिकार हो गई। हमें क्या पता था कि आज यह दिन देखने को मिलेगा। परिवार में छह साल का नाजिम एवं पिता ही बचे हैं। घायल की परवरिश खुद में करुंगी और एक सहारा बनूंगी।-नेहा, जेठानी। 
 मेरे छोटे भाई की पत्नी खुशबू एवं ढाई माह के बच्चे उज्जैब की हादसे में मौत से पूरा परिवार दुखी है। घर में एक मात्र छह साल का मासूम नाजिम ही बचा है। भाई का पत्नी एवं बेटे की मौत से बुरा हाल है।-बबलू, जेठ।


Credit By Amar Ujala

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