यूपी – UP News: 21 अफसरों और कर्मियों की मिलीभगत से हुआ भूमि अधिग्रहण घोटाला, मंडलायुक्त ने शासन को भेजी रिपोर्ट – INA
बरेली-सितारगंज हाईवे चौड़ीकरण और रिंग रोड के भूमि अधिग्रहण घोटाले में मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने चार भूमि अध्याप्ति अधिकारियों, एनएचएआई के दो परियोजना निदेशकों समेत 21 अधिकारियों-कर्मचारियों व एक निजी कंपनी के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेज दी है। इनमें दो भूमि अध्याप्ति अधिकारियों व एक वैल्युअर के नाम डीएम बरेली की जांच रिपोर्ट में पहले भी शासन को भेजे गए थे।
मंडलायुक्त की रिपोर्ट में दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों के 18 नए नाम हैं। रिपोर्ट में छह अधिकारियों के अलावा सर्वे व मूल्यांकन में शामिल दो निजी फर्मों के दो साइट इंजीनियरों, पांच कर्मचारियों, सात लेखपालों और एक अमीन को प्रारंभिक तौर पर दोषी माना गया है। इस घोटाले में अब तक 80 करोड़ रुपये की हेराफेरी सामने आ चुकी है। अभी तक 50 लाख रुपये से अधिक मुआवजे वालों के नामों की ही जांच की गई है।
तहसील अफसरों को नहीं दी थी अधिसूचना की जानकारी
इसके अलावा बाहर से आकर हाईवे के रूट में अधिग्रहण की जाने वाली जमीनें पहले से खरीदने वाले 19 लोगों के नाम भी शासन को रिपोर्ट में भेजे गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक समिति ने जांच में पाया कि बरेली के भूमि अध्याप्ति अधिकारी और एनएचएआई की बरेली इकाई के परियोजना निदेशक कार्यालय ने तहसील के अफसरों को अधिग्रहण की अधिसूचना की जानकारी नहीं दी।
रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में पीलीभीत और बरेली में तैनात रहे भूमि अध्याप्ति अधिकारियों की पर्यवेक्षणीय शिथिलता व उनके कार्यालय की लापरवाही सामने आई है। जांच टीम इसी वजह से उनकी भूमिका संदिग्ध बताई।