देश – गाजियाबाद में 24 जोड़ों ने दिखाई समझदारी, राष्ट्रीय लोक अदालत में दो लाख से अधिक वादों का हुआ निस्तारण – #NA

Ghaziabad News : राष्ट्रीय लोक अदालत में जहां कुल मिलाकर 2,25,324 वादों का निस्तारण हो गया वहीं 197 पारिवारिक विवाद भी सुलझ गए। राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्ष बैठे और आपसी सह‌मति से जिंदगी की राह पर आगे बढ़ने का निर्णय लिया। टूटन की पीड़ा सह रहे 24 जोड़ों ने कोर्ट के समक्ष न केवल साथ रहने की हामी भरी बल्कि आपस में मिलकर मुश्किलों से लड़ने का भी प्रण लिया। कई जोड़े रोते हुए एक- दूसरे से मिलते देखे गए। दरअसल मिलन की खुशी के आंसू, एक – दूसरे की जरूरत और अहसास पाकर संभाले नहीं संभल रहे थे।

पारिवारिक विवाद के 197 मामलों का निस्तारण

गाजियाबाद के कोर्ट परिसर में शनिवार को लगी राष्ट्रीय लोक अदालत में पारिवारिक विवाद के 197 मामले आपसी सहमति से निपट गए। इनमें से अधिकतर मामले बहुत ही मामूली थे, लोक अदालत में दोनों पक्षों में बात की शुरूआत हुई तो दूरियां खुद- ब- खुद दूर हो गईं। 24 जोड़ों को कोर्ट में समक्ष फिर से एक साथ रहने की हामी भरी और खुशी- खुशी अपने घर लौट गए। कुछ मामलों में पति- पत्नी, दोनों ने मिलकर बच्चों का भविष्य संवारने की ठानी तो कई मामलों में बच्चों ने भी माता-पिता के बीच सेतु का काम किया।

बात होते ही एक हो गई राह

राष्ट्रीय लोक अदालत ने कई नवविवाहित जोड़ों को एक करने का काम किया जो साल- दो साल साथ रहने के बाद जुदा हो गए थे। दरअसल मामूली बातों में रिश्तों में आई दरार को पाटने के लिए कभी दो बातें होने का मौका ही नहीं आया और छोटी सी दरार खामखां दूरियों में तब्दील होती चली गई। लोक अदालत ने पति- पत्नी को आमने- सामने बैठकर बात करने का मौका दिया तो आंखों ने ही आंखों की भाषा समझने में देर न की। दोनों ओर से बस एक ही आवाज आई, आ अब लौट चलें।

सास- ससुर के साथ रहने का राजी नहीं थी पत्नी

गोविंदपुरम में रहने वाले मनोज (काल्पनिक नाम) की शादी 2017 में दिल्ली के शाहदरा इलाके में रहने वाली युवती के सााथ हुई थी। शादी के बाद करीब दो साल तक दोनों गोविंदपुरम में ही एक साथ रहे। दरअसल युवक अपने माता-पिता की इकलौती संतान है। पत्नी, सास- ससुर से आजादी चाहती थी, इसलिए पति पर अलग रहने के लिए दवाब बना रही थी, लेकिन पति माता- पिता को किसके भरोसे छोड़कर जाए, समस्या बड़ी थी। इसलिए पत्नी मायके जाकर रहने लगी,

गोंविदपुरम के सुनसान घर में लौटीं खुशियां

पत्नी को घर वापस लाने के लिए मनोज ने कोर्ट में दर्खास्त दी थी, मामला लोक अदालत के समक्ष मामला पहुंचा तो अदालत ने दोनों को आमने सामने बैठकर बात करने और सहमति का रास्ता तलाशने का मौका दिया। विवाहिता न केवल पति के साथ रहने का तैयार हो गई बल्कि अब उसने खुशी- खुशी सास- ससुर के साथ रहने की भी इच्छा जाहिर की है। कोर्ट ने दोनों को साथ रहने की इजाजत देते हुए घर भेज दिया और गोविंदपुरम के सुनसान पड़े घर में खुशियां लौट आईं।

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम

Source link

Back to top button