यूपी- आगरा: ताजमहल में जल चढ़ाने वालों की ‘जीत’, ASI की केस रद्द करने की अपील कोर्ट में खारिज – INA
दुनिया के आंठवे अजूबों में शामिल और मौहब्बत की निशानी माने जाने वाले आगरा के ताज महल में जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक की मांग को लेकर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज इस विवाद में योगी यूथ ब्रिगेड की बड़ी जीत हुई है और कोर्ट ने एएसआई की अपील को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने यूनियन ऑफ़ इंडिया को पक्षकार बनाने के आदेश देते हुए अगली सुनवाई की तारीख तय कर दी है.
दरअसल, योगी यूथ ब्रिगेड के ताजमहल को तेजोमहालय बताकर जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक की मांग को कोर्ट में दाखिल किया था. न्यायाधीश मृत्युंजय श्रीवास्तव की अदालत ने सोमवार दोपहर प्रतिवादी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की अपील और आपत्ति खारिज करके केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को प्रतिवादी बनाने की सहमति दी है.
एएसआई की अपील खारिज
लघुवाद न्यायालय में न्यायाधीश मृत्युंजय श्रीवास्तव की अदालत में हुई सुनवाई के बाद सोमवार दोपहर प्रतिवादी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की अपील और आपत्ति खारिज करके केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को प्रतिवादी बनाने की सहमति दी है. योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने सावन माह में अदालत में एक वाद दायर किया था इसमें मांग की गई थी कि तेजोमहालय में भगवान महादेव के जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक की उनको कोर्ट से सहमति दी जाए. इस मामले में 13 सितंबर को सुनवाई के बाद न्यायधीश ने फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसे 16 सितंबर यानी सोमवार को सुनाने की तारीख दी थी.
13 सितंबर को हुई थी सुनवाई
13 सितंबर की सुनवाई में कोर्ट में प्रतिवादी एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल के अधिवक्ता विवेक कुमार ने न्यायालय में आपत्ति दाखिल की थी जिसमें कहा गया था कि एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल एक सरकारी अधिकारी है जिन पर मुकदमा नहीं चल सकता है. एएसआई ने कोर्ट से अपील की थी कि इस मामले में भारत सरकार को प्रतिवादी बनाया जाए. इस वाद पर प्रतिवाद करते हुए सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष के वकील ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि धारा 80 सीपीसी का नोटिस देकर सरकारी अधिकारी पर मुकदमा किया जा सकता है. कोर्ट में दोनों पक्षों की बहस के बाद न्यायालय ने आदेश सुरक्षित रख लिया था.
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