खबर शहर , UP News: हाईकोर्ट से मिली बेल… रिहाई का परवाना पहुंचने से पहले जेल में रिटायर्ड कर्नल की मौत; जानें माजरा – INA

उत्तर प्रदेश के आगरा में सेवानिवृत्त कर्नल विजय तोमर (60) की रिहाई का परवाना जेल तक पहुंचने से पहले मौत हो गई। जेल प्रशासन ने उन्हें एसएन मेडिकल कॉलेज भेजा। चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजन ने जेल प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सुबह 9:38 बजे जेल के पीसीओ से पत्नी और साढ़ू से बातचीत की थी। वह बिल्कुल स्वस्थ थे। 

शमसाबाद रोड स्थित मान विहार कॉलोनी निवासी विजय तोमर सेवानिवृत्ति के बाद एबीएस इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी चला रहे थे। वह कंपनी के निदेशक थे। कंपनी के माध्यम से जूतों का कारोबार किया करते थे। कंपनी की ब्रांच देश के साथ विदेशों में भी हैं। वह करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के मामले में जिला जेल में विचाराधीन बंदी थे। 


उनकी कंपनी के निदेशक प्रशांत लवानिया ने बताया कि कारोबारी सुनीता राना ने उनके निदेशक विजय तोमर व अन्य के विरुद्ध करीब तीन करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। यह मुकदमा व्यापारिक लेनदेन को लेकर थाना सिकंदरा में दर्ज कराया गया था। इस मामले में पुलिस ने 23 अगस्त 2024 को विजय तोमर को जेल भेजा था।
 


तभी से विजय जिला जेल में निरुद्ध थे। उनकी पत्नी अलका तोमर ने बताया कि उनकी सोमवार को ही उच्च न्यायालय, इलाहाबाद से जमानत स्वीकृत हो गई थी। मंगलवार की सुबह 9:38 बजे उन्होंने जेल के पीसीओ से उनसे और साढ़ू प्रताप सिंह से फोन पर बातचीत की थी। कहा था कि जमानत के लिए तैयारी कर लें। वह मंगलवार को रिहा हो जाएंगे। कागजात पूरे करा लें।
 


इस दौरान उन्होंने अपनी तबीयत आदि के बारे में कोई बात नहीं कही थी। उन्हें कोई बीमारी नहीं थी। जेल से अपराह्न करीब 3 बजे उन्हें तबीयत बिगड़ने की सूचना दी गई। तोमर के साथी कंपनी के निदेशक प्रशांत कुमार ने आरोप लगाया कि जेल का एक सिपाही उन्हें लेकर एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी पहुंचा और मृत अवस्था में स्ट्रेचर पर डालकर चला गया। जब परिजन एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो उन्हें मृत देखकर कोहराम मच गया।
 


हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग

परिजन का आरोप है कि दो दिन पूर्व भी जेल में मुलाकात हुई थी, वह बीमार होते तो इसका जिक्र करते। उन्होंने जेल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। शव के पोस्टमार्टमगृह पहुंचने पर परिजन ने पैनल से पोस्टमार्टम कराने और जेल प्रशासन के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है। इस संबंध में थाने में तहरीर भी दी है।
 


पिता के साथ बेटी बंटाती थी कारोबार में हाथ

सेवानिवृत्त कर्नल विजय तोमर की जूता कंपनी का कारोबार श्रीलंका, घाना और नाइजीरिया में भी है। उनकी दो बेटियों में बड़ी बेटी विवाहित है, जबकि छोटी बेटी देविका पिता के साथ कारोबार में हाथ बंटाती है। सेवानिवृत्त कर्नल की मौत से घर में कोहराम मच गया। मां-बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजन का आरोप है कि जेल में उनकी हत्या कर दी गई। इसकी उच्च स्तरीय जांच की जाए।


हाई बीपी के मरीज थे

विचाराधीन बंदी विजय तोमर ब्लड शुगर और हाई बीपी के मरीज थे। छह बार जेल की ओपीडी में उनका उपचार कराया जा चुका था। मंगलवार दोपहर को पसीना आने और घबराहट होने पर एसएन रेफर किया गया था, जहां मौत हो गई। -हरिओम शर्मा, जेल अधीक्षक


Credit By Amar Ujala

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