खबर शहर , UP: हम सब भूखे मर जाएंगे, लेकिन 6500 रुपये मुआवजे की राशि नहीं लेंगे, फिरोजाबाद नौशहरा के लोगों का दर्द… – INA

हम सब भूखे मर जाएंगे, लेकिन 6500 रुपये मुआवजे की राशि नहीं लेंगे। मुआवजे के नाम पर प्रशासन ने हमारा मजाक बना दिया है। हमें जितनी धनराशि मुआवजा बतौर दी जा रही है। उससे तो सीमेंट-बालू भी नहीं आएगा। प्रशासन हमें हमारा मकान बनवाकर दे या फिर दो से तीन लाख रुपये तक का मुआवजा दे। यह कहना था कि हादसे की पीड़ित माया देवी का। कैबिनेट मंत्री ने जब महिलाओं का दर्द नहीं सुना, तो उन्होंने मीडिया के सामने चीख-चीखकर यह बातें कहीं।

आक्रोशित महिलाओं ने आरोप लगाया कि सुबह हम सभी को चाय पिलाकर छोड़ दिया। हादसे में हमारा सब कुछ तबाह हो गया है। हम लोग अपने बच्चों को लेकर सड़कों पर रहने को मजबूर हैं। कोई हमारी सुनने वाला नहीं है। पांच दिन बाद प्रशासन से हमें मुआवजे की उम्मीद बंधी, लेकिन वो भी मकानों की मरम्मत के लिए दिए जाने वाले मुआवजे की 6500 रुपये की धनराशि सुनकर टूट गई। हम अपने बच्चों को कहां ले जाएं।

 


ग्रामीण रविवार को धरने पर बैठ गए। मांग की है कि इस हादसे में घायलों को 10-10 लाख रुपये दिए जाएं। वहीं मृतक आश्रितों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। साफ कहा कि हम सभी भूखे मर जाएंगे, लेकिन मुआवजा नहीं लेंगे। 6500 रुपये के मुआवजे से हमारे मकानों की मरम्मत के लिए सीमेंट-बालू तक नहीं आएगा। कुछ इसी तरह अन्य आक्रोशित महिलाओं ने भी प्रशासन पर आरोप लगाए।

 


मुआवजे की रकम सुनकर भड़के ग्रामीण, फूटा गुस्सा
गांव में जैसे ही जमींदोज हो चुके मकानों को बनवाने के लिए 1.20 लाख रुपये तथा मरम्मत के लिए 6500 रुपये का मुआवजा देने की बात फैली। ग्रामीणों को गुस्सा सांतवे आसमान पर पहुंच गया। वह बुरी तरह भड़क गए। ग्रामीणों का आरोप था कि प्रशासन ने उनकी मजबूरी का मजाक बनाकर रख दिया है। हमारे मकानों की मरम्मत करवाकर प्रशासन दे।
 


महिलाओं की आंखों से छलक उठे आंसू
कैबिनेट मंत्री, डीएम-एसएसपी, एसडीएम ने जब पीड़ितों की व्यथा नहीं सुनी, तो उनकी आखों से आंसू छलक उठे। महिलाएं खूब रोयीं। वह फूट-फूटकर रोने लगीं। बुजुर्ग महिलाएं भी अपने हालातों पर रो रही थीं। उन्होंने रोते-रोते मीडिया को अपनी व्यथा सुनाई। संवाद आक्रोशित महिलाओं ने पूर्व प्रधान की एक न सुनीशिकोहाबाद। मुआवजे की रकम सुनकर भड़की हुईं महिलाओं को समझाने और शांत कराने जब पूर्व प्रधान विक्रम कुशवाहा पहुंचे, तो एक बार उन्होंने पीड़ितों को मिलने वाले 6500 रुपये के मुआवजे की बात को तोड़-मरोड़कर पेश करने का प्रयास किया, लेकिन महिला-पुरुष नहीं माने। वह शासनादेश के मुताबिक मिलने वाले मुआवजे की रकम को लेकर भड़के हुए थे। उन्होंने पूर्व प्रधान की एक न सुनी।


Credit By Amar Ujala

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