खबर शहर , UP: ट्रेनों को निशाना बनाने वाले माड्यूल की तलाश…इन तीन राज्यों में NIA छान रही खाक; इस कारण बढ़ीं मुश्किलें – INA

कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को निशाना बनाने की साजिश की जांच कर रही एनआईए को तीन राज्यों में बीते दो माह के दौरान अचानक सक्रिय हुए माड्यूल के सदस्यों की तलाश है। इस मामले की तह तक जाने के लिए एनआईए पश्चिमी उप्र के कुछ जिलों में खाक छान रही है। 

वहीं एटीएस और एसटीएफ को स्थानीय स्तर पर ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश के सुराग तलाशने को कहा गया है। दरअसल, कालिंदी एक्सप्रेस को बेपटरी करने की साजिश रचे जाने के बाद केंद्रीय एजेंसियों ने दखल देते हुए जांच की कमान अपने हाथ में ले ली है। 

जांच एजेंसियों ने बीते कुछ तीन माह के दौरान ट्रेनों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं की मैपिंग की तो सामने आया कि अधिकतर घटनाएं बिहार, यूपी और राजस्थान में अंजाम देने की साजिश रची गई। साल के शुरुआती छह माह के दौरान जहां कोई घटना सामने नहीं आई, तो उसके बाद तीन माह के भीतर इनकी संख्या अचानक बढ़ने लगी। 

इससे एजेंसियों को संदेह है कि कोई माड्यूल ट्रेनों को निशाना बनाने की साजिश को अंजाम देने की फिराक में है। इनके निशाने पर बिहार, यूपी और राजस्थान का रेलवे ट्रैक है। यूपी में भी खासकर कानपुर और उसके आसपास ऐसे अधिकतर मामले सामने आए हैं। एनआईए अब अपनी जांच इसी आधार पर . बढ़ा रही है। 


पश्चिमी उप्र में कुछ संदिग्धों से पूछताछ के अलावा आतंकी संगठनों में भी इसकी टोह लेने का प्रयास जारी है। केंद्रीय जांच एजेंसियों की पड़ताल जिस दिशा में . बढ़ रही है, उससे साफ है कि इस पूरे घटनाक्रम को सोची-समझी साजिश के तहत अंजाम दिया जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि ट्रेनों को निशाना बनाने का मकसद केंद्र सरकार को बदनाम करके देश में राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न करना है।


तबादलों ने भी बढ़ाई मुश्किल
बीते दिनों जीआरपी में हुए तबादलों ने भी रेलवे की मुश्किलें बढ़ाई हैं। दरअसल, जीआरपी के कर्मचारियों को उनके गृह जिले और आसपास तैनात करने का कुछ माह पूर्व आदेश हुआ था।


इसका मकसद कर्मचारियों का अपने गृह जनपद में रहने पर मुखबिर तंत्र को बेहतर तरीके से विकसित करने और स्थानीय लोगों के बीच पैठ बनाना था। इससे ट्रेनों के भीतर और बाहर होने वाली घटनाओं पर अंकुश लगने की उम्मीद थी। हालांकि इस आदेश को बदल दिया गया और कर्मचारियों को दोबारा दूरस्थ जिलों पर तैनाती दी जाने लगी।


Credit By Amar Ujala

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